साल 2022 अब धीरे-धीरे अपने आखिरी पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है। दिसंबर का महीना साल का आखिरी महीना है। वर्ष 2022 का अंतिम मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत इस बार 08 दिसंबर रखा जाएगा। वहीं साल 2023 की पहली पूर्णिमा तिथि 06 जनवरी 2023 को पड़ेगी। सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व है। श्रद्धालु इसे बड़े उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। इसके साथ ही इस विशेष दिन पर किए जाने वाले उपायों के बारे में बताएंगे और आने वाले साल 2023 में पूर्णिमा तिथियों की सूची के बारे में भी चर्चा करेंगे। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के बारे में।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2022: महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाती है। मार्गशीर्ष हिंदू कैलेंडर में नौवां महीना होता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा का महत्व है। शास्त्रों में इस मास को ‘मासोनम मार्गशीर्षोहम्’ कहा गया है, अर्थात् मार्गशीर्ष से अधिक शुभ कोई मास नहीं है।
श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष मास को बारह मासों में सर्वोत्तम बताया है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भक्त व्रत करते हैं और भगवान विष्णु की सच्चे मन से और विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय की जयंती भी मनाई जाती है। बता दें कि भगवान दत्तात्रेय को तीनों देव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का अवतार माना जाता है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2022 की तिथि और समय के बारे में।
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: तिथि और समय
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 07 दिसंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 03 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समापन: 08 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 40 मिनट तक
नोट: यह समय नई दिल्ली के लिए मान्य है। यदि आप अपने शहर का सही समय जानना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022 शुभ योग
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022 के दिन दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं। पहला सिद्धि योग और दूसरा साघ्य योग।
सिद्ध योग: यह योग 07 दिसंबर को बनेगा और 8 दिसंबर की दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। सिद्ध योग बेहद शुभ माना जाता है। इस योग में भगवान का नाम और मंत्र जपने से जातक को अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं इस योग में जो भी कार्य किया जाता है उसमें सफलता अवश्य मिलती है।
साघ्य योग: यह 08 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर बनेगा और अगले दिन 09 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इस योग में किसी भी कार्य को सीखने और करने में खूब मन लगता है और पूरी सफलता भी मिलती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2022: पूजा विधि
- यदि आप मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है, लेकिन अगर आपके आसपास नदी नहीं है तो आप घर में ही नहाने के पानी में तुलसी के पत्ते डालकर स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद सूर्य को जल देना चाहिए।
- फिर साफ कपड़े पहनकर पूजा करें।
- जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। ऐसे में पूजा करने के बाद जरूरतमंदों और गरीबों को उपयोगी चीजों का दान करें।
- रात में चंद्रमा को जल जरूर दें।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें-
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
आइए अब जानते हैं 2023 में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथियों के बारे में।
2023 की पूर्णिमा तिथियों की सूची
आने वाले साल 2023 में पहली पूर्णिमा 06 जनवरी को पड़ेगी। यह पौष पूर्णिमा होगी और वहीं आखिरी पूर्णिमा 26 दिसंबर 2023 को पड़ेगी, जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहलाएगी।
पूरे वर्ष में पड़ने वाली सभी पूर्णिमा तिथियों के बारे में जानने के लिए क्लिक करें- पूर्णिमा 2023 कैलेंडर
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: राशि अनुसार उपाय
मेष: मेष राशि के जातकों को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा जरूर करनी चाहिए। विधि-विधान से पूजा करने के बाद जरूरतमंदों को गुड़ और लाल रंग के वस्त्रों का दान करें। इससे जातक की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
वृषभ: वृषभ राशि के जो जातक शत्रु बाधा से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस विशेष दिन पर विष्णु जी के 12 नाम (अच्युत, अनंत, दामोदर, केशव, नारायण, श्रीधर, गोविंद, माधव, हृषिकेश, त्रिविकरम, पद्मानाभ और मधुसूदन) का जाप करें। नाम लेते हुए उन्हें एक-एक कर पीले फूल अर्पित करें। शाम के समय इन फूलों को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
मिथुन: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गीता का पाठ करने से मिथुन राशि वालों के लिए तरक्की के मार्ग खुलेंगे। आप जिस चीज को लेकर लंबे वक्त से परेशान हैं, उसका निवारण होगा। तनाव से भी छुटकारा पा सकेंगे।
कर्क: कर्क राशि के जातक दुःख और दरिद्रता से छुटकारा पाने के लिए इस दिन मां लक्ष्मी को 11 बार अक्षत का एक-एक दान अर्पित करें। अर्पित करते हुए इस मंत्र का जाप करें- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
सिंह: सिंह राशि के जातक इस दिन माता भगवती को लाल चंदन चढ़ाएं और फिर इसे प्रसाद के रूप में अपने माथे पर तिलक के रूप में लगाएं। इससे रुका धन वापस प्राप्त होगा।
कन्या: कन्या राशि के जातक इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती माला अर्पित करें। इससे जीवन में शांति और मधुरता बनी रहेगी।
तुला: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हल्दी में थोड़ा सा पानी मिलाकर घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। इससे आपके कार्य जल्दी सिद्ध होंगे।
वृश्चिक: वृश्चिक राशि के जातक इस दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करते हुए ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आर्थिक जीवन बेहतर होगा।
धनु: धनु राशि के लोग मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पक्षियों को गेहूं के दाने खिलाएं। इससे व्यापार और करियर में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
मकर: मकर राशि के जातकों को इस दिन गरीबों में अन्न और कंबल बांटने चाहिए। इससे घर में बरकत बनी रहती है और आर्थिक समस्या दूर होती है।
कुंभ: कुंभ राशि के जातक पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा की रोशनी में बैठकर ‘ॐ सोमाय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें और दूध से चंद्र देव को अर्घ्य दें।
मीन: मीन राशि के जातक श्रीहरि भगवान विष्णु को पूजा में नारियल जरूर अर्पित करें। ये विष्णु जी को अतिप्रिय है। माना जाता है कि इससे पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है।
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