आज होने जा रहा है मंगल का गोचर, जानें इसके शुभ और अशुभ प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र में क्रूर और पापी ग्रह कहे जाने वाला “मंगल” सौर मंडल का सातवाँ सबसे बड़ा ग्रह है वैदिक ज्योतिष के आधार पर मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी कहा जाता है। मंगल एक तरफ जहाँ सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति के साथ मित्रता रखते हैं, वहीं दूसरी तरफ इनका बुध और केतु के साथ शत्रुता का संबंध है। मकर राशि में मंगल का स्थान उच्च का होता है, तो कर्क राशि में ये नीच के माने जाते हैं। मंगल का रंग लाल और रत्न मूंगा माना गया है।

मंगल के शुभ प्रभाव से साहस, वीरता और आत्मविश्वास जैसे अनेक गुणों में वृद्धि होती है, लेकिन इसकी अशुभ स्थिति व्यक्ति की क्षमता और उसके आत्मविश्वास को कमज़ोर कर देती है। आज इसी क्रम में हम अपने इस लेख के माध्यम से आपको बताएँगे कि मंगल का एक व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव और दुष्प्रभाव पड़ता है, लेकिन पहले जान लेते हैं 25 सितंबर, 2019 को मंगल का कन्या राशि में  होने वाले गोचर के बारे में । 

25 सितंबर को मंगल कर रहे हैं कन्या राशि में गोचर 

मंगल ग्रह 25 सितम्बर 2019, बुधवार को प्रातः 05:56 बजे कन्या राशि में गोचर करेंगे और 10 नवंबर 2019, रविवार की दोपहर 13:31 बजे तक इसी राशि में रहेंगे। मंगल के कन्या राशि में गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रकार से देखने को मिल सकता है। आपकी जानकरी के लिए बता दें कि किसी भी राशि में मंगल गोचर की अवधि तक़रीबन 45 दिनों यानि डेढ़ महीने की होती है। 

मंगल का कन्या राशि में गोचर, जानें आपकी राशि पर क्या पड़ेगा इसका प्रभाव !

मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव

शास्त्रों में मंगल ग्रह को शक्तिशाली ग्रह माना जाता है, मंगल का सीधा प्रभाव मनुष्य के स्वभाव और आत्म विश्वास पर पड़ता है। मंगल को पराक्रम, साहस और ऊर्जा का कारक माना गया है। अगर किसी इंसान की कुंडली में मंगल का स्थान मज़बूत होता है, तो व्यक्ति जुझारू और साहसी होता है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है। अब आपको बताते हैं कि मंगल के दुष्प्रभाव के बारे में – 

मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव

मंगल स्वभाव से बेहद उग्र ग्रह है। इसे क्रोध, अहंकार और युद्ध का कारक भी माना गया है। कुंडली पर पड़ने वाले मंगल के हानिकारक प्रभावों से व्यक्ति को खून से संबंधित बीमारियाँ, विवाह और संतान प्राप्ति में देरी और ज़िंदगी में अनेकों दुःख झेलने पड़ते हैं। अगर कुंडली के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में मंगल ग्रह मौजूद हो तो यह मांगलिक दोष का निर्माण करते है। ज्योतिषशास्त्र में मांगलिक दोष को दूर करने के लिए मंगल ग्रह की शांति के अनेक  उपाय बताए गए हैं। 

मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय

  • मंगल दोष दूर करने के लिए मंगलवार का उपवास करें।
  • मंगल की शांति के लिए मंगलवार के दिन हनुमानाष्टक, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा और सुन्दरकांड का पाठ करें।
  • हर मंगलवार हनुमान जी, नरसिंह देव और भगवान कार्तिकेय की आराधना करें।
  • मनवांछित फल पाने के लिए मंगल बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र – ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः!
  • मंगल ग्रह शांति के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष, मूंगा रत्न, अनंत मूल जड़ी धारण करें।
  • मंगलवार के दिन मंगल की होरा एवं मंगल के नक्षत्र के समय मंगल यंत्र को धारण करें।
  • मंगलवार के दिन किसी से भी पैसे उधार न लें।
  • सौंफ, मूंग, गेहूँ, लाल मसूर, खांड, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन एवं गुड़ आदि का दान करें ।

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