प्रत्येक साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। सनातन धर्म में यह पर्व सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस विशेष दिन भगवान शिव और उनके प्रिय नागों की पूजा की जाती है। साथ ही, मंदिरों में भक्तों की खास रौनक देखने को मिलती है।
इस खास अवसर पर भगवान शिव के मंदिरों में बहुत अधिक रौनक देखने को मिलती है। वैसे तो यह त्योहार देशभर के लगभग सभी राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन भारत, नेपाल और हिंदू आबादी वाले अन्य दक्षिण एशियाई देशों में इस दिन नाग देवता की पूजा करते हैं और शिवलिंग पर दूध का अभिषेक करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, मनोवांछित फल और अपार धन की प्राप्ति होती है। साथ ही, ग्रह दोषों से भी छुटकारा मिलता है।
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एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको नाग पंचमी 2024 के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जैसे कि तिथि, महत्व और मुहूर्त आदि। साथ ही, वर्ष 2024 की नाग पंचमी क्यों है ख़ास और कौन से योग बन रहे हैं? इस दौरान किन कामों को आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलेंगे। तो आइये बिना देर किये आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले बात करते हैं तिथि व मुहूर्त की।
नाग पंचमी 2024: तिथि व समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से इस साल ये तारीख 09 अगस्त 2024 को है।
पंचमी तिथि आरम्भ: 09 अगस्त, 2024 की मध्यरात्रि 12 बजकर 38 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त: 10 अगस्त, 2024 की मध्यरात्रि 03 बजकर 16 मिनट तक।
पूजा मुहूर्त
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त : 09 अगस्त की सुबह 05 बजकर 47 मिनट से 08 बजकर 26 मिनट तक
अवधि : 2 घंटे 39 मिनट
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नाग पंचमी पर शुभ योग
इस बार नाग पंचमी 2024 बहुत ही शुभ होगी क्योंकि इस दिन दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सिद्ध योग और शिव योग बन रहा है, जो बहुत अधिक फलदायी साबित होगा। बात यदि शिव योग की करें तो शिव योग को तंत्र या वामयोग भी कहते हैं और इस योग में भगवान शिव की पूजा करना और उनसे जुड़े उपाय करना आपके लिए शुभ साबित होगा। वहीं सिद्धि योग जिसे सिद्ध योग के नाम से भी जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष में सबसे शुभ और शक्तिशाली योगों में से एक है। इसका निर्माण एक विशेष समय पर तिथि, दिन और नक्षत्र के मेल से होता है।
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी का त्योहार नाग और सांपों की पूजा के लिए समर्पित है। दरअसल, सनातन धर्म में सभी जीव-जंतुओं को भगवान का दर्जा दिया गया है। इसी क्रम में, धर्मग्रंथों में नाग को भी देवता माना गया है जिनके सम्मान में नाग पंचमी का त्योहार हर साल मनाया जाता है और नागपंचमी के दिन आठ नागों की पूजा होती है। इनमें अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीक, कर्कट और शंख हैं।
हालांकि, हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का नागों के साथ बहुत अधिक पुराना रिश्ता रहा है, जिसकी झलक हमें देवी-देवताओं के चित्रों में देखने को मिलती है। भगवान श्री हरि विष्णु की शैय्या शेषनाग हैं और नाग देवता को ही भगवान शिव ने अपने गले में धारण किया है। इसलिए नाग पंचमी के त्योहार का विशेष महत्व है। इस दिन नाग व सांपों की पूजा करके, उन्हें दूध पिलाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली से कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है।
अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं नाग पंचमी 2024 पर कैसे करें नागों की पूजा।
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नाग पंचमी की पूजा विधि
- नाग पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले उठें और सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद देवी-देवताओं का ध्यान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- घर और मंदिर की सफाई करें और फिर गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करें।
- इसके बाद मुहूर्त में साफ चौकी पर नाग देवता का चित्र या मिट्टी से बने हुए सर्प की मूर्ति विराजमान करें।
- बता दें कि इस दिन इन्हीं अष्ट नागों की पूजा करने की परंपरा है।
- अब नाग देवता को चावल, रोली और हल्दी समेत आदि चीजें अर्पित करें।
- इसके बाद घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर विधि पूर्वक आरती करें और मंत्रों का जप करें।
- ध्यान रहे कि नाग पूजा के लिए पंचमी तिथि से एक दिन पहले यानी कि चतुर्थी तिथि पर केवल एक समय ही भोजन ग्रहण करें।
- अंत में नाग पंचमी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।
- नाग देवता को दूध का भोग का भोग लगाएं और जीवन में सुख-शांति बनी रहे इसके लिए प्रार्थना करें।
नाग पंचमी पर गलती से भी न करें ये काम
- यदि आप नाग पंचमी पर भगवान शिव और नाग देवता का दूध से अभिषेक कर रहे हैं तो भूलकर भी तांबे के बर्तन का इस्तेमाल न करें। इसके लिए पीतल के लोटे का ही इस्तेमाल करें।
- नाग पंचमी के दिन नागों को किसी भी तरह का कष्ट न पहुंचाएं। उनको कष्ट देने से आप पाप के भागीदार बन सकते हैं।
- नाग पंचमी पर सांपों को गलती से भी दूध न पिलाएं क्योंकि सांप के लिए दूध ज़हर का काम कर सकता है।
- इस दिन तवे और कढ़ाई में भोजन पकाने से बचें। माना जाता है कि ऐसा करने से नाग देव को कष्ट पहुंचता है।
- इसके अलावा, नुकीली और धारदार चीज़ों जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का उपयोग न करें क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
- नाग पंचमी पर जमीन की खुदाई आदि से जुड़े कार्य भी करने से बचें क्योंकि ऐसा करने से जमीन के अंदर सांपों के बिल टूट सकते हैं, जिसका दोष आप में लग सकता है।
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नाग पंचमी से जुड़ी पौराणिक कथा
नाग पंचमी को लेकर कई कथाएं प्रचलित है। उसमें से पहली यह है कि समुद्र मंथन के दौरान नागों ने अपनी माता की बात नहीं मानी थी, जिसके चलते वह क्रोध में आ गई और अपने ही पुत्रों को जनमेजय के यज्ञ में जलकर भस्म होने का श्राप दे दिया। सभी नाग घबरा गए व परेशान होकर ब्रह्माजी की शरण में पहुंच गए और उनसे मदद की गुहार लगाने लगे। तब ब्रह्माजी ने कहा कि नागवंश में महात्मा जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि तुम सबकी रक्षा करेंगे और वहीं तुम्हें इस श्राप से बाहर निकाल पाएंगे। ब्रह्मा जी ने यह उपाय पंचमी तिथि को ही बताया था। इसके बाद जब राजा जनमेजय ने नागों को भस्म करने के लिए नाग यज्ञ प्रारंभ किया और अग्नि कुंड में आहुति के लिए मंत्रोच्चार करने लगे तो नाग जलने लगे।
तब आस्तिक मुनि ने उन नागों के जीवन की रक्षा की और उनके जलन को शांत करने के लिए उन्होंने नागों पर दूध डाला। आस्तिक मुनि ने सावन शुक्ल पंचमी को नागों के जीवन को बचाया था, इसलिए हर साल इस तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है और नागदेवता का दूध से अभिषेक किया जाता है।
एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ था तब किसी को भी रस्सी नहीं मिल रही थी। इस समय वासुकि नाग को रस्सी की तरह इस्तेमाल किया गया। देवताओं ने वासुकी नाग की पूंछ पकड़ी थी वहीं, दानवों ने उनका मुंह पकड़ा था। मंथन में पहले विष निकला था जिसे शिव भगवान में अपने कंठ में धारण किया था और समस्त लोकों की रक्षा की थी। वहीं, मंथन से जब अमृत निकला तो देवताओं ने इसे पीकर अमरत्व को प्राप्त किया। इसके बाद से ही इस तिथि को नाग पंचमी के पर्व मनाया जाने लगा।
तीसरी पौराणिक कथा के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को ही भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन में रह रहे लोगों की जान नाग को हराकर बचाई थी। श्री कृष्ण भगवान ने सांप के फन पर नृत्य किया था। जिसके बाद वो नथैया कहलाए थे। इसके बाद से ही नागों की पूजा की परंपरा चली आ रही है।
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नाग पंचमी पर राशि अनुसार करें उपाय, होगी हर मनोकामना पूर्ण
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना बेहद शुभ साबित होगा। इसके चलते आप राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन तांबे का एक छोटा सा टुकड़ा बहते हुए पानी में या तालाब में प्रवाहित करना चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को इस दिन मूंग की दाल जरूरतमंदों को दान करनी चाहिए। ऐसा करने से कालसर्प दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन बहते पानी में नारियल प्रवाहित करना चाहिए और भगवान शिव के मंदिर जाकर नाग के आकार की प्रतिमा चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक जीवन में स्थिरता प्राप्त होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन सूखा नारियल किसी जरूरतमंद को दान करना चाहिए। इससे आपके सारे काम बनने लगेंगे।
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कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन किसी बीमार या जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। इससे सेहत से जुड़ी समस्याओं से आपको छुटकारा मिलेगा।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन घर में शिव स्तुति करना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां आएंगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को नागपंचमी के दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और उन्हें पीले फूल और पीले लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों को नागपंचमी के दिन केसर वाले दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और उसके बाद गरीबों की सेवा करनी चाहिए।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन भंडारे का आयोजन करना चाहिए और काले तिल शिवलिंग व शहद से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को नागंचमी के दिन बहते पानी में नारियल प्रवाहित करना चाहिए और इस दौरान ‘ऊँ नागदेवताय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों को नागपंचमी के दिन ऊँ नम: शिवाय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए और रुद्राभिषेक अवश्य करना चाहिए।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. नाग पंचमी का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचम तिथि को मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से इस साल ये तारीख 09 अगस्त 2024 को है।
उत्तर 2. पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन आस्तिक नामक ब्राह्मण सर्प यज्ञ रोककर नागों की रक्षा की थी।
उत्तर 3. बिहार और उत्तर प्रदेश में नाग पंचमी के दिन मालपुआ बनाने का प्रचलन है।
उत्तर 4. इस दिन सांप मारना मना है।