आज से अमरनाथ गुफा के रास्ते भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। हर साल यहाँ बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए लाखों हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए आज श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना कर दिया है। ये हिन्दुओं के एक प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। इस साल अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से लेकर 15 अगस्त तक चलेगी, इसके बाद यात्रा इस साल के लिए बंद कर दी जाएगी।
भगवान् शिव के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है अमरनाथ
हिन्दू धर्म को मानने वाले और भगवान् शिव के उपासकों के लिए अमरनाथ एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। हर साल यहाँ श्रद्धालु बर्फ के बने शिवलिंग की पूजा आराधना के लिए आते हैं। वैसे तो इस गुफ़ा को लेकर बहुत सी रहस्य और कहानियां प्रचलित हैं लेकिन कुछ ऐसे भी रहस्य हैं जिनके बारे में आपको शायद ही मालूम होगा।
जान लें अमरनाथ गुफ़ा के इन रहस्यों के बारे में
हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अमरनाथ गुफ़ा में ही शिव जी ने पार्वती माता को अमरता का ज्ञान दिया था। इसलिए भी इसे प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में माना जाता है और इस जगह के प्रति लोगों के मन में विशेष श्रद्धा भाव भी है। ऐसी मान्यता है की अमरता का ज्ञान या अमरकथा भगवान् शिव किसी और को नहीं सुना सकते थे इसलिए वे माता पार्वती के साथ इस गुफा में आग गये।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, अमरनाथ गुफा से करीबन 96 किलोमीटर पहले भगवान् शिव अपने बैल नंदी के साथ विश्राम के लिए रुके। अमरनाथ आने वाले यात्री उस जगह पर जाकर नंदी की पूजा जरूर करते हैं, क्योंकि उनकी पूजा के बिना शिवलिंग की पूजा अधूरी मानी जाती है।
माना जाता है की शिव जी ने माता पार्वती को अमरता का ज्ञान देने से पहले सभी का त्याग कर दिया था। इसलिए अमरनाथ गुफा के रास्ते में एक शेषनाग झील आता है जहाँ उन्होनें अपने गले में पड़े साँपों को भी उतार दिया था।
इसके साथ जब वो पंचतरणी पहुंचे तो उन्होनें सभी पांच तत्वों का भी त्याग कर दिया। ऐसा माना जाता है की अमरनाथ गुफा में जब शिव जी पार्वती माता को अमरता का ज्ञान दे रहे थे उस समय उन दोनों के अलावा केवल कबूतर का एक जोड़ा था जो आज भी गुफ़ा में लोगों को दिखाई देता है।
अमरनाथ गुफा की सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि यहाँ गुफा के बाहर की बर्फ कच्ची होती है जबकि शिव जी का शिवलिंग पक्के बर्फ का बना होता है। इसके पीछे के रहस्य के बारे में आज तक किसी को कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।