नक्षत्र राशिफल से जानें, किस नक्षत्र के जातकों के लिए लकी रहेगा साल 2025?

नया साल यानी कि वर्ष 2025 दस्तक देने के लिए तैयार है और इसको लेकर आपके मन में उत्सुकता बढ़ रही होगी कि आने वाला साल आपके लिए कैसा रहेगा? करियर से लेकर लव लाइफ में कैसे मिलेंगे परिणाम? इन सभी बातों को ध्यान में रखकर एस्ट्रोसेज ने अपने पाठकों के लिए “नक्षत्र राशिफल 2025” का यह विशेष ब्लॉग तैयार किया है जहाँ आपको मन में उठने वाले हर सवाल का जवाब प्राप्त होगा। यह भविष्यफल पूरी तरह से नक्षत्रों पर आधारित है। अगर आप नक्षत्र राशिफल 2025 के द्वारा अपना भविष्य जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही हैं। यहां हम आपको नक्षत्र राशिफल के माध्यम से वर्ष 2025 के लिए भविष्यवाणी प्रदान कर रहे हैं।  

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ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व 

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों और नक्षत्रों को महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों की तरह ही नक्षत्रों का प्रभाव भी मनुष्य जीवन को प्रभावित करता है। बता दें कि ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं जबकि नक्षत्रों की संख्या 27 बताई गई है। धर्मग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि यह सभी 27 नक्षत्र प्रजापति दक्ष की 27 पुत्रियाँ हैं। मान्यता है कि ऋषि-मुनियों ने आकाश को 12 राशियों और 27 नक्षत्रों में विभाजित कर दिया था। इसके परिणामस्वरुप, एक राशि में तक़रीबन 2.25 नक्षत्र आते हैं। सभी नौ ग्रहों में हर ग्रह को तीन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 

हालांकि, शायद ही आप इस बात को जानते होंगे कि वैदिक ज्योतिष में आकाश में मौजूद तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इन्हीं नक्षत्र के आधार पर ज्योतिषीय गणना और सटीक भविष्यवाणी की जाती है। यह सभी 27 नक्षत्र चंद्रमा से जुड़े हुए होते हैं और पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करने में  चंद्रमा को लगभग 27 दिनों का समय लगता है। ऐसे में, हर दिन चंद्र देव एक नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। 

सामान्य शब्दों में कहें तो, जैसे सूर्य देव को मेष से मीन राशि तक का अपना एक राशि चक्र पूरा करने में एक साल का समय लगता है यानी कि यह एक महीने एक राशि में रहते हैं। ऐसे ही, सभी 27 नक्षत्रों में भ्रमण करने के समय को नक्षत्र मास कहा जाता है। अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं 27 नक्षत्रों के नाम से। 

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क्या आप जानते हैं 27 नक्षत्रों के नाम? 

ज्योतिष में वर्णित 27 नक्षत्रों के नाम इस प्रकार हैं: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती, पूर्वाभाद्रपद, मघा नक्षत्र। 

कौन सा नक्षत्र है आपका जन्म नक्षत्र?

ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति का जन्म होता है, तो  उस समय चंद्रमा की उपस्थिति जिस नक्षत्र में होती है, उसे ही व्यक्ति का जन्म नक्षत्र माना जाता है। बता दें कि सिर्फ राशिफल से ही नहीं, बल्कि जिन जातकों को अपने जन्म नक्षत्र के बारे में पता होता है, उनके बारे में सटीक भविष्यवाणी करना बेहद आसान हो जाता है। लेकिन, अगर आपको अपने जन्म नक्षत्र के बारे में जानकारी नहीं है, तो आप हमारे नक्षत्र कैलकुलेटर की सहायता से अपना जन्म नक्षत्र जान सकते हैं।

एक बार जब आपको अपने जन्म नक्षत्र का पता चल जाता है, तो आप अपनी कुंडली में उपस्थित सभी तरह के योगों, दोषों और अशुभ प्रभावों के बारे में जान सकते हैं। साथ ही, इनको शांत करने के उपाय भी जानकर अपना सकते हैं ताकि आप जीवन में अपार सफलता हासिल कर सकें। सिर्फ इतना ही नहीं, जब बात आती है विवाह की तो, हिंदू धर्म में वर और वधू की कुंडली मिलान में जन्म नक्षत्र पर गौर किया जाता है। 

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नक्षत्र राशिफल 2025: वर्ष 2025 के लिए नक्षत्र आधारित भविष्यफल 

अश्विनी नक्षत्र 

अश्विनी नक्षत्र राशि चक्र का पहला नक्षत्र है और इसका विस्तार मेष राशि में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

भरणी नक्षत्र 

भरणी नक्षत्र का विस्तार मेष राशि में 13.20 अंश से 26.50 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कृतिका नक्षत्र 

कृतिका नक्षत्र का विस्तार मेष व वृषभ राशि में 26.60 अंश (मेष)….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

रोहिणी नक्षत्र 

रोहिणी नक्षत्र का विस्तार वृषभ राशि में 10.1 अंश से 23.2 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मृगशिरा नक्षत्र 

मृगशिरा नक्षत्र का विस्तार वृषभ और मिथुन में 23.3 अंश से 6.40 अंश तक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

आद्रा नक्षत्र 

आर्द्रा नक्षत्र का विस्तार मिथुन राशि में 6.41 अंश से 20 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

पुनर्वसु नक्षत्र 

27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु नक्षत्र का विस्तार मिथुन और कर्क दोनों राशि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

पुष्य नक्षत्र 

पुष्य नक्षत्र का विस्तार समग्र रूप से कर्क राशि में 3.21 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

अश्लेषा नक्षत्र 

आकाश मंडल में अश्लेषा नक्षत्र का विस्तार कर्क राशि में 16.41 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मघा नक्षत्र 

मघा नक्षत्र राशि चक्र का दसवां नक्षत्र है, जो सिंह राशि में 0 अंश से 13.20 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र 

पूर्वा फाल्गुनी का विस्तार सिंह राशि में 13.21 अंश से 26.40 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का विस्तार 26.41 अंश (सिंह) से 10.00 अंश (कन्या राशि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

हस्त नक्षत्र 

नक्षत्रों के क्रम में हस्त नक्षत्र का विस्तार कन्या राशि में 10 अंश से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

चित्रा नक्षत्र 

चित्रा नक्षत्र का विस्तार 23.20 अंश (कन्या) से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

स्वाति नक्षत्र 

27 नक्षत्रों में से स्वाति नक्षत्र का विस्तार तुला….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

विशाखा नक्षत्र 

विशाखा नक्षत्र का विस्तार तुला और वृश्चिक राशि में 20 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

अनुराधा नक्षत्र 

अनुराधा नक्षत्र का विस्तार वृश्चिक राशि में 3.20 अंश से 16.40….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

ज्येष्ठा नक्षत्र 

ज्येष्ठा नक्षत्र का विस्तार पूर्ण रूप से वृश्चिक राशि में 16.40 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मूल नक्षत्र 

मूल नक्षत्र का विस्तार धनु राशि में 0 अंश से 13.20 अंश….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र 

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का विस्तार धनु राशि में 13.20 अंश से 26.40….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का विस्तार धनु और मकर राशि में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

श्रवण नक्षत्र 

श्रवण नक्षत्र का विस्तार मकर राशि में 10.00 अंश से 23.20….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनिष्ठा नक्षत्र 

धनिष्ठा नक्षत्र का विस्तार मकर और कुंभ राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

शतभिषा नक्षत्र 

शतभिषा नक्षत्र का विस्तार कुंभ राशि में 6.40 अंश से 20.00….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 

नक्षत्र मंडल में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का विस्तार कुंभ और मीन….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र 

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का विस्तार मीन राशि में 3.20 अंश से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

रेवती नक्षत्र 

रेवती नक्षत्र का विस्तार मीन राशि में 16.40 अंश से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. रेवती नक्षत्र का स्वामी कौन है?

ज्योतिष में रेवती नक्षत्र के स्वामी बुध को माना जाता है। 

2. धनिष्ठा नक्षत्र के देवता कौन हैं?

आठ वसु को धनिष्ठा नक्षत्र के देव माना गया है। 

3. क्या नक्षत्र राशिफल 2025 नक्षत्र पर आधारित है?

जी हाँ, वर्ष 2025 का नक्षत्र राशिफल पूर्ण रूप से नक्षत्र पर आधारित है।  

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