बुध का धनु राशि में गोचर: जानें इस गोचर से किस राशि को मिलेगा आर्थिक लाभ

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह के गोचर की अवधि सबसे कम बताई जाती है। बुध ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 14 दिनों तक स्थित रहता है। 17 दिसम्बर को बुध एक बार फिर राशि परिवर्तन करते हुए धनु राशि में प्रवेश कर जायेगा। इस आर्टिकल में जानिए बुध के इस राशि परिवर्तन से आपके जीवन पर क्या और कैसा प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा जीवन में कोई समस्या निरंतर परेशान कर रही है तो उसका हल और ज्योतिषीय हल जानने के लिए  ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ-कर उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें।

एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात!

ग्रहों की चाल हमारे जीवन को काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। ऐसे में अगर आप भी इन ज्योतिषीय घटनाओं का अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की संपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो  एस्ट्रोसेज की व्यक्तिगत और विस्तृत बृहत् कुंडली रिपोर्ट इसमें आपकी मदद कर सकती है। इसमें आपको ज्योतिष की दुनिया में महत्व रखने वाली इन सभी घटनाओं को आपके जीवन से जोड़कर सटीक, व्यक्तिगत और विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है।

बात करें अगर बुध ग्रह के गोचर की तो, बुध ग्रह बृहस्पतिवार, 17 दिसम्बर 2020 को प्रातः 11:26 बजे वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि में प्रवेश करेगा। बुध ग्रह जिसे  अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामी कहा गया है, वो व्यक्ति की बुद्धि, वाणी, चेतना, व्यापार, सांख्यिकी और त्वचा आदि का कारक भी होता है। बुध यूँ तो लाभ दाता ग्रह माना जाता है, लेकिन क्रूर ग्रहों के संपर्क में आने से वो अशुभ परिणाम भी देता है।

कुंडली में बुध की स्थिति के बारे में बताये तो, कुंडली में बुध की शुभ स्थिति व्यक्ति को शारीरिक रूप से सुंदर, संवाद शैली में कुशल, चालाक, तर्कसंगत, बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाने में सहायक होती है। वहीं कुंडली में पीड़ित बुध जातक के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से समस्या कारक होता है। अब जबकि बुध  अग्नि तत्व की राशि में गोचर कर रहा है, ऐसे में आइये जानते हैं कि प्रत्येक राशि के जातकों के जीवन पर इसका कैसा असर देखने को मिलेगा।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी आर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

यहाँ पढ़िए बुध के धनु राशि में गोचर का सभी बारह राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव।

यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

बुध गोचर – मेष राशि 

आपकी राशि के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और धनु राशि में गोचर के कारण वे आपकी राशि से नवम भाव में प्रवेश करेंगे। नवम भाव को भाग्य स्थान भी कहा जाता है और….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – वृषभ राशि

आपकी राशि का स्वामी शुक्र है, जिसका परम मित्र है बुध और आपकी राशि के लिए यह दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी होकर अपने इस गोचर काल की अवधि में आपकी ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – मिथुन राशि

आपकी राशि का स्वामी बुध है, इसलिए बुध का गोचर आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसका गोचर आपको सीधा सीधा प्रभावित करता है। आप के प्रथम भाव के साथ साथ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – कर्क राशि

आपकी राशि के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है। बुध का धनु राशि में गोचर आपकी राशि से छठे भाव में होगा। छठे भाव को अशुभ भाव माना जाता है क्योंकि यह….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों के लिए बुध ग्रह दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। दूसरा भाव धन भाव होता है तथा ग्यारहवां भाव आमदनी का भाव माना गया है, इसलिए दोनों ही भाव बड़े….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – कन्या राशि

बुध ग्रह आपकी राशि का स्वामी है, इसलिए आपके लिए तो बुध का गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि इसके प्रत्येक गोचर का आप पर खासा प्रभाव पड़ता है। यह आपके प्रथम भाव के ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – तुला राशि

बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा। तीसरा भाव नैसर्गिक रूप से काल पुरुष की कुंडली में बुध की राशि मिथुन का भाव है, इसलिए इस गोचर का आपको ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – वृश्चिक राशि

बुध ग्रह आपकी राशि के लिए आठवें तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है। आठवां भाव अनिश्चितता का भाव है जबकि ग्यारहवां भाव आमदनी का भाव माना जाता है। बुध ग्रह का गोचर आपकी….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – धनु राशि

आपकी राशि के लिए बुध का गोचर प्रथम भाव में होगा यानि की आपकी ही राशि में बुध का गोचर होने से बुध के प्रभाव आपको विशेष रूप से प्रभावित करेंगे। यह आपकी कुंडली के लिए….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

राज योग रिपोर्ट से पाएं कुंडली में मौजूद सभी राज योग की जानकारी

बुध गोचर – मकर राशि

आपकी राशि के लिए बुध ग्रह छठे और नवें भाव का स्वामी है। छठा ग्रह जहां बीमारी, संघर्ष, शत्रु और कर्ज का घर है तो वहीं नवम भाव भाग्य स्थान कहा गया है। यही धर्म स्थान है….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – कुंभ राशि

बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से एकादश भाव में होगा। यह आपकी राशि के लिए पांचवें तथा आठवें भाव का स्वामी है। पांचवां भाव शुभ त्रिकोण भाव माना गया है तथा अष्टम भाव को ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

बुध गोचर – मीन राशि

आपकी राशि के लिए बुध ग्रह का गोचर आपके दशम भाव में होगा। बुध ग्रह आपके लिए चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। चौथा भाव सुख भाव तथा सातवां भाव पार्टनर शिप का भाव है। दशम ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.