हमारे देश में विवाह दो व्यक्तियों का मिलन नहीं अपितु दो परिवारों का मिलन माना जाता है। एक परिवार जब अपनी बेटी को दूसरे परिवार को सौंपता है तो उसे कितनी अपेक्षा होती है कि, उसकी स्नेह पालिता पुत्री को वह प्यार व सम्मान मिले, जिसे वे अपनी बच्ची को बचपन से देते आए हैं। वहीं लड़के के माता-पिता अपने घर में एक लड़की को इस उद्देश्य लाते कि, वह उनके परिवार का हिस्सा बन, उनके परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाएगी।
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लेकिन आज के आधुनिक युग में आज विवाह कल विच्छेद , ऐसे हो रहे हैं। जैसे विवाह कोई बंधन नहीं बल्कि कोई खेल हो। जीवन भर के सपने एक मिनट में चूर-चूर हो जाते हैं। छोटी-छोटी बातों में बिछडा़व हो जाते हैं। यह एक सोचने का विषय बन गया है।
कंपैटिबिलिटी टेस्ट: एक वैज्ञानिक विद्या
पौराणिक काल में विवाह पूर्व कुंडली मिलान की परंपरा हुआ करती थी, लेकिन आज के समय में प्रेम विवाह में कुंडली क्या, दो परिवार भी एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं और पूरा ताम-झाम हो जाता है। मैं प्रेम विवाह का विरोध नहीं करती हूँ, अपितु आज के युवाओं का ध्यान एक वैज्ञानिक विद्या की तरफ आकर्षित करना चाहती हूं, जिसे हम ‘Five Elements Compatibility Test’ कहते हैं। इस टेस्ट के अंतर्गत दो व्यक्ति के बीच सामंजस पंच तत्वों के आधार पर किया जाता है।
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पंच तत्व के आधार पर विवाह मिलान
प्रकृति पंच तत्वों से बनी है। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। ठीक उसी तरह मनुष्य भी पंच तत्व द्वारा निर्मित है। एक व्यक्ति तभी स्वस्थ रह सकता है जब, प्रकृति के पंच तत्वों के साथ उसका सामंजस्य बैठता है। यही बात दो व्यक्तियों के बीच में सामंजस्य स्थापित करने में भी लागू होती है।
- जिस व्यक्ति में अग्नि तत्व अधिक होता है वह बहुत ही महत्वकांशी होता है। किंतु जिस व्यक्ति में पृथ्वी तत्व की अधिकता होती है वह स्थिर व आलसी होता है। ऐसे में यदि इन दोनों व्यक्तियों का मिलन हो जाए तो जिंदगी में बहुत कठिनाइयाँ आ सकती हैं। वे कभी भी एक दूसरे को समझ नहीं पाएंगे ।
- दूसरा, जल तत्व प्रधान व्यक्ति भावुक होता है। ऐसे व्यक्ति का विवाह अगर वायु तत्व प्रधान व्यक्ति (जो कि अधिक व्यावहारिक होता है) से हो जाए तो बहुत दुख उठाने पड़ सकते हैं। जल तत्व प्रधान व्यक्ति डिप्रेशन में आ सकता है और वायु प्रधान व्यक्ति अपनी व्यवहारिक सोच के चलते दोषी ठहराया जाता है।
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ऐसी ही स्थितियों से बचने के लिए पंच तत्व के आधार पर विवाह पूर्व मिलान करना बहुत सार्थक सिद्ध हो सकता है । इस टेस्ट में पांच स्टेज होती हैं।
- पहला, दो व्यक्ति की जन्म तिथि अनुसार कंपैटिबिलिटी चेक की जाती है।
- फिर उनकी नाम राशि के अनुसार मिलान किया जाता है।
- तत्पश्चात चंद्र व लग्न कुंडली बनाकर उनमें कंपैटिबिलिटी निकाली जाती है।
- चौथा स्टेप अंक ज्योतिष अनुसार टेस्ट किया जाता है।
- अंत में डाउजिंग विधा के प्रयोग से कंपैटिबिलिटी विथ ईच अदरस फैमिली (एक दूसरे के परिवार के साथ कंपैटिबिलिटी) चेक की जाती है और फिर कोई निर्णय लिया जाता है।
यदि इन पांचों स्टेप्स से दो व्यक्ति की आपसी कंपैटिबिलिटी साफ़ और स्पष्ट हो जाती है तो विवाह शत प्रतिशत सक्सेसफुल बैठता है।
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आज के युवा बहुत समझदार हैं। यदि वे इस तरह पंच-तत्वों के एनालिसिस अनुसार कंपैटिबिलिटी चेक करा कर ही विवाह करें तो वह अपने जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा सफलतापूर्वक पार कर सकते हैं। नहीं तो आज विवाह कल विच्छेद के चलते ऐसे कितना समय व रिसोर्सेज का नुकसान हो रहा है।
आप स्वयं विचार करें और निर्णय ले ।
दीप्ति जैन
आधुनिक वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ
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