हिन्दू धर्म में भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि और हर महीने आने वाली मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। शिवरात्रि को शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व माना जाता है। शिवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे देश भर में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। वैसे तो साल में एक बार मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके अलावा भी साल में कई शिवरात्रियाँ आती हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन यानि चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक त्योहारों में शिवरात्रि के व्रत और पूजन का बहुत महत्व होता है। यह पर्व उपासक को अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करने में मदद करता है, और साथ ही क्रोध, ईर्ष्या, अभिमान और लालच जैसी भावनाओं को रोकने में भी मदद करता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है, कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति का हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का अनंत फल मिलता है।
तो चलिए आज इस लेख में आपको बताते हैं, कि मासिक शिवरात्रि के दिन वे कौन से काम हैं, जो हमे करने चाहिए और कौन से काम हमे भूल से भी नहीं करने चाहिए –
मासिक शिवरात्रि के दिन क्या करें
- मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः काल स्नान करके भगवान शिव मंदिर जाएं
- भगवान शिव की विधिवत बेल पत्र, दूध, गंगा जल, शहद, पुष्प आदि से पूजन करें।
- शिव जी के सामने घी का दीपक जलाएं।
- भगवान शिव को पीले कनेर के पुष्प अर्पित करें।
- भोग के तौर पर केसर युक्त चावल की खीर चढ़ाएं।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- इस दिन शिव जी का रुद्राभिषेक कराना बहुत फलदायी बताया गया है।
- अगर आपने मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा हैं, तो इस दिन केवल फलाहार करें।
- इस व्रत का पारण अगले दिन ही किया जाना चाहिए।
मासिक शिवरात्रि के दिन क्या न करें
- इस दिन शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी का पत्ता मत चढ़ाएं, ऐसा करने से भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं।
- अगर आप मासिक शिवरात्रि का व्रत करते हैं, तो भूलकर भी अन्न ग्रहण मत करें।
- इस दिन किसी की भी निंदा मत करें। माना जाता है कि कड़वे शब्द बोलने वाले कभी भी भगवान शिव के प्रिय नहीं बनते हैं।
- झुठ मत बोलें।
- किसी जीव को कष्ट मत दें।
- भगवान शिव को तिल का भोग नहीं लगाना चाहिए।
- भगवान शिव पर सिंदूर मत चढ़ाएं।
- प्रातः शिव पूजा करने के बाद ही जल या कुछ फलाहार ग्रहण करें।
- शिव मंदिर पर चढ़ा जल लांघे नहीं।
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