हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना शुरु हो चुका है और इस ख़ास महीने में बुध ग्रह का गोचर होने वाला है। बुध ग्रह 09 अगस्त, सोमवार को सिंह राशि में, यानि सावन माह के सोमवार के दिन गोचर करेगा। सावन के इस विशेष महीने में सोमवार का विशेष महत्व बताया जाता है और इस दिन होने वाले बुध गोचर का भी ज्योतिष की दुनिया में विशेष महत्व होता है। इस शुभ अवसर पर एस्ट्रोसेज ने अपने पाठकों के लिए एक बार फिर 6 से 9 अगस्त 2021 के बीच सावन महा सेल का आयोजन किया है जिसमें आपको कई शानदार ऑफर दिए जा रहे हैं। इस सेल के अंतर्गत आप प्रमुख उत्पादों और सेवाओं पर अधिकतम 80% तक की छूट के साथ कई आकर्षक डील्स, डिस्काउंट और ऑफर्स का लाभ उठा सकते हैं। इस सेल के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप नीचे गए दिए गए बैनर पर क्लिक कर सकते हैं और इसके साथ ही इस बुध गोचर को अपने लिए हर महीने में शुभ और ख़ास बना सकते हैं।
हिंदू धर्म में विश्वास करने वालों के लिए यह महीना बेहद ही खास और पवित्र महीना माना गया है। इतना ही नहीं सावन का यह महीना विशेष तौर पर भगवान शिव और मां पार्वती के भक्तों के लिए भी कई मायनों में खास और महत्वपूर्ण होता है। यूं तो इस पूरे ही महीने भक्त भगवान शिव की प्रार्थना करने के लिए मंदिरों में आते हैं लेकिन सोमवार के दिन शिव मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा देखने लायक होता है। ऐसे में इस विशेष आर्टिकल में हम जानते हैं सावन के इस शुभ महीने में होने वाले बुध गोचर के बारे में जो सावन के सोमवार यानी 9 अगस्त सोमवार के दिन होने जा रहा है और साथ ही जानते हैं इस गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा।
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बुध ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि का कारक माना जाता है। साथ ही बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह भी होता है और इसीलिए इसे राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। अब अपने अगले गोचर के दौरान बुध ग्रह कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर कर जाएगा। यहाँ जानते हैं कि बुध का यह गोचर आखिर क्यों और कैसे ख़ास होने वाला है।
ग्रहों में राजकुमार बुध ग्रह एक तटस्थ ग्रह माना जाता है और यही वजह है कि बुध ग्रह कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ मौजूद होता है वह उसी ग्रह की तरह व्यवहार करने लगता है। अर्थात यदि कुंडली में बुध ग्रह अशुभ ग्रहों के साथ स्थित होता है तो उसका प्रभाव अशुभ ग्रह के समान होता है और उसके विपरीत अगर बुध ग्रह कुंडली में शुभ ग्रहों के साथ मौजूद होता है तो इसके परिणाम भी शुभ होते हैं। आइए आगे बढ़ते हैं और बुध गोचर के महत्वपूर्ण पहलुओं और महत्व पर एक नजर डालते हैं।
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बुध गोचर का महत्व
चूंकि बुध को वाणी, बुद्धि और संचार का कारक माना जाता है, इसलिए इसका गोचर भी कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में स्थित होता है, उन जातकों को इस गोचर के दौरान बौद्धिक विकास, वाणी में तेज और संचार क्षमता में वृद्धि की संभावना है। बुध ग्रह लगभग एक महीने तक किसी राशि में गोचर करता है और उसके बाद अगली राशि में गोचर कर जाता है। यह ग्रह गणित, अनुसंधान, तर्कशास्त्र, व्यापार और शिक्षा पर भी शासन करता है, इसलिए छात्रों के लिए इसका गोचर बेहद ही महत्वपूर्ण हो जाता है। बुध को वाणी का कारक माना जाता है इसलिए बुध के गोचर से आपकी वाणी प्रभावित होती है। यदि यह अनुकूल स्थिति में मौजूद हो तो आप अपनी वाणी से समाज में प्रतिष्ठित होते हैं।
इस नोट पर, हम वर्ष 2021 में होने वाले सभी आगामी बुध गोचर के बारे में आपको एक विस्तृत सूची प्रदान कर रहे हैं।
2021 में होने वाले सभी बुध गोचर की जानकारी:
बुध गोचर: राशि से | बुध गोचर: राशि में | तिथि | दिन |
कर्क राशि में बुध गोचर | सिंह राशि | 9 अगस्त | सोमवार |
सिंह राशि में बुध गोचर | कन्या राशि | 26 अगस्त | गुरुवार |
कन्या राशि में बुध गोचर | तुला राशि | 22 सितम्बर | बुधवार |
तुला राशि में बुध गोचर | कन्या राशि | 2 अक्टूबर | शनिवार |
कन्या राशि में बुध वक्री गोचर | तुला राशि | 2 नवंबर | मंगलवार |
तुला राशि में बुध गोचर | वृश्चिक राशि | 21 नवंबर | रविवार |
वृश्चिक राशि में बुध गोचर | धनु राशि | 10 दिसम्बर | शुक्रवार |
धनु राशि में बुध गोचर | मकर राशि | 29 दिसम्बर | बुधवार |
सावन के दौरान बुध गोचर का महत्व
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि, सावन का यह पवित्र महीना है हिंदू धर्म और संस्कृति के अनुसार बेहद ही पवित्र और महत्वपूर्ण महीना माना गया है। ऐसे में इस महीने में बुध का गोचर सभी राशियों के जातकों और सामान्य रूप से हमारे देश और दुनिया के लिए काफी महत्व रखता है। बुध का यह गोचर सावन माह में होने के साथ-साथ सोमवार के दिन होने जा रहा है जो की इस गोचर के महत्व को कई गुना बढ़ाने वाला साबित होने वाला है क्योंकि सावन के दौरान सोमवार को सप्ताह का सबसे पवित्र दिन माना जाता है। ऐसे में इस गोचर के प्रभाव से कई और मुख्य रूप से सकरात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
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यहाँ हम आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि 17 अगस्त को सूर्य भी कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेगा। बुध वहां पहले से मौजूद रहेगा और इन दोनों ग्रहों की युति से बुध आदित्य योग का निर्माण होगा जो सभी राशियों के जातकों के लिए काफी शुभ रहने वाला है। इस गोचर के प्रभावस्वरुप लोगों के संचार कौशल में सुधार होगा। कई जातक अपने जीवन में होने वाले कुछ जीवन परिवर्तनकारी परिवर्तनों को प्रत्यक्ष रूप से होता हुआ देख सकेंगे।
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सावन के दौरान बुध गोचर का देश और दुनिया पर प्रभाव
बुध का सिंह राशि में गोचर होने पर कम्युनिकेशन सेक्टर में लंबे समय से चला आ रहा परेशानियों का सिलसिला थम सकता है और उसके लिए कुछ कठिन और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। बुध के साथ मंगल की युति होने के कारण देशों के मध्य आपसी संपर्कों में तेजी तो आएगी लेकिन कटुता बढ़ सकती है। फिनेंशियल और बैंकिंग सेक्टर पर इसका विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। इनके शेयरों में तेजी आ सकती है। राजनीतिक तौर पर देखें तो सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी और बढ़ने की स्थिति बनेगी और संसद में भी उग्रता देखने को मिल सकती है।
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सावन माह में हो रहे बुध गोचर से जुड़े ज्योतिषीय उपाय
हम में से बहुत से लोग ऐसे ढेरों उपायों के बारे में जानते ही होंगे जिन्हें करने से जीवन से बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दूर कर के शुभ परिणाम हासिल किये जा सकते हैं। लेकिन, जैसा कि हमने पहले भी बताया कि, बुध ग्रह का यह गोचर बेहद ही विशेष है। हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए कुछ विशेष उपाय भी करने चाहिए। जैसे कि,
- सुबह जल्दी उठकर साफ सुथरे कपड़े पहनें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- चूंकि सावन और सोमवार भगवान शिव को बेहद प्रिय हैं, इसलिए शिव मंदिर जाएं और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें।
- सावन सोमवार के नियम-कायदों को ध्यान में रखते हुए मुमकिन हो तो सोमवार का व्रत भी करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- इन सबके साथ ही बुध के बीज मंत्र का जाप करना न भूलें।
यदि आप इन उपायों या इनमें से कोई भी उपाय सही विधि के साथ अपने जीवन में अपनाते हैं तो आपको बुध ग्रह के इस महत्वपूर्ण गोचर का शुभ परिणाम अवश्य ही प्राप्त होगा। विशेष रूप से, वृश्चिक राशि, मकर राशि और मीन राशि के जातकों को इन उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि बुध का यह गोचर मुख्यतौर पर इन तीन राशियों के लिए कुछ प्रतिकूल होने की आशंका है। हालाँकि परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, ऊपर दिए गए उपायों का पालन करें और अपने जीवन में महादेव के साथ-साथ बुध ग्रह की कृपा हासिल करें।
हम आशा करते हैं कि हमारे इस लेख से, आपको काफी मदद मिली होगी। ऐसे ही अन्य दिलचस्प लेखों के लिए एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहे।