ज्योतिष में मंगल ग्रह को लाल ग्रह कहा जाता है क्योंकि इसमें ज्वलंत और मर्दाना गुण होते हैं। यह ग्रह जातक के विवाह में बेहद अहम भूमिका निभाता है क्योंकि यदि यह किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में होता है तो इससे मांगलिक दोष का निर्माण होता है जिससे लड़का है या लड़की के विवाह में तमाम परेशानियां आने लगती है। इसके अलावा यह ग्रह ब्रह्माचार्य और क्रोध का भी ग्रह कहा जाता है। इसके अलावा यह दृढ़ निश्चय और साहस का प्रतीक होता है। मंगल ग्रह के जातकों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के प्रभाव पड़ते है।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति को वह शक्ति, युवा मोर्चा, आत्मविश्वास, प्रदान करता है। वहीं इसके विपरीत यदि कुंडली में मंगल ग्रह प्रतिकूल स्थिति में मौजूद होता है तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में क्रोध, गुस्सा, और तुनक मिजाज की वृद्धि देखने को मिलती है। यह सभी नकारात्मक लक्षण किसी भी व्यक्ति के जीवन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं और कई बार ऐसे लोग जीवन में कुछ खतरनाक कदम भी उठा लेते हैं।
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ऐसे में बेहद आवश्यक होता है कि कुंडली में बैठा मंगल ग्रह शांति स्थिति में हो। हालाँकि जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह शांत नहीं होता है ऐसे व्यक्तियों को 21 मंगलवार का उपवास रखने की सलाह दी जाती है। इस उपाय को करने से मंगल ग्रह खुश होते हैं और साथ ही मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव भी इस उपाय से कम किए जा सकते हैं।
मंगल ग्रह को युद्ध का देवता माना जाता है और व्यक्ति को साहस और उत्साह का आशीर्वाद प्रदान करता है। आम तौर पर अशुभ ग्रह मंगल कर्क राशि और सिंह राशि के लिए लाभप्रद माना गया है। इसके अलावा यह मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी भी होता है। मंगल जब किसी व्यक्ति की कुंडली के 1, 2, 4, 7, 8 और 12वें घर में स्थित होता है तो ऐसे व्यक्ति मांगलिक होते हैं और इस दोष की वजह से व्यक्ति के विवाह में तमाम तरह की बाधाएं उत्पन्न होने लगती है।
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मकर राशि में मंगल गोचर (26 फरवरी, 2022)
मंगल ग्रह भाई-बहन, इंजीनियर, सैनिक, आर्मी, युद्ध में रक्त, सर्जन, विनाश संपत्ति और हिंसा का सूचक माना गया है। ऐसे में यह ग्रह मकर राशि में शनिवार 26 फरवरी, 2022 को 2 बजकर 46 मिनट पर गोचर कर जाएगा।
स्वाभाविक सी बात है कि मंगल के इस गोचर का सभी राशियों पर कुछ ना कुछ प्रभाव अवश्य पड़ेगा। तो चाहिए आगे बढ़ते हैं और अब जान लेते हैं सभी 12 राशियों पर मंगल गोचर का प्रभाव और राशि अनुसार उपाय।
मंगल का मकर में गोचर: राशिनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मंगल पहले और आठवें घर का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के दसवें घर में गोचर कर रहा है। इस गोचर अवधि के दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
मंगल बारहवें और सातवें भाव का स्वामी है और भाग्य, आध्यात्मिकता, उच्च शिक्षा और पिता के नवम भाव में गोचर कर रहा है। इस अवधि में….(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए, चंद्र राशि मंगल छठे और ग्यारहवें घर का स्वामी है और जादू, अचानक हानि / लाभ और विरासत के आठवें घर में गोचर कर रहा है। गोचर की यह अवधि ….(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
मंगल दसवें और पांचवें भाव का स्वामी है और विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर अवधि के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें)
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सिंह राशि
मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और छठे भाव में ऋण, शत्रु और रोग के भाव में गोचर कर रहा है। इस अवधि के दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
मंगल तीसरे और आठवें भाव का स्वामी है और प्रेम, रोमांस और संतान के पंचम भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर अवधि के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
मंगल द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी है और इस समय वह माता आराम और विलासिता के चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है। इस समय अवधि के दौरान ….(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
मंगल पहले और छठे भाव का स्वामी है और भाई-बहन, दस्तावेज, छोटी यात्रा और साहस के तीसरे भाव में गोचर कर रहा है। मंगल ग्रह का यह गोचर आपके लिए ….(विस्तार से पढ़ें)
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धनु राशि
मंगल पंचम और बारहवें भाव का स्वामी है और धन, धन, परिवार और वाणी के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है। मंगल के गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मंगल 11वें और चौथे घर का स्वामी है और पहले घर में गोचर कर रहा है जो आत्म, व्यक्तित्व और आत्मविश्वास का प्रतीक है। मंगल का यह गोचर….(विस्तार से पढ़ें)
कुम्भ राशि
मंगल दसवें और तीसरे भाव का स्वामी है और खर्च, अस्पताल में भर्ती, विदेश यात्रा/निपटान और मोक्ष के द्वादश भाव में गोचर कर रहा है। इस समय अवधि के दौरान….(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि के लिए मंगल नवम और द्वितीय भाव का स्वामी है और लाभ, इच्छा और सामाजिकता के एकादश भाव में गोचर कर रहा है। मीन जातकों के लिए ….(विस्तार से पढ़ें)
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