आज मासिक दुर्गा अष्टमी है। माँ दुर्गा के लिए यह दिन बेहद ख़ास है। इस दिन माता भगवती की विधि-विधान के साथ पूजा संपन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यह हिन्दू धर्म की आस्था का विषय है। इस दिन महागौरी के रूप की तुलना शंख, चंद्रमा या चमेली के सफेद रंग से की जाती है।
हर माह आता है मासिक दुर्गा अष्टमी का पर्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी में यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन माँ गौरी के भक्त उनकी आराधना के लिए उपवास धारण करते हैं। इस विशेष दिन में माँ की शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना की जा सकती है।
अष्टमी के दिन ही माँ दुर्गा ने लिया था भद्रकाली का अवतार
संस्कृत भाषा में दुर्गा जी का अर्थ होता है अपराजित यानि जिसे कोई पराजय न कर सके। वहीं यहाँ अष्टमी का अर्थ माह की अष्टमी तिथि से है। पौराणिक कथा के अनुसार अष्टमी तिथि को ही माँ दुर्गा ने भद्रकाली का रूप धारण किया था और इसी रूप में उन्होंने महिषासुर जैसे राक्षस का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व
मासिक दुर्गा अष्टमी का हिन्दू धर्म में ख़ासा महत्व है। माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति माँ के लिए उपवास धारण करता है, उसका जीवन सदा के लिए धन्य हो जाता है। उसे संसार के समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। वह व्यक्ति जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफल होता है। उसके घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।