मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेगा धन-समृद्धि का आशीर्वाद!

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: मंगल ग्रह को ज्योतिष में शौर्य और पराक्रम का कारक माना गया है और इन्हें रक्त, बिजली, तकनीक तथा युद्ध आदि में विशेष आधिपत्य प्राप्त है। अब मंगल ग्रह 16 नवंबर 2023 को वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और यह 27 दिसंबर 2023 तक इसी राशि में रहेंगे। मंगल के इस गोचर का देश-दुनिया और आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?  यह जानने से पहले जान लेते हैं कि मंगल के इस गोचर का भारतवर्ष पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। 

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मंगल के वृश्चिक राशि में गोचर का भारतवर्ष पर प्रभाव

सप्तमेश मंगल का सप्तम भाव में जाना भारतीय रक्षा सौदों के लिए अच्छा माना जाएगा। लेकिन, अन्य व्यापारिक या व्यावसायिक डील्स के लिए इनकी स्थिति कमज़ोर कही जाएगी। देश की महिला संबंधी नीतियां या विभाग अपने दायित्वों का निर्वहन करने में पीछे रह सकते हैं। इस अवधि में बीच-बीच में महिला उत्पीड़न की शिकायते भी देखने को मिल सकती हैं और यातायात में भी दुर्घटनाओं का प्रतिशत बढ़ सकता है। मंगल का यह गोचर शनि-मंगल के साथ सीधे संबंध निर्मित कर रहा है। इसके फलस्वरूप, आगजनी व भूकंप आदि की घटनाएं भी संभावित हैं। कहीं-कहीं दंगे या लड़ाइयों की भी संभावनाएं हैं। मंगल का यह गोचर सभी 12 राशियों को कैसे प्रभावित करेगा? आइए जानते हैं। 

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके आठवें भाव के भी स्वामी हैं। वर्तमान में मंगल आपकी कुंडली के आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर आठवें भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। अतः आपको मंगल के इस गोचर की अवधि में अपने बातचीत के तौर-तरीके को सभ्य और विनम्र बनाए रखने की आवश्यकता होगी। आर्थिक मामलों में भी किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। साथ ही, जब भी आप अपने घर-परिवार के सदस्यों के साथ कोई बात करें, तो बहुत ही संतुलित शब्दों में और सहज लहजे में बात करें। खानपान पर संयम रखना भी इस अवधि में बहुत जरूरी होगा। ऐसा करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में कामयाब हो सकेंगे। यद्यपि मंगल का यह गोचर कुछ अप्रत्याशित लाभ भी करवा सकता है, लेकिन सामान्य कामों में अपेक्षाकृत अधिक मेहनत करने की जरूरत पड़ सकती है।

उपाय: मंदिर में चने की दाल का दान करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में सातवें तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। वर्तमान समय में मंगल आपके सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं और इस भाव में मंगल के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं कहा गया है। ऐसा मंगल विवाहित लोगों के जीवन में अर्थात दांपत्य जीवन में परेशानियां उत्पन्न करने का काम करता है। साझेदारी के कामों में भी कुछ कठिनाइयां या परेशानियां बनी रहती हैं। हालांकि, आपके मामले में मंगल अपनी राशि में है इसलिए परेशानियां बड़ी नहीं होंगी, लेकिन फिर भी कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। ऐसी स्थिति में रोजमर्रा के कामों में गंभीरता पूर्वक तथा शांत होकर काम करने की आवश्यकता होगी। साथ ही, दांपत्य जीवन में तथा साझेदारी के कामों में भी अपेक्षाकृत अधिक समझदारी दिखाने की जरूरत रहने वाली है। मंगल का यह गोचर मुंह से संबंधित कुछ परेशानियां दे सकता है जैसे कि मुंह में छाले, दांतों की तकलीफ आदि। इस दौरान अधिक तला-भुना खाने से भी बचना होगा।

उपाय: कन्याओं का पूजन करके उन्हें लाल मिठाई खिलाना शुभ रहेगा।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में छठे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके छठे भाव में गोचर कर रहे है। मंगल का गोचर छठे भाव में सामान्य तौर पर काफ़ी अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में आप अधिकांश क्षेत्रों में अच्छा करते हुए देखे जा सकेंगे। कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में आपको काफ़ी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। यदि आपने जानबूझकर किसी से विवाद नहीं किया लेकिन फिर भी विवाद पीछा नहीं छोड़ रहा था तो अब आप प्रतिस्पर्धियों और शत्रुओं पर भारी पड़ सकते हैं अथवा आपकी स्थिति मजबूत हो सकती है। मंगल का यह गोचर नौकरीपेशा लोगों के लिए फलदायी रहेगा। इंक्रीमेंट या पदोन्नति की संभावनाएं भी मजबूत होंगी। इस दौरान सावधानीपूर्वक की गई यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं। हालांकि, शनि-मंगल का आपसी कनेक्शन इस बात का संकेत कर रहा है कि भले ही आप अधिकांश मामलों में अच्छा करते हुए नजर आएंगे, परंतु आपको किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने से बचना होगा।

उपाय: मित्रों को नमकीन चीजें खिलाएं।

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए वैसे तो मंगल आपके हितैषी ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष में इस योगकारक ग्रह कहा जाता है, लेकिन मंगल का पांचवें भाव में गोचर अच्छा नहीं माना जाता है। पांचवें भाव में मंगल ग्रह पर शनि की दृष्टि भी रहने वाली है। इस कारण से कमर या पेट के आसपास की तकलीफें कभी-कभार परेशान कर सकती हैं। ऐसे में, तला-भुना और अपनी प्रकृति के विरुद्ध भोजन करने से बचें। इस समय संतान के साथ बेहतर तालमेल बिठाने की कोशिश अवश्य करें। ऐसा नहीं है कि संतान आपसे कम अनुभवी है, तो वह हमेशा गलत ही करेगी। यदि ऐसी स्थिति आए जहां संतान किसी बात पर जिद करें तो उस जिद के पीछे छिपे हुए आत्मविश्वास को समझने की कोशिश करें। साथ ही, उनके साथ विनम्रता के साथ बातचीत भी अच्छे परिणाम दे सकेगी। अपनी संगति को सुधारने के प्रयास करने होंगे। यदि आप युवा हैं और किसी से प्रेम करते हैं तो लव लाइफ में बात का बतंगड़ न बनने पाए इस बात का ख्याल रखना होगा। यदि आप सावधानीपूर्वक काम करेंगे तो अपनी राशि का मंगल आपको कुछ मामलों में सपोर्ट भी कर सकता है।

उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों पर जल चढ़ाना शुभ रहेगा।

सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में भाग्य भाव तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होने के कारण योगकारक ग्रह हैं। आपके लिए काफ़ी अच्छे ग्रह माने गए हैं, लेकिन चौथे भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। मंगल का यह गोचर कुछ विसंगतियां देने का भी काम कर सकता है। विशेषकर घरेलू मामलों में मंगल का गोचर कुछ समस्याएं दे सकता है। आग और बिजली से चलने वाले उपकरण बीच-बीच में परेशान कर सकते हैं। माता या माता तुल्य स्त्रियां आपकी किसी बात पर आपसे नाराज हो सकती हैं। ऐसे में, यथा संभव उन्हें प्रसन्न रखने की कोशिश करें। 

वाहन आदि सावधानी से चलाएं और यथा संभव जमीनी विवाद से बचने की कोशिश करें। इन कुछ बातों को आपको ध्यान में रखना होगा। ऐसा करने की स्थिति में आपको अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं क्योंकि मंगल आपके लिए योगकारक ग्रह होने के साथ-साथ अपनी ही राशि में मौजूद होंगे। इसके फलस्वरूप, सावधानियों को अपनाने की स्थिति में आपको कुछ अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं। वैसे सामान्य तौर पर गोचर शास्त्र मंगल के इस गोचर को अच्छा नहीं कहता है। ऊपर से शनि का प्रभाव भी है। ऐसी स्थिति में घर-गृहस्थी से संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल नहीं बरतनी है।

उपाय: बरगद की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाना शुभ रहेगा।

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कन्या राशि 

कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सामान्य तौर पर मंगल के गोचर को तीसरे भाव में बहुत अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसी स्थिति में मंगल आपके आत्मविश्वास को काफ़ी अच्छा रखेगा अर्थात अनुकूल और संतुलित रखेगा। इसके फलस्वरूप, आप अपने विभिन्न कामों में अच्छा करते हुए देखे जाएंगे। आपके भाई-बंधु और घनिष्ठ मित्र आपका सहयोग करेंगे और लंबे समय से लंबित कामों को पूरा करने में आप सफल रहेंगे। कहीं से कोई अच्छी खबर भी सुनने को मिल सकती है। कुछ अप्रत्याशित परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। आर्थिक मामलों में भी मंगल का यह गोचर अच्छे परिणाम दिलाने की कोशिश करेगा। आप प्रतिस्पर्धात्मक कामों में अच्छा कर सकेंगे। शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है।

उपाय: भाई-बंधु व मित्रों के साथ अच्छे संबंध रखें तथा अहंकार से बचें।

तुला राशि

तुला राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। ऊपर से मंगल पर शनि ग्रह का प्रभाव भी रहेगा। इन तमाम कारणों से पारिवारिक मामलों में कुछ असामंजस्य देखने को मिल सकता है। ऐसी स्थिति में आपको परिजनों से बात करते समय पूरी विनम्रता बनाए रखनी होगी क्योंकि शनि-मंगल माहौल को गर्म रखने की कोशिश कर सकते हैं और आग से आग को नहीं बुझाया जा सकता है, बल्कि उसे बुझाने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। इस तथ्य को समझते हुए क्रोधित परिजन को विनम्रतापूर्वक शांत करवाने की कोशिश करके आप पारिवारिक माहौल को बेहतर रख सकेंगे। इस दौरान खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी होगा। दांपत्य जीवन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। मूल्यवान चीज़ें टूटने या खोने न पाए इस बात का ध्यान रखना होगा तथा साझेदारी के कामों में अपेक्षाकृत अधिक समझदारी दिखाने की जरूरत होगी।

उपाय: नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं। वर्तमान में मंगल आपके पहले भाव में गोचर कर रहे हैं यानी कि आपके राशि स्वामी या लग्न स्वामी अपनी ही राशि में आए हैं। सामान्य तौर पर इसे अच्छी स्थिति कहा जा सकता है, लेकिन पहले भाव में मंगल गोचर को अच्छा नहीं माना गया है। इन तमाम कारणों से अपनी शारीरिक ऊर्जा को संतुलित रखना बहुत जरूरी होगा। स्वाभाविक है कि मंगल की यह स्थिति आपकी ऊर्जा को बढ़ाएगी, लेकिन ऊर्जा का दुरुपयोग न हो इस बात का ख्याल आपको रखना होगा यानी कि जानबूझकर किसी से विवाद नहीं करना है। यथासंभव क्रोध को शांत रखने की कोशिश करें। ऐसा करके आप स्थितियों को बेहतर कर सकेंगे, अन्यथा मंगल का यह गोचर विवाद करवा सकता है और सिर दर्द, बुखार या चोट लगने जैसी समस्याएं भी दे सकता है। इस दौरान आग बिजली या एसिड जैसी चीजों से सावधान रहना होगा। साथ ही, यथा संभव बेकार की यात्राओं को टालें, लेकिन बहुत जरूरी होने पर सावधानी पूर्वक यात्रा आप कर सकते हैं। यदि वाहन स्वयं चलाते हैं, तो ड्राइविंग करते समय लापरवाही बरतने से बचें।

उपाय: मुफ्त में किसी भी चीज को स्वीकार न करें। 

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धनु राशि 

धनु राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में पांचवें तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में गोचर कर रहे हैं। यद्यपि द्वादशेश का द्वादश भाव में जाना दूर के स्थान से संबंधित मामलों को गति देने का काम कर सकता है। लेकिन यह गति सही दिशा में हो इसकी कोशिश आपको करनी होगी, तभी परिस्थितियां आपके फेवर में हो सकेंगी, अन्यथा मंगल का यह गोचर आपसे व्यर्थ की भागदौड़ करवा सकता है। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना होगा। हालांकि, यथासंभव बेकार के खर्चे को टालना समझदारी का काम होगा। साथ ही, मित्रों और निजी संबंधों को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। ऐसा करके आप स्थितियों को बेहतर कर सकेंगे। तनाव मुक्त होकर सोने की कोशिश करें क्योंकि मंगल का यह गोचर जिस पर शनि का प्रभाव भी है, आपको अनिद्रा या बेचैनी आदि देने का काम कर सकता है।

उपाय: हनुमान जी के मंदिर में लाल मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद लोगों में बांटे। 

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में चौथे तथा लाभ भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में मंगल आपके लाभ भाव में गोचर कर रहे हैं। आपके लाभ भाव के स्वामी आपके लाभ भाव में ही पहुंचे हैं। यह स्थिति सामान्य तौर पर काफ़ी अच्छी कही जाएगी। ऐसे में, मंगल आपकी आमदनी में इज़ाफ़ा करवाने का काम कर सकते हैं। यदि पिछले दिनों आपकी किसी मेहनत के परिणाम उस समय अनुकूल रूप से नहीं मिल पाए थे, तो मंगल का यह गोचर उन परिणाम को दिलाने में भी मदद करेगा। अब आपकी मेहनत या आपके प्रयास तुलनात्मक रूप से ज्यादा सहजता के साथ सफल हो सकेंगे और उनका लाभ आपको मिल सकेगा। नौकरीपेशा लोग इस समय अच्छा कर सकते हैं और स्थान परिवर्तन करने पर नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं हैं। अलबत्ता इस अवधि में घर में रहने के मौके कम मिल सकते हैं। जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है।

उपाय: शिव जी का दूध से अभिषेक करें।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में तीसरे तथा दशम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान में यह आपके दशम भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे तो गोचर शास्त्र का नियम दशम भाव में मंगल के गोचर को अच्छा नहीं मानता है, लेकिन आपके मामले में मंगल अपनी ही राशि में दशम भाव में जा रहा है जो कि बहुत अच्छी स्थिति है। अतः आप कड़ी मेहनत करते हुए दिखाई देंगे। आपकी ऊर्जा और बेहतर होगी तथा आप अपने काम को ज्यादा उत्साह के साथ कर सकेंगे। लेकिन, शनि और मंगल का एक-दूसरे के ऊपर दृष्टि डालना कई बार ऊर्जा के रुख को नकारात्मक दिशा में भी मोड़ देता है। ऐसी स्थिति में अपने उत्साह या ऊर्जा को क्रोध या कलह में कन्वर्ट न होने दें, तभी आपको परिणाम बेहतर मिलेंगे, अन्यथा परिणाम कमज़ोर भी रह सकते हैं। वरिष्ठों के साथ यथासंभव बेहतर तालमेल रखने की कोशिश करें। साथ ही, अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। इन सावधानियां को अपनाकर आप काफ़ी हद तक अनुकूल परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

उपाय: निसंतान व्यक्तियों की सहायता व सेवा-सत्कार करें।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए मंगल आपकी कुंडली में दूसरे तथा भाग्य भाव के स्वामी हैं तथा वर्तमान में मंगल आपके भाग्य भाव में गोचर कर रहे हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर मंगल के गोचर को नवम भाव में अच्छा नहीं कहा गया है, लेकिन भाग्य स्थान के स्वामी का भाग्य स्थान पर जाना भाग्य के सपोर्ट को बेहतर करता है। इसके फलस्वरूप, कर्म करने की स्थिति में भाग्य का सहयोग मिल जाता है और आपके काम सफल हो सकते हैं। हालांकि मंगल पर शनि का प्रभाव ओवरकॉन्फिडेंट बनाने का काम कर सकता है। ऐसी स्थिति में अपने आत्मविश्वास को संतुलित रखें तथा वरिष्ठों के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर रखें। पिता के मार्गदर्शन के अनुसार करते रहें तथा शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ भी यथासंभव बेहतर तालमेल रखने की कोशिश करें। विशेषकर शासन-प्रशासन से जुड़े लोगों से विवाद करने से बचें अर्थात इन सावधानियों को अपनाकर आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे। 

उपाय: शिव जी का दूध मिश्रित जल से अभिषेक करें।

हम आशा करते हैं कि मंगल के इस गोचर से मिलने वाले परिणामों को जानकर आप आने वाले समय को और बेहतर ढंग से प्लान कर सकेंगे और बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे। भगवती आप सब का कल्याण करें। 

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