ज्योतिष में मंगल ग्रह को लाल ग्रह की उपाधि प्राप्त है। जो मनुष्य के जीवन में साहस, पराक्रम, शौर्य, ऊर्जा, नेतृत्व, भाई-बहनों आदि का कारक होता है। समस्त राशियों में से मंगल मेष और वृश्चिक के अधिपति होते हैं। जबकि मकर उनकी उच्च राशि तो वहीं कर्क इसकी नीच राशि कहलाती है। इसके अलावा ग्रहों की बात करें तो ग्रह मैत्री चक्र के अनुसार सूर्य और चंद्रमा से मंगल की मित्रता होती है, परंतु बुध के साथ उनकी शत्रुता का भाव होता है।
मंगल एक अग्नि तत्व ग्रह हैं, जो प्राकृतिक रूप से गर्म होते हैं। इस कारण भी कुंडली में मंगल की स्थिति का प्रभाव जातक को आक्रामक, मजबूत, ऊर्जावान और उग्र स्वभाव का बनाता है।
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कुंडली में मंगल का प्रभाव
जिस भी किसी कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत व शुभ होती है, वो जातक स्वतंत्र विचारों वाला होने के साथ-साथ बहुत प्रभावशाली व्यक्तित्व का होता है। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति के अपने भाई-बहनों से संबंध मधुर होते हैं और वे अपने साहस और ऊर्जावान व्यक्तित्व से कर कार्य को समय पर पूरा करते हुए दूसरों को आकर्षित करने में सक्षम रहते हैं।
जबकि इसके विपरीत यदि किसी कुंडली में मंगल की स्थिति कमज़ोर हो या अशुभ हो तो इसके परिणामस्वरूप वो जातक आजीवन रक्त संबंधित शारीरिक समस्याओं से परेशान रहता है। ऐसे लोगों के अंदर गुस्सा अधिक होता है, जिससे वो अक्सर दूसरों के साथ विवाद में फंस जाते हैं। मंगल की कमज़ोर स्थिति जातक के वैवाहिक जीवन में भी कई समस्याओं को जन्म देने का कारण बनती है।
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मांगलिक दोष
ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो कुंडली में मांगलिक दोष भी मंगल ग्रह की स्थिति के कारण बनता है। यदि मंगल जन्म कुंडली में लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भावों में से किसी भी भाव में होते हैं तो ये स्थिति कुंडली में मंगल दोष या मांगलिक दोष का निर्माण करती है। मांगलिक दोष के कारण ही व्यक्ति को अपने विवाहिक जीवन में काफी चुनौतियों से दो-चार होना पड़ता है। कई मामलों में तो तो मांगल दोष के नकारात्मक परिणामों से ही व्यक्ति के विवाह में देरी या कई समस्याएं आती हैं।
ऐसे में इस दोष के हानिकारक प्रभाव को दूर व कम करने के लिए, आप ज्योतिषी विशेषज्ञों से मंगल ग्रह की शान्ति हेतु ज़रूरी उपचार और अनुष्ठान करवा सकते हैं।
मंगल के गोचर काल की अवधि
मंगल ग्रह का हर गोचर लगभग 45 दिनों में होता है। यानी मंगल ग्रह को एक राशि चक्र पूरा करके दूसरी राशि में आने में लगभग 45 दिनों का समय लगता है। अब यह लाल ग्रह मंगल एक बार फिर अपना गोचर करते हुए अपनी स्वराशि मेष से निकलकर 10 अगस्त, 2022 बुधवार की रात 09 बजकर 43 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मंगल का शुक्र की राशि में गोचर करना सभी राशि के जातकों को प्रभावित करते हुए, देशभर में कई बदलाव लेकर आएगा।
चलिए अब जानते हैं कि मंगल का ये अनोखा गोचर क्यों ख़ास रहने वाला है और इस गोचर का कैसा रहेगा व्यापक प्रभाव:-
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मंगल के वृषभ में गोचर का प्रभाव
- वृषभ जातकों पर असर
- चूंकि मंगल 10 अगस्त को शुक्र की वृषभ राशि में अपना गोचर करेंगे, जिसके चलते इस स्थान परिवर्तन से मंगल देव ज्यादातर जातकों को वैवाहिक जीवन से संबंधित परिणाम देने का कार्य करेंगे।
- साथ ही वृषभ राशि में इस गोचर का होना वृषभ जातकों को अपने व्यक्तिगत जीवन से संबंधित कई अहम निर्णय लेने में मदद करेगा। यदि आपको क्रोध संबंधित समस्या आ रही थी तो आप उसको भी नियंत्रित करने में सफल रहेंगे।
- इसके अलावा वृषभ राशि चक्र की दूसरी राशि होती है और इसमें मंगल का प्रवेश करना आपके अपने घरवालों से संबंध मधुर करने की संभावना बनाएगा।
- साथ ही वृषभ जातक अपने साहस और अच्छी वाणी के बल पर लोगों को आकर्षित करते हुए, उनसे आर्थिक लाभ हासिल करने में भी सक्षम रहने वाले हैं।
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- गोचर के अगले दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन
एस्ट्रोसेज के वरिष्ठ ज्योतिचार्यों की मानें तो, व्यक्ति के भाई-बहनों से संबंधित जानकारी के लिए कुंडली में मंगल की स्थिति का आंकलन किया जाता है। ऐसे में जब 10 अगस्त, बुधवार को मेष से निकलकर वृषभ राशि में मंगल प्रवेश करेंगे, तो इसके अगले दिन यानी 11 अगस्त को देशभर में भाई-बहनों के प्रेम का महाउत्सव “रक्षाबंधन” पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में इस वर्ष का रक्षाबंधन 2022 पर्व बहुत ख़ास रहने वाला है।
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- देशभर पर असर
- देश के किसी बड़े नेता या राजनितिक दल की ओर से कोई सकारात्मक कमेंट आ सकता है। जिसे देश की जनता से सरहाना भी मिलने की संभावना रहेगी।
- प्रशासन में नई ऊर्जा का वास होगा, जिससे वे कई पुरानी योजनाओं पर तेजी से कार्य करते दिखाई देंगे।
- देश के मुद्रा भंडार में इजाफा होगा।
- देश की सेना की ओर से भी कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
- नेताओं की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलेगा।
- भाई-बहनों के संबंधों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
- साथ ही कई दांपत्य जातक अपने परिवार में विस्तार करते हुए भी नज़र आएंगे।
- इसके अलावा अगर बात करें शेयर मार्केट की तो, आईटी के शेयरों में उछाल देखने को मिलेगा।
- जबकि खुदरा बाजार में मसूर दाल, वस्त्र, जमीन, तांबे आदि के भाव में काफी तेजी आएगी।
- विश्व पर असर
- मंगल के वृषभ में गोचर के फलस्वरूप दुनिया के कुछ देश किसी संक्रमण से परेशान रहेंगे। खासतौर से नेत्र संबंधित कोई समस्या जान-माल का नुकसान करवाएगी।
- कुछ देशों के बीच अस्त्र-शस्त्र की खरीद-बिक्री से जुड़ी कोई बड़ी जानकारी सामने आ सकती है।
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- इन 4 राशियों पर पड़ेगा शुभ असर
- वृषभ राशि: आपको इस गोचरकाल के दौरान कोई विदेश से जुड़ा अच्छा अवसर प्राप्त होगा। आप अपनी मां के साथ भी संबंध बेहतर करते हुए उनसे स्नेह हासिल करेंगे। कुछ जातकों को किसी संपत्ति की ख़रीद व बिक्री से भी अच्छा फायदा मिलेगा। वहीं यदि आप शादीशुदा हैं तो आपको अपने जीवनसाथी की ओर से इस अवधि में पूरा सहयोग मिलने के योग बनेंगे।
- कर्क राशि: चूँकि आपके लिए मंगल योगकारक ग्रह होते हैं, इसलिए यह गोचर आपकी सभी अधूरी पड़ी इच्छाओं को पूरा करने का कार्य करेगा। कार्यक्षेत्र पर भी आपकी मेहनत रंग लाएगी और आप अपने करियर में भी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते दिखाई देंगे। यदि आप शादीशुदा हैं तो मंगल देव की कृपा से आपके जीवनसाथी को कोई अच्छा प्रमोशन मिलेगा, जिसका सकारात्मक प्रभाव आपके दांपत्य जीवन पर पड़ेगा।
- वृश्चिक राशि: आपके कार्यक्षेत्र के लिए सबसे अधिक मंगल देव अनुकूल परिणाम मिलने के योग बनाएंगे। खासतौर से यदि आप साझेदारी में कोई व्यवसाय करते हैं तो आपको इस अवधि में अपार लाभ मिलेगा। साथ ही निजी जीवन में भी आप अपनी समझ का परिचय देते हुए, जीवनसाथी के साथ अपने संबंध बेहतर करने में सक्षम रहने वाले हैं।
- मकर राशि: ये अवधि आपकी ऊर्जा में अचानक वृद्धि करेगी। जिसके चलते आप अपने लक्ष्यों के प्रति केंद्रित होते हुए उत्तम लाभ उठा सकेंगे। यदि आप अपनी वेतन वृद्धि या पदोन्नति के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे तो, ये समय आपको कोई अच्छा समाचार देगा। शादीशुदा जातक भी अपने दाम्पत्य जीवन का आनंद ले सकेंगे।
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- इन 3 राशियों पड़ पड़ेगा प्रतिकूल असर
- मेष राशि: आपको इस गोचर से सामान्य से कम अनुकूल फल प्राप्त होंगे। क्योंकि इस समय आपके स्वभाव में क्रोध की कुछ वृद्धि होने से आपका दूसरों के साथ झगड़ा हो सकता है। आपको धन से जुड़े भी कुछ प्रतिकूल फल मिल सकते हैं, जिसका नकारत्मक प्रभाव आपके निजी जीवन को प्रभावित करेगा। वहीं शादीशुदा जातकों के अहंकार में वृद्धि होने से, वे अपने साथी से खुद को बेहतर दिखाते हुए उनसे हर बात पर बहस करेंगे।
- मिथुन राशि: यूँ तो ये गोचर आपके भाई-बहनों से आपको पूरा सहयोग देने वाला है। परंतु आपको इसके लिए अपने धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ेगा। कुछ जातक रक्त संबंधित किसी समस्या से भी परेशान दिखाई देंगे। वहीं शादीशुदा जीवन में जीवनसाथी के साथ कुछ मुद्दों को लेकर तर्क-वितर्क हो सकता है।
- तुला राशि: आपके लिए भी मंगल का ये गोचर थोड़ा चुनौतीपूर्ण रहेगा। क्योंकि इस दौरान आपके साथ कुछ ऐसा घटित हो सकता है, जिसके लिए आप तैयार नहीं होंगे। ऐसे में ये परिस्थिति आपके मानसिक तनाव में भी वृद्धि का कारण बनेगी। निजी जीवन में भी आपको अपनी वाणी और भाषा शैली में सुधार करने की ज़रूरत होगी। अन्यथा आपके द्वारा कही गई किसी बात से साथी या घर का कोई सदस्य आहत हो सकता है।
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इन सरल उपायों से करें मंगल के प्रतिकूल प्रभावों को दूर
- मंगलवार के दिन भगवान नरसिंह की उपासना करें और उनके समक्ष तेल का एक दीपक जलाते हुए उनकी कथा सुने या पढ़ें।
- प्रतिदिन 27 बार मंगल ग्रह के बीज मंत्र “ॐ भौमाय नमः” का जाप करें।
- विधिनुसार मंगलवार के दिन व्रत का पालन करें।
- हर मंगलवार के दिन गरीबों व ज़रूरतमंदों को भरपेट भोजन कराएं।
- हर मंगलवार श्री हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।
- अपने घर की छत पर एक लाल ध्वज/झंडा लगाएं।
- बंदरों में केले या गुड़-चने बाटें।
- हर मंगलवार के दिन भगवान कार्तिकेय की आराधना करना भी आपके लिए अनुकूल रहेगा।
- मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे: लाल मसूर, खांड, सौंफ, मूंग, गेहूं, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन, गुड़ आदि का दान करें।
- मंगल ग्रह के सकारात्मक परिणामों के लिए हमारे ज्योतिषी विशेषज्ञ से चैट या कॉल के माध्यम से सलाह लेते हुए मूंगा रत्न धारण करें।
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