ग्रह समय के समान हैं, कभी रुकते नहीं, गतिमान रहते हैं। वैदिक ज्योतिष में मूलतः नौ मुख्य ग्रह हैं जिन्हें संयुक्त रूप से नवग्रह के नाम से जाना जाता है, पूजा जाता है। ये नवग्रह लगभग एक निश्चित अवधि में एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करते रहते हैं। ग्रहों के इस प्रक्रिया को ही गोचर कहा जाता है। चूंकि ग्रहों से आपका और हमारा जीवन प्रभावित होता है। यही वजह है कि वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और हर ग्रह के गोचर पर दुनिया भर के ज्योतिषियों की नजर रहती है।
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अब जल्द ही मंगल ग्रह का गोचर होने जा रहा है। जाहिर है कि इसका देश-दुनिया के सभी जीवों पर असर होना तय है। ऐसे में इस गोचर से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण बातें आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं।
कब हो रहा है मंगल का गोचर?
साल 2021 में मंगल ग्रह का गोचर 20 जुलाई को मंगलवार की शाम को 05 बजकर 21 मिनट पर सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में हो जाएगा। मंगल ग्रह 06 सितंबर 2021 को सोमवार की सुबह 03 बजकर 21 मिनट तक सिंह राशि में ही मौजूद रहेगा। इसके बाद ये बुध ग्रह के स्वामित्व वाली राशि कन्या में गोचर का जाएगा।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में मंगल को सभी ग्रहों के बीच सेनापति का दर्जा प्राप्त है। किसी भी जातक की कुंडली में यह शौर्य, पराक्रम साहस, शक्ति, भाई और ऊर्जा का कारक माना जाता है। सभी बारह राशियों में मंगल का आधिपत्य मेष और वृश्चिक राशि पर है। वहीं 27 नक्षत्रों के बीच मंगल ग्रह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी माना गया है।
आइये अब जानते हैं कि मंगल यदि शुभ फल दे तो जातकों को क्या लाभ होते हैं।
मंगल यदि सकारात्मक फल दे
मंगल यदि किसी जातक के जीवन पर कृपा हो जाये तो ऐसा जातक निडर स्वभाव का होता है। ऐसे जातक मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों का डटकर सामना करते हैं और किसी भी युद्ध में विजयी होते हैं। मंगल यदि प्रबल हो तो जातक हर निर्णय निडरता से लेता है। ऐसे जातक की उत्पादन क्षमता आम लोगों से ज्यादा होती है। साथ ही मंगल न सिर्फ उस जातक पर बल्कि उसके परिवार पर भी असर डालता है। यदि मंगल मजबूत होता है तो जातक के भाई-बहन भी सुखी रहते हैं और अपने-अपने कार्यक्षेत्र में तरक्की करते हैं।
मंगल यदि नकारात्मक फल दे
मंगल यदि किसी जातक को नकारात्मक फल देता है तो उस जातक का जीवन बड़ा दुखदाई हो जाता है। ऐसे जातकों के ऊपर हमेशा दुर्घटना का खतरा मंडराता रहता है। मंगल कमजोर हो तो जातकों के शत्रु प्रबल होते हैं, जमीन संबंधी विवाद बढ़ते हैं और कर्ज आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ मंगल की वजह से जातकों को कई रोग जैसे कि कुष्ठ रोग, खुजली, रक्तचाप आदि भी घेर लेते हैं। ऐसे जातकों का पारिवारिक जीवन भी नर्क समान हो जाता है। ऐसे में इन जातकों को मंगल शांति के उपाय करने चाहिए।
आइये अब आपको मंगल शांति के कुछ उपाय बता देते हैं।
मंगल शांति के उपाय
- मंगल यदि कमजोर हो तो जातकों को मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन नमक और अन्न का सेवन न करें। फलाहार पर रहें।
- मंगल देवता लाल रंग का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में मंगलवार के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके अलावा आप कॉपर शेड के कपड़े भी मनागलवार को पहन सकते हैं।
- बजरंगबली की पूजा करें। हो सके तो मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ करें। इससे मंगल देवता अति प्रसन्न होंगे। इसके अलावे आप भगवान नरसिंह की भी पूजा कर सकते हैं। इससे भी मंगल के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
- मंगलवार के दिन लाल मसूर, खांड, सौंफ, मूंग, गेहूं इत्यादि का दान करें। इससे मंगल की स्थिति मजबूत होगी।
- मंगल ग्रह के लिए मूंगा रत्न धारण किया जा सकता है। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले एक बार किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अवश्य ले लें।
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