वैदिक ज्योतिष में एक कहावत है कुजवत केतु शनिवत राहु। इस कहावत का सरल शब्दों में अर्थ होता है कि केतु मंगल की तरह प्रभाव देता है और राहु और शनि की तरह प्रभाव देने के लिए जाना जाता है। मंगल और केतु यह दोनों ही ग्रह अग्नि तत्व और उग्रता में काफी एक समान होते हैं। जल्द ही इन दोनों ही ग्रहों का एक संयोग वृश्चिक राशि में होने वाला है, जिसमें मंगल और केतु समान अंशों पर युति करेंगे।
मंगल और केतु की यह युति 14 दिसंबर 2021 यानी मंगलवार के दिन अनुराधा नक्षत्र में होने वाली है। यह अनुराधा नक्षत्र शनि द्वारा शासित नक्षत्र है। शनि मकर राशि का शासक ग्रह है और यह राशि राशिचक्र की दसवीं राशि है।
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मंगल-केतु की युति का प्रभाव
इस युति के कारण, आध्यात्मिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल सकती है। वृश्चिक राशिचक्र की आठवीं राशि है और यह राशि मनोगत विज्ञान और मनीषियों में रुचियों को बढ़ाती है। आमतौर पर वृश्चिक राशि को एक गुप्त राशि माना गया है और इसमें तमाम चीज़ें छुपी हुई रहती हैं। वृश्चिक राशि में मजबूत केतु मौजूद हो तो ऐसे व्यक्ति ज्योतिष के विषय को बहुत गंभीरता से लेते हैं, और इस क्षेत्र में सबसे उन्नत तरीके से लिप्त भी रहते हैं।
इसके सकारात्मक पहलू की बात करें तो, ऐसे व्यक्तियों का ज्योतिष के विषय के प्रति गहरा आकर्षण होता है और इस प्रकार, वे अधिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। वहीं इसके नकारात्मक पहलू की बात करें तो, ऐसे व्यक्ति पीठ दर्द, आंखों की समस्याओं और नर्वस संबंधित समस्याओं जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने कार्यों में आवेगी हो सकते हैं और जल्दबाजी में निर्णय लेने का यह स्वभाव आपको मुसीबत में डाल सकता है।
वृश्चिक राशि में मंगल-केतु की युति का विश्वव्यापी प्रभाव
सामान्य रूप से मंगल-केतु की इस युति को अर्थव्यवस्था और रोजगार के संबंध में बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता है। समृद्धि के संदर्भ में कुछ अवरोध देखने को मिल सकते हैं। नौकरी, बाजार, और व्यापार के संबंध में कुछ परिणामों के लिए मध्यम गुंजाइश बनती नजर आ रही है। इसके अलावा शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति देखने को मिल सकती है।
प्राकृतिक आपदाएं जैसे विश्व स्तर पर ज्यादा बारिश या आगजनी इत्यादि होने की आशंका है। कुछ जल जनित रोग और वायरस आदि होने की आशंका प्रबल है और यह चिंता का विषय बन सकती है। दुनिया भर में लोगों के बीच डर और भय की दहशत होने की आशंका है। ऐसे में मुमकिन है कि इस दौरान सावधानी ज्यादा बरती जाए और लोग सुरक्षित रहें। राजनीति के लिए ग्रहों की यह युति ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाली है। इसके प्रभाव से राजनीति में अराजकता और दुनिया भर की सरकारों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
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सभी बारह राशियों पर मंगल-केतु युति का प्रभाव-उपाय
मेष राशि
मेष अग्नि तत्व की पुरुष राशि है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोगों में दृढ़ शक्ति गज़ब की होती है और कोई भी निर्णय लेने की इनकी क्षमता भी शानदार होती है।
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और आठवें भाव का स्वामी है और इस दौरान केतु के साथ अष्टम भाव में स्थित होगा। जिसके प्रभाव स्वरूप समृद्धि प्राप्त करना इतना आसान नहीं होने वाला है।
पेशेवर मोर्चे पर काम के संदर्भ में आपको कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इस दौरान आपके ऊपर काम का बोझ ज्यादा रहने वाला है और अपने काम को लेकर या अपनी नौकरी को लेकर संतुष्ट भी नहीं रहेंगे। इसके अलावा इस दौरान आप अपने वरिष्ठ लोगों और सहकर्मियों के साथ अपने रिश्ते भी अनुकूल रखने में विफल रहने वाले हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो नौकरी के लिए यह समय अनुकूल नहीं रहने वाला है।
यदि आप व्यापार के क्षेत्र से जुड़े हैं तो इस दौरान आपको घाटा मिलने की प्रबल आशंका है और मुमकिन है कि इस दौरान आपको मनमाफिक परिणाम ना प्राप्त हो। इसके अलावा इस राशि के जो लोग साझेदारी में व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें उनके पार्टनर के साथ विवादों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि यह समय आपके लिए अनुकूल नहीं रहने वाला है ऐसे में इस दौरान अपने व्यवसाय से संबंधित कोई भी महत्वपूर्ण और बड़ा फैसला जैसे बिजनेस में निवेश करना, कोई नया व्यवसाय शुरू करने जैसा फैसला लेने से बचें।
आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो, इस समय अवधि में आपकी आय से ज्यादा आपके खर्च होने वाले हैं। ऐसे में मुमकिन है कि आप ऐसी स्थिति में भी फंस जायें जहां पर आप पैसों से जुड़ी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में कामयाब ना रहे।
व्यक्तिगत मोर्चे पर मंगल केतु की युति पारिवारिक जीवन में आपके जीवन साथी के साथ विवाद और गलतफहमी की वजह बन सकती है। इस दौरान अपना संबंध अनुकूल बनाए रखने के लिए आपको अपने जीवन साथी के साथ समझौता भी करना पड़ सकता है।
अंत में बात करें स्वास्थ्य की तो, इस युति के चलते आपको स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां जैसे असुरक्षा की भावना, पाचन संबंधी परेशानियां, कमर दर्द, और आंखों से संबंधित परेशानियां दिक्कत में डाल सकती हैं।
उपाय: भगवान नरसिम्हा की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
वृषभ राशि
वृषभ अग्नि तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोगों में कलात्मक रुचि ज्यादा देखने को मिलती है और साथ ही ऐसे लोग कला और संगीत के प्रति ज्यादा झुकाव रखते हैं।
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सातवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस दौरान केतु के साथ सातवें भाव में स्थित है। समृद्धि के लिहाज से यह समय बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है।
पेशेवर मोर्चे के लिहाज से बात करें तो इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में अपने सीनियर्स के साथ अपनी गलती के चलते कुछ परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप व्यवसाय कर रहे हैं तो इस दौरान ना ही आपको कोई घाटा होगा और ना ही मुनाफा होगा। साझेदारी में व्यवसाय करने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है अन्यथा उनका पार्टनर उनको ठग सकता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने से और अपने पार्टनर को इसमें शामिल करने से बचें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप किसी बड़ी परेशानी में फंस सकते हैं। इसके अलावा व्यवसाय से संबंधित यदि आपको कोई भी अहम फैसला लेना है तो अभी रुकने की सलाह दी जाती है।
आर्थिक लिहाज से भी समय कुछ खास अनुकूल नहीं रहने वाला है क्योंकि पैसों की तंगी की वजह से आप अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं रहेंगे। जिसके चलते आप के खर्चे आपके तनाव की वजह बन सकते हैं।
व्यक्तिगत मोर्चे पर बात करें तो यह समय अनुकूल नहीं रहने वाला है। इस दौरान आपका आपके जीवन साथी के साथ बिना किसी बात के अलगाव की स्थिति बन सकती है। इसलिए आपको सतर्क और सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य मोर्चे पर बात करें तो इस युति के दौरान आपके जीवन साथी को स्वास्थ्य संबंधित कुछ परेशानियां हो सकती हैं। जिसके चलते आपको जरूरत से ज्यादा धन खर्च करना पड़ सकता है।
उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें और प्रतिदिन ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का 41 बार जप करें।
मिथुन राशि
मिथुन वायु तत्व की स्त्री राशि है। राशि चक्र में मिथुन का तीसरा स्थान होता है। मिथुन राशि के तहत पैदा हुए लोगों का दोहरा दिमाग होता है उनकी बुद्धिमत्ता आदि विकसित करने में रुचि ज्यादा देखने को मिलती है।
मिथुन राशि के लोगों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ छठे भाव में स्थित है। अपने व्यवसाय के विस्तार और उत्थान के लिए यह समय बेहद शुभ रहने वाला है हालांकि यह तभी मुमकिन है जब आप प्रयास में कोई कमी ना आने दें।
पेशेवर मोर्चे पर बात करें तो आपको दिए गए काम को समय पर पूरा करने के लिए आप खुद को बाध्य भी महसूस कर सकते हैं। हालांकि दूसरी तरफ मंगल और केतु की संयुक्त उपस्थिति के कारण आप अपनी नौकरी में पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा नौकरी के नए अवसर मिलने की संभावना प्रबल है और नई नौकरी का यह विकल्प आपके लिए शुभ रहने वाला है।
यदि आप व्यापार कर रहे हैं तो इस दौरान आप को अधिक मुनाफा मिलने की संभावना है। इसके अलावा आपको किसी नए व्यवसाय में शामिल होने का मौके भी मिल सकते हैं या आप साझेदारी के व्यवसाय में शामिल हो सकते हैं। आपकी ओर से इस तरह के कदम आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं।
आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो धन के मामले में इस दौरान आप शुभ स्थिति में रहने वाले हैं। इस दौरान आपको ऋण और विरासत आदि से धन लाभ होने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा धन संचित करने में भी आपको सफलता प्राप्त होगी।
पारिवारिक संदर्भ में आप अपने जीवन साथी के साथ आपसी संबंध और समझदारी के दम पर खुशहाल रिश्ते का आनंद उठाएंगे। आपका रिश्ता इस समय इतना अनुकूल और खुशहाल रहने वाला है कि आप दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे।
स्वास्थ के संदर्भ में बात करें तो मंगल और केतु की युति आपको उचित ऊर्जा और दृढ़ संकल्प प्रदान करने वाली साबित होगी।
उपाय: ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 11 बार रोजाना जप करें।
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कर्क राशि
कर्क जल तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि के तहत पैदा होने वाले लोगों को यात्रा में रूचि होती है और वे अपने काम को लेकर बेहद सजग रहते हैं। अपने स्वभाव में कर्क राशि के जातक बेहद सौम्य होते हैं।
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव का स्वामी है और इस समय केतु के साथ पंचम भाव में स्थित रहेगा। आध्यात्मिक कार्यों में हिस्सा लेने और रुचि दिखाने के लिए यह समय अनुकूल रहने वाला है।
पेशेवर मोर्चे पर बात करें या तो आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे और अपने काम को समय सीमा पर पूरा करने में सफल रहेंगे। आप अपने काम के दम पर प्रमोशन और अन्य प्रोत्साहन और अवार्ड भी हासिल करेंगे। आपको नौकरी से संबंधित अन्य लाभ और पुरस्कार भी प्राप्त होंगे।
आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो, यह समय आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। मंगल और केतु की युति के प्रभाव स्वरूप आप अच्छा धन लाभ कमाने में और अच्छी मात्रा में धन संचित करने में कामयाब रहने वाले हैं। इस दौरान आप विभिन्न स्रोतों से कमाए गए धन को धार्मिक गतिविधियों में दान करने में भी इच्छुक नजर आएंगे।
व्यक्तिगत मोर्चे पर बात करें तो आप अपने जीवन साथी के साथ अच्छे रिश्ते को बनाए रखने में कामयाब रहेंगे। इस समय अवधि में आप दोनों के बीच की समझ भी शानदार रहने वाली है। इसी आपसी समझ के दम पर आप दूसरों के लिए उदाहरण बनेंगे।
मंगल केतु की युति के प्रभाव स्वरूप आपका स्वास्थ्य उत्तम रहने वाला है। इस दौरान आपको उचित ऊर्जा और दृढ़ संकल्प मिलेगा, जिससे आप अपनी फिटनेस को उत्तम बनाए रखने में सफल रहेंगे।
उपाय: ‘ॐ भौमाय नमः’ ‘ॐ केतवे नमः’ मंत्र का 108 बार प्रतिदिन जाप करें।
सिंह राशि
सिंह अग्नि तत्व की एक पुरुष राशि है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोग अपने सिद्धांतों के प्रति बेहद ही सजग होते हैं।
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और नवम भाव का स्वामी है और मंगल केतु युति के दौरान केतु के साथ चतुर्थ भाव में स्थित होगा। यह समय कोई भी महत्वपूर्ण फैसला लेने के लिए बेहद ही शुभ नहीं रहने वाला है। इस समय अवधि में आपके परिवार में भी कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
पेशेवर जीवन की बात करें तो इस समय आपको कार्यक्षेत्र में काम का ज्यादा बोझ उठाने को मिल सकता है। जिसके चलते वरिष्ठ लोगों के साथ आपके रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं रहेंगे। मानसिक संतुष्टि के लिए आप नौकरी बदलने का विचार भी कर सकते हैं।
आर्थिक पक्ष की बात करें तो मौजूद धन के साथ आप अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में असफल हो सकते हैं। इस समय अवधि में आप के खर्चे हद से ज्यादा होने वाले हैं।
व्यक्तिगत मोर्चे पर बात करें तो इस दौरान आपके परिवार में दिक्कतें और परेशानियां होने की आशंका है। आपसी समझ को बनाए रखने के लिए और अपना रिश्ता घर के लोगों के साथ अनुकूल रखने के लिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने जीवनसाथी के साथ बैठकर धैर्य के साथ बातें करें और समस्या का समाधान निकालें।
स्वास्थ्य के अनुसार मंगल केतु की युति आपकी माता के स्वास्थ्य या घर के किसी अन्य सदस्य के स्वास्थ्य के संदर्भ में ज्यादा पैसे खर्च कराने वाली साबित हो सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ दुं दुर्गाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
कन्या राशि
कन्या पृथ्वी तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोग ज्यादातर कलात्मक स्वभाव के होते हैं और उनका रुझान या इनकी दिलचस्पी व्यापार में ज्यादा होती है। सरल शब्दों में कहें तो यह व्यापारी विचारधारा वाले होते हैं।
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ तीसरे भाव में स्थित होगा। ऐसे में यह समय आपके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी नहीं रहने वाला है। बातचीत में स्पष्टता ना होने की वजह से या बातचीत न होने की वजह से परिवार में गलतफहमियां होने की भी आशंका बन रही है।
पेशेवर जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको अपने सहकर्मियों और अधीनस्थों का सहयोग नहीं मिलेगा इसलिए आपको अपने काम को बिना सहयोग के सुनियोजित तरीके से करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इस समय अवधि में आपको काम करने में कुछ परेशानियां भी आ सकती हैं।
आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो पैसों की तंगी की वजह से आप अपनी जरूरतें पूरा करने में असफल हो सकते हैं। इस समय अवधि में आपके खर्चे इतने ज्यादा होने वाले हैं कि कई बार आप उन्हें संभाल नहीं पाएंगे।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आपके भाई बहनों के साथ आपका रिश्ता कुछ खास अच्छी नहीं रहने वाला है। इसके साथ ही इस दौरान आपको अपने जीवनसाथी से भी उचित सहयोग न मिलने की आशंका है।
स्वास्थ्य की बात करें तो मंगल केतु की युति के प्रभाव स्वरूप आपका उत्साह कुछ कम हो सकता है जिससे जीवन में असुरक्षा की भावना आ सकती है या फिर घबराहट से जुड़ी कोई समस्या को परेशान कर सकती है।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें।
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तुला राशि
तुला वायु तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोग कला के प्रति ज्यादा झुकाव रखते हैं। इसके अलावा इस राशि के लोगों का रुझान भी व्यापार की तरफ ज्यादा देखने को मिलता है।
तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और मंगल केतु युति के दौरान वृश्चिक राशि में दूसरे भाव में स्थित होगा। जहाँ तक परिवार या पारिवारिक जीवन की बात है तो उसके अनुरूप यह युति अनुकूल नहीं कही जा सकती है। साथ ही इस दौरान आपको अपनी मेहनत का परिणाम या फल भी नहीं प्राप्त होगा।
पेशेवर जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको अपने काम को सुचारु रुप से करने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस दौरान आपके सहकर्मियों के साथ भी कुछ तनातनी देखने को मिल सकती है और वह किसी बात को लेकर आपका फायदा उठा सकते हैं।
जहां तक बात आर्थिक पक्ष की है तो इस दौरान आपके खर्चे ज्यादा रहने वाले हैं। जिसकी वजह से आप अपनी आर्थिक स्थिति को सही ढंग से मैनेज करने में असफल हो सकते हैं। साथ ही धन लाभ के लिए यह स्थिति कुछ ज्यादा अनुकूल नहीं प्रतीत हो रही है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आपका आपके जीवन साथी के साथ बेवजह की बातों पर बहस या विवाद होने की आशंका है। यह बातचीत ना होने की वजह से हो सकता है।
स्वास्थ्य की बात करें तो मंगल केतु युति के प्रभाव से आपको सिरदर्द, आंखों की परेशानी, या पाचन से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।
उपाय: मंगलवार के दिन मंगल और केतु के लिए होम करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि जल तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि के तहत जन्म लेने वाले लोगों की रुचि मनोगत विषयों की पढ़ाई में ज्यादा देखने को मिलती है और इसी के संबंध में वह ज्यादा रुचि विकसित भी करते हैं।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल प्रथम और छठे भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ प्रथम भाव में स्थित है। ऐसे में संतुष्टि के लिहाज से यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है।
पेशेवर जीवन की बात करें तो सीनियर्स के साथ आपका तालमेल थोड़ा नाज़ुक रहने वाला है या यूं कहें आप का तालमेल कम विकसित हो सकता है जिसके चलते आपकी बॉस के साथ बहस भी होने की संभावना है। मुमकिन है कि आपका बॉस आपको कोई ऐसा काम करने को कहे जो आप को संतुष्ट ना प्रदान करे।
आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो भी यह समय कुछ खास अच्छा नहीं रहने वाला है। इस दौरान धन हानि के प्रबल योग हैं। इस अवधि में आप यात्रा करते समय अपना धन गंवा सकते हैं। ऐसे में यात्रा करते समय आपको विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इस समय में आपके जीवन में कुछ अवांछित खर्चे भी दस्तक दे सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो आप अपने जीवन साथी के साथ बातचीत न करने की वजह से आपसी समझ बरकरार रखने में विफल रहने वाले हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अपने जीवन साथी के साथ बातचीत करते रहें और बातचीत करते समय धैर्य बनाए रखें।
स्वास्थ्य जीवन की बात करें तो मंगल केतु की युति के चलते आपको कमर दर्द या नर्वस संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।
उपाय: प्राचीन संस्कृत पाठ नारायणीम प्रतिदिन पढ़ें।
धनु राशि
धनु अग्नि तत्व की पुरुष राशि है। इस राशि के तहत जन्म लेने वाले लोगों की रुचि ज्यादातर खेलकूद और आध्यात्मिक गतिविधियों में होती है। इस राशि के तहत पैदा हुए लोग भगवान में बेहद आस्था रखते हैं और उनकी पूजा पाठ आदि में ज्यादा शामिल होते हैं।
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान वृश्चिक राशि में केतु के साथ बारहवें भाव में स्थित होगा। जिसके फलस्वरूप आपको अपने दोस्तों से कम सहयोग प्राप्त होगा। जिसकी वजह से आपका आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
पेशेवर जीवन की बात करें तो इस दौरान आपके सहकर्मियों के साथ आपका विवाद होने की आशंका है। जिसकी वजह से आप थोड़े परेशान हो सकते हैं। इस समय काम करते समय आपको ज्यादा ध्यान देने की सलाह दी जाती है अन्यथा इस दौरान आपसे गलती होने की ज्यादा आशंका है।
आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से बात करें तो आप अपने बच्चों के स्वास्थ्य में ज्यादा धन खर्च करेंगे। यदि आपका पैसा कहीं अटका हुआ है या रुका हुआ है तो उसके चलते आपको कुछ काम या प्रतिबद्धताओं से जुड़ना भी पड़ सकता है।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आप अपने जीवन साथी के साथ अपने रिश्ते में खुशियां बनाए रखने में थोड़े असफल हो सकते हैं। इस दौरान आपके जीवन में समृद्धि और समझौते में भी कमी देखने को मिल सकती है। ऐसा किसी गलतफहमी के चलते होना मुमकिन है। जिसके चलते आगे जाकर कोई बड़ा विवाद रूप भी ले सकता है।
स्वास्थ्य मोर्चे पर बात करें तो मंगल केतु की युति से आपको पैर में दर्द, अकड़न आदि से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा इस दौरान आपको अनिद्रा का भी खतरा हो सकता है।
उपाय: विष्णु सहस्त्रनाम का जप करें।
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मकर राशि
मकर पृथ्वी तत्व की पुरुष राशि है। इस राशि के तहत जन्म लेने वाले लोगों को समय पर अपना काम पूरा करना बेहद ही पसंद होता है। ऐसे लोग हमेशा कोई ना कोई काम करते हुए नजर आते हैं।
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और इस युति के दौरान केतु के साथ ग्यारहवें भाव में स्थित होगा। जिसके फलस्वरूप आप अपने काम और प्रतिबद्धताओं को समय पर पूरा करने में कामयाब रहेंगे। इस समय अवधि में आपकी रूचि आध्यात्मिक कार्यों की तरफ बढ़ सकती है और इसी के संदर्भ में आप कुछ यात्रा भी करते नजर आएंगे।
पेशेवर जीवन की बात करें तो नई नौकरी के शुभ अवसर आपको इस समय अवधि में प्राप्त हो सकते हैं और यह अवसर आपको संतुष्टि भी प्रदान करेंगे। मौजूदा कार्यक्षेत्र में आप अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने में कामयाब रहेंगे। इसके साथ ही काम के दम पर आपको प्रमोशन आदि भी प्राप्त होगा जिससे आपकी संतुष्टि की भावना बढ़ेगी। आप इस समय अवधि में जो भी काम कर रहे हैं उसमें आपको सफलता और पुरस्कार आदि भी प्राप्त हो सकते हैं।
आर्थिक पक्ष के लिहाज से बात करें तो इस दौरान आपको धन लाभ होने की संभावना है जिसकी वजह से आप खुलकर धन खर्च करेंगे। इसके साथ ही आप धन संचित करने और धन निवेश करने में भी कामयाब रहेंगे।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आपके जीवन साथी के साथ आपके रिश्ते सौहार्द पूर्ण रहने वाले हैं। इस समय अवधि के दौरान आप अपने जीवन साथी के साथ दोस्ताना रिश्ते का लुफ्त उठाते नज़र आएंगे।
स्वास्थ्य जीवन की बात करें तो मंगल केतु युति के प्रभाव स्वरूप आप फिट रहेंगे। हालांकि यह केवल आपके दृढ़ संकल्प की वजह से ही मुमकिन हो सकता है। इस समय आपकी ऊर्जा देखने लायक होगी।
उपाय: मंगल के लिए होम करें।
कुम्भ राशि
कुंभ वायु तत्व की स्त्री राशि है। इस राशि के तहत जन्म लेने वाले लोग कुछ नया करने, खोज करने और रिसर्च करने में ज्यादा इच्छुक होते हैं। इसके अलावा समय पर कार्य पूरा करना भी इन्हें बेहद अच्छा लगता है।
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव का स्वामी है और केतु के साथ युति के दौरान दसवें भाव में स्थित होगा। जिसके फलस्वरूप आप रिसर्च और अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित नजर आएंगे। इसके अलावा इस समय अवधि में आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि भी बढ़ सकती है।
पेशेवर जीवन की बात करें तो इस दौरान आपको अपनी नौकरी में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी जिसकी वजह से आप प्रमोशन आदि भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही इस समय अवधि में आपको काम के चलते कुछ यात्रा भी करनी पड़ सकती है और यह यात्राएं आपको लाभ भी दिलाएंगी।
आर्थिक जीवन के लिहाज से बात करें तो इस समय आपको वित्तीय लाभ होगा और धन का प्रवाह बना रहेगा। इसके अलावा प्रोत्साहन और भत्तों आदि के रूप में आप अधिक धन कमाने में भी कामयाब रहेंगे। इस समय अवधि में यदि आप चाहें तो निवेश भी कर सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो इस दौरान आपके और आपके जीवनसाथी के रिश्ते में सहजता और प्रेम देखने को मिलेगा। आप एक दूसरे को समझेंगे जिसकी वजह से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहेगी।
स्वास्थ्य जीवन के लिहाज़ से बात करें तो मंगल केतु की युति के प्रभाव स्वरूप आपको प्रोत्साहन मिलेगा और आपके उत्साह में वृद्धि देखने को मिलेगी। इस साहस के दम पर आपका स्वास्थ्य उत्तम रहने वाला है।
उपाय: ‘ॐ कें केतवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
मीन राशि
मीन राशि के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और केतु के साथ युति के दौरान नवम भाव में स्थित होगा जिसके प्रभाव स्वरूप आपको इस दौरान आध्यात्मिक कारणों के चलते यात्रा करनी पड़ सकती है और साथ ही आध्यात्मिक कार्य में आपकी रुचि बढ़ेगी।
पेशेवर जीवन के लिहाज से बात करें तो इस दौरान आपको जॉब में ग्रोथ भी देखने को मिलेगी। साथ ही प्रमोशन के लिए प्रबल योग बनते नज़र आ रहे हैं। आप विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं जिससे आपको नौकरी में ग्रोथ प्राप्त होगी। इस दौरान आपको अपने सहकर्मियों का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो आपकी कठिन परिश्रम और काम के दम पर आपको प्रमोशन और सम्मान प्राप्त होगा। इस समय अवधि में आप कोई बड़ा निवेश भी कर सकते हैं और भविष्य में यह निवेश के लिए फलदाई साबित होगा। इसके अलावा इस दौरान आप धन संचित करने में भी सफल रहेंगे।
व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो आप अपने जीवन में समरसता और समृद्धि बनाए रखने में कामयाब रहेंगे। इस दौरान आपके जीवन साथी के साथ आपकी समझ काफी शानदार रहने वाली है।
स्वास्थ्य जीवन की बात करें तो मंगल केतु युति के प्रभाव से आपको अपने पिता या घर के किसी बड़े सदस्य के स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ सकता है। आपके जीवन में ऊर्जा का स्त्रोत रहने वाला है।
उपाय: मंगलवार के दिन केतु के लिए होम करें।
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