नरक चतुर्दशी के दिन करें ये काम, मिलेगा कभी कष्टों से छुटकारा !

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन “नरक चतुर्दशी” का त्यौहार मनाया जाता है। इसे नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाये जाने के कारण इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं। इस साल नरक चतुर्दशी 14 नवंबर, शनिवार के दिन मनाया जायेगा। तो चलिए इस लेख में आपको नरक चतुर्दशी के दिन किये जाने वाले कुछ ऐसे उपाय बताते हैं, जिन्हें करने से आपकी बहुत सी परेशानियां कम हो जाएँगी। 

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात

क्या है नरक चतुर्दशी ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी के मृत्यु के देवता “यमराज” की पूजा की जाती है। इस दिन शाम के समय दिया जलाते हैं और यमराज की पूजा कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और अच्छे  स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस वध किया था, तभी से इस दिन को नरक चतुर्दशी कहते हैं । इस दिन घर से दूर एक यम का दीपक जलाया जाता है। 

बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

नरक चतुर्दशी के दिन किये जाने वाले उपाय 

  • नरक चतुर्दशी के दिन सुबह सूर्य निकलने से पहले उठ जाएं और अपने पूरे शरीर पर तिल्ली का तेल मल लें। अब अपामार्ग (चिचड़ी) जो कि एक औधषीय पौधा होता है उसकी पत्तियों को पानी में डालकर नहा लें ऐसा करने से व्यक्ति को नरक के भय से मुक्ति मिलती है। 
  • इस दिन स्नान के बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर के हाथ जोड़कर खड़े हो जाये और यमराज से प्रार्थना करें। ऐसा करने से साल भर आपके द्वारा किए गए पापों का नाश हो जाता है।
  • नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन स्नान के बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से सौंदर्य की प्राप्ति भी होती है।
  • इस दिन शाम के समय सभी देवताओं की पूजा अर्चना करने के बाद तेल का दिया जलाएं और घर की चौखट के दोनों ओर रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से लक्ष्मी जी हमेशा घर में निवास करती हैं। 
  • मान्यतानुसार नरक चतुर्दशी की रात एक बड़ा सा दीपक जलाएं। इसे पूरे घर में घुमाएं और फिर उसे घर से बाहर कहीं दूर ले जाकर रख दें। इसे यम का दीया कहा जाता है। इस दीए को पूरे घर में घुमाकर बाहर ले जाने से घर की सभी बुरी और नकारात्मक शक्तियां घर से बाहर चली जाती है। 
  • नरक चतुर्दशी के दिन कुलदेवी, कुल देवता, और पितरों के नाम से भी दिया जलाएं। ऐसी मान्यता है कि इन दीपकों की रोशनी से पित्तरों को अपने लोक का रास्ता मिलता है और वे प्रसन्न होते हैं। 
  • संतान सुख प्राप्ति के लिए नरक चौदस के दिन दीपदान करना चाहिए। दीप दान से वंश की वृद्धि होती है। 

शिक्षा और करियर क्षेत्र में आ रही हैं परेशानियां तो इस्तेमाल करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

उम्मीद है इस लेख में नरक चतुर्दशी के दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में दी जानकारी आपको पसंद आयी होगी एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को नरक चतुर्दशी का हार्दिक शुभकामनाएं !

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

नवीनतम अपडेट, ब्लॉग और ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए ट्विटर पर हम से AstroSageSays से जुड़े।

आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.