मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती दिनों से ही आम आदमी को फायदा पहुंचाने के लिए कदम उठाती दिख रही है। अब मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम कंट्रीब्यूशन को 6.5 % से घटाकर 4 % करने का फैसला ले लिया है। आपको बता दें कि अब नियोक्ताओं का योगदान इसमें 3.25 फीसदी होगा जोकि पहले 4.75 फीसदी था। वहीं कर्मचारियों का शेयर 1.75 से घटकर केवल 0.75 फीसदी रहेगा। सरकार की इस योजना से 12.85 लाख नियोक्ताओं और 3.6 फीसदी कर्मचारियों को फायदा पहुँचेगा। दूसरी तरफ इस योजना के चलते कंपनियों को 5000 करोड़ रुपये की राहत मिल सकती है।
श्रम मंत्रालय ने दिया यह बयान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्रम मंत्रालय की ओर से ये बड़ा बयान जारी करते हुए कहा गया है कि ‘सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के तहत योगदान की दर 6.5 प्रतिशत घटाकर अब महज 4 फीसदी करने का फैसला किया है। इससे अब कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब नियोक्ता अधिक कर्मचारियों को ईएसआइ स्कीम से जुड़ने के लिए प्रेरित कर पाएंगे। इसके साथ ही असंगठित क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी संगठित क्षेत्र से जुड़ेंगे। इससे नियोक्ताओं को कारोबार चलाने में आसानी होगी जो ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ के लिए ज़रूरी है। इससे श्रम क़ानूनों का अनुपालन भी अच्छी तरह से होगा।’
आपको बताते चलें कि वर्तमान में 12.85 लाख नियोक्ताओं तथा 3.6 करोड़ कर्मचारियों द्वारा ईएसआइ स्कीम में प्रति वर्ष लगभग 22,279 करोड़ रुपये का योगदान किया जाता है। ईएसआइ एक्ट, 1948 के तहत बीमा के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को चिकित्सा की सुविधा के साथ मातृत्व, दिव्यांगता तथा आश्रित श्रेणी के तहत कई लाभ मिलते हैं। इसीलिए नियोक्ता और कर्मचारी दोनों अपने अपने हिस्से से शेयर देते हैं। इसके लिए केंद्रीय श्रम मंत्रालय शेयर की दर को निर्धारित करता है। भारत सरकार ने 2016 के दिसंबर माह से 2017 के जून माह तक ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इस स्कीम से जोड़ने का काम किया था। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों के सभी जिलों को ईएसआइ के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया था।