बीते रविवार को राजधानी लखनऊ में हुई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की जोनल कोऑर्डिनेटरों और सांसदों की बैठक में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सहयोगी पार्टी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2019 में जिस प्रकार सपा-बसपा के गठबंधन को हार का मुँह देखना पड़ा उसका जिम्मेदार भी मायावती ने अखिलेश यादव को ही ठहराया है। मायावती ने बैठक में ये कारण भी बताया कि वे और उनकी पार्टी अखिलेश और समाजवादी पार्टी से धीरे-धीरे दूरियाँ क्यों बढ़ा रही हैं। हार का ठीकरा सपा पर फोड़ते हुए बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि “अखिलेश ने मुझे ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से मना किया था, उन्होंने मुझसे कहा था कि इससे ध्रुवीकरण होगा और बीजेपी को फायदा हो जाएगा। लोकसभा चुनाव में हार के बाद अखिलेश ने मुझे फोन तक नहीं किया।”
बसपा उम्मीदवारों को सपा नेताओं ने जानकर हरवाया
बैठक में मायावती के बयान से यह तो साफ़ हो गया कि सपा और अखिलेश यादव से नाखुश है मायावती। इसी बात को पुख्ता करते हुए मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग ये कह रहे हैं कि उनकी बदौलत बीएसपी 10 सीटें जीती है, वे लोग अपने गिरेबान में झांके, सच्चाई ये है कि एसपी अगर 5 सीटें भी जीत पाई, तो सिर्फ इसलिए कि बीएसपी ने उसका साथ दिया।” साथ ही मायावती ने ये भी कहा कि “उपचुनाव में हमें ये दिखाना है कि ये जीत हमारी अकेले की जीत है, जिसका क्रेडिट एसपी के लोग ले रहे हैं।”
बीजेपी और मुलायम सिंह यादव मुझे ताज कॉरिडोर में फँसाना चाहते हैं
अपने ऊपर लगे घोटालों के ऊपर भी मायावती ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि “ताज कॉरिडोर वाले केस में मुझे फँसाने के पीछे सीधे तौर पर बीजेपी और मुलायम सिंह का हाथ है। इसके अलावा सपा ने प्रोमोशन में आरक्षण का विरोध किया था। इसलिए दलितों, पिछड़ों ने उसे वोट नहीं दिया।” उन्होंने साथ ही कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलीमपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हराया। जिससे सपा का वोट बीजेपी को ट्रांसफर करवाया, लेकिन अखिलेश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।”
सपा पर मायावती ने लगाए धोखे के आरोप
मायावती ने बैठक में कहा कि समाजवादी पार्टी के लोगों ने उनकी पार्टी को चुनाव में धोखा दिया। कई जगहों पर बसपा को एसपी के नेताओं ने हराने का काम किया। धार्मिक ध्रुवीकरण को लेकर समाजवादी पार्टी काफी डरी हुई थी, इसलिए वो खुलकर मुद्दों को उठाने से कतराती रही।
अखिलेश ने हार के बाद मुझे नहीं किया फोन
मायावती ने कहा कि “लोकसभा चुनावों का परिणाम आने के बाद अखिलेश ने मुझे कभी फोन नहीं किया। सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया। मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और काउंटिग के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया।” इसके साथ ही मायावती ने कहा, पार्टी की हार के पीछे सपा शासन में दलितों पर जो अत्याचार हुआ था वहीं हार का असल कारण था। इसके अलावा कई जगह पर इन चुनावों में सपा नेताओं ने बसपा उम्मीदवारों को हराने का काम किया था।
अखिलेश ने कहा था- मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान
इन सबके बीच बसपा सुप्रीमो मायावती सपा-बसपा गठबंधन तोड़ने के बाद से काफी मुखर हैं और अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के ऊपर समय-समय पर तरह-तरह के आरोप लगा रही हैं। वहीं अखिलेश ने अब तक कुछ भी बोलने से चुप्पी साध रखी है।
याद दिला दें कि बसपा गठबंधन से अलग होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि “मैं विज्ञान का छात्र रहा हूं, वहां प्रयोग होते हैं और कई बार प्रयोग फेल हो जाते हैं और आप तब यह महसूस करते हैं कि कमी कहां थी। लेकिन मैं आज भी कहूँगा, जो मैंने गठबंधन करते समय भी कहा था, मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान है।”