13 जुलाई को मिथुन में शुक्र का प्रवेश: इन राशियों के भाग्य-आर्थिक स्थिति और संपन्नता में वृद्धि के योग!

ज्योतिष में सुख, सुविधा और विलासिता की वस्तुओं के प्रदाता का दर्जा शुक्र ग्रह को प्राप्त है। काल गणना के अनुसार जुलाई के महीने में शुक्र ग्रह 13 तारीख को मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र के इस राशि परिवर्तन का लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। इससे लोगों के जीवन में नवीन ऊर्जा का संचार होगा, साथ ही कुछ ऐसे विशेष राशियाँ भी हैं जिन पर माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा रहने वाली है।

यानी कि 1 महीनों तक कुछ विशेष राशियों के सितारे बुलंदियों पर रहने वाले हैं। कौन सी है वह राशियाँ, और आपकी राशि पर शुक्र के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए यह लेख अंत तक अवश्य पढ़ें। इसके अलावा यदि कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर या दुर्बल अवस्था में हो इससे क्या कुछ प्रभाव पड़ते हैं और इसके दुष्प्रभाव को दूर करने के क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं इन बातों की जानकारी भी इस ब्लॉग के माध्यम से आपको प्रदान की जा रही है।

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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर समय

सबसे पहले बात कर लें समय की तो शुक्र का मिथुन राशि में यह गोचर 13 जुलाई, 2022 को सुबह 11 बजकर 01 मिनट पर होने जा रहा है। इसके बाद 7 अगस्त तक शुक्र ग्रह इसी राशि में रहेंगे और उसके बाद कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

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कमजोर शुक्र लक्षण और उपाय 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शुक्र ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थिति या मजबूत स्थिति में होता है तो ऐसे जातकों को सुख समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही ऐसे लोगों को हर काम में सफलता मिलती है। वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर हो जाता है ऐसे जातकों को शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए विस्तार से समझाते हैं शुक्र ग्रह के कमजोर होने के लक्षणों के बारे में।

  • जब व्यक्ति का शुक्र ग्रह कमजोर होता है तो ऐसे व्यक्तियों के चेहरे की चमक कम होने लगती है। 
  • आंखों की रोशनी कम होने लगती है। 
  • ऐसे जातकों का आकर्षण खत्म होने लगता है। 
  • आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। 
  • लड़कों/पुरुषों के विवाह में परेशानी आने लगती है। 
  • वैवाहिक सुख में कमी होने लगती है। 

ऐसे में कमजोर शुक्र से पीड़ित जातकों को ज्योतिष के जानकार कुछ उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या हैं वो उपाय आइए जान लेते हैं: 

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शुक्र को मजबूत करेंगे ये उपाय

  • शुक्र से संबंधित चीजें जैसे चावल, चांदी, घी, दही, शक्कर, का दान करें। 
  • शुक्रवार के दिन चीटियों को आटा और चीनी खिलाएं। 
  • शुक्रवार का व्रत रखें। 
  • इसके अलावा आप चाहे तो हीरा, पुखराज, या जरकन रत्न पहन सकते हैं। हालांकि इससे पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लें। 
  • जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग शामिल करें। 
  • नहाने के पानी में इलायची डालकर उससे स्नान करें।

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं शुक्र गोचर का सभी बारह राशियों पर क्या कुछ शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ने वाला है। 

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शुक्र का मिथुन राशि में गोचर: गोचरफल और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे भाव यानी कि धन और परिवार के भाव तथा सातवें भाव यानी कि साझेदारी और विवाह के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्नेश है और यह छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा और विवाद के भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान शुक्र…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा और रोमांस के भाव स्वामी है। साथ ही यह बारहवें भाव यानी कि व्यय, हानि और विदेश यात्रा के भाव का भी स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे भाव यानी कि भवन और सुख के भाव तथा ग्यारहवें भाव यानी कि आय और लाभ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे भाव यानी कि बल और साहस के भाव तथा दसवें भाव यानी कि पेशे के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान शुक्र आपके ग्यारहवें भाव यानी कि इच्छाओं,मित्रों और भाई-बहनों के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे भाव यानी कि धन और परिवार के भाव तथा नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न भाव तथा आठवें भाव यानी कि विरासत के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान शुक्र तुला राशि के नौवें भाव यानी कि धर्म और भाग्य के भाव में गोचर करेगा। लग्नेश का गोचर जातकों के जीवन पर अधिक प्रभावशाली होता है इसलिए शुक्र का यह गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें भाव यानी कि विवाह और संगठन के भाव तथा बारहवें भाव यानी कि हानि और व्यय के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा और विवाद में भाव तथा ग्यारहवें भाव यानी कि आय, लाभ और विस्तार के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें भाव यानी कि प्रेम, संतान और शिक्षा के भाव तथा दसवें भाव यानी कि कर्म भाव का स्वामी है। मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र योग कारक ग्रह है इसलिए शुक्र का गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र दो महत्वपूर्ण भावों का स्वामी है। यह आपके चौथे भाव यानी कि आराम और विलासिता के भाव तथा नौवें भाव यानी कि भाग्य और धर्म के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे भाव यानी कि बल, साहस और पराक्रम के भाव तथा आठवें भाव यानी कि अनिश्चितता, हानि और कर्ज़ के भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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