प्रत्येक ग्रह हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे सुख और दुख दोनों के लिए यह जिम्मेदार होते हैं। ग्रहों की सभी अवस्थाओं में गोचर का अपना अलग महत्व है। जब ग्रह गोचर करते हैं तो उनके एक राशि से दूसरी राशि में जाने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह ‘ग्रहों का गोचर’ या ‘राशि परिवर्तन’ हमारे जीवन को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है। कुछ स्थिति में यह बहुत अच्छे परिणाम वाले साबित होते हैं तो कभी यह बहुत बुरा भी हो सकता है। इसी क्रम में साहस, व्यवसाय और पराक्रम के कारक ग्रह मंगल कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिष में मंगल एक क्रूर ग्रह है और साथ ही यह हमारे जीवन ऊर्जा को बढ़ाने वाला ग्रह भी है। इन्हीं के कारण हम किसी भी काम को पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ कर पाते हैं। मंगल के गोचर से सभी 12 राशियां भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभावित होंगी। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि मंगल के गोचर का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।
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मंगल का कर्क राशि में गोचर: तिथि और समय
मंगल का कर्क राशि में गोचर 10 मई 2023 की दोपहर 01 बजकर 44 मिनट पर होगा। कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और मंगल के साथ यह सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं। आइए अब जानते हैं कि मंगल के गोचर का कर्क राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
कर्क राशि में मंगल के गोचर का प्रभाव
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लिए योगकारक ग्रह है। कर्क राशि मंगल की नीच राशि होती है। इस गोचर के प्रभाव से स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। ऐसे में आपको एनीमिया, रक्तचाप और हीमोग्लोबिन से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस अवधि में जीवनसाथी से बातचीत करने में सावधानी बरतें अन्यथा वाद-विवाद बढ़ने से रिश्ते में तनाव बढ़ सकता है। हालांकि आर्थिक दृष्टिकोण से यह गोचर अनुकूल सिद्ध होगा और इस दौरान आपकी आय में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही, नौकरी में भी आपकी स्थिति प्रबल होने लगेगी। विद्यार्थियों को भी इस गोचर का सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होगा।
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ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व
मंगल को लाल ग्रह के अलावा भी कई और नामों से जाना जाता है जैसे अंगारक (जिसकी चमक लाल रंग जैसी है), रक्तवर्ण (जिसकी त्वचा रक्त की तरह लाल है), भौम (भूमि का पुत्र), लोहितांग और कुज (पृथ्वी से उत्पन्न हुआ हो) आदि। मंगल ग्रह को युद्ध के देवता का ग्रह कहा जाता है। इनका वाहन भेड़ है और वे हाथों में त्रिशूल, गदा, पद्म और भाला या शूल धारण किए हुए हैं। सप्ताह में मंगलवार का दिन मंगल ग्रह को समर्पित है।
सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति मंगल के मित्र ग्रह हैं और इन्हें मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। ये मकर राशि में उच्च के होते हैं, जबकि कर्क इनकी नीच राशि है। वहीं नक्षत्रों में यह मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी होते हैं। आमतौर पर मंगल ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 45 दिन लगते हैं, यानी 45 दिनों बाद ये अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। रत्नों की बात करें तो लाल मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है।
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मंगल ग्रह के मजबूत होने के संकेत
कुंडली में मंगल की मजबूत स्थिति होने से जातकों को बेसुमार लाभ की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मंगल के मजबूत होने के संकेत:
महत्वाकांक्षी
जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं, तो ऐसे जातक अत्यधिक महत्वाकांक्षी होते हैं और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए दृढ़ता से कार्यरत होते हैं।
व्यवस्थित करने की क्षमता
जब मंगल की स्थिति अनुकूल होती है तब व्यक्ति में साहस और चीजों को व्यवस्थित करने में कुशलता आ जाती है।
शारीरिक बनावट
मंगल व्यक्ति को मजबूत कद काठी प्रदान करता है। ऐसे जातक कद में लंबे होते हैं, त्वचा गोरी होती है और इनका रंग भी लालिमा की तरह होता है।
हर क्षेत्र में मिलती है सफलता
जिस किसी भी जातक की कुंडली में मंगल मजबूत स्थिति में मौजूद होते हैं, उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता, सम्मान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, ऐसे जातक हर चुनौतियों को पार करने में सक्षम होते हैं।
लीडरशिप क्वालिटी
कुंडली में मंगल की मजबूत स्थिति के चलते जातक में नेतृत्व करने की क्षमता अच्छी होती है। यही नहीं ऐसे व्यक्ति उच्च सफलता और अनुकूल परिणाम भी हासिल करते हैं।
मंगल ग्रह के कमज़ोर होने के कुछ संकेत
ज्योतिष के जानकारों की अगर मानें तो मंगल ग्रह के कमज़ोर होने से इंसान की जिंदगी में कई सारी समस्याएं आ जाती हैं जो इस प्रकार है:
आक्रामक
किसी जातक की कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो ऐसे लोग आक्रामक स्वभाव के हो जाते हैं और इनकी जल्दी किसी से भी नहीं बनती है। कई बार अपने उग्र स्वभाव के कारण इन्हें कोर्ट-कचहरी संबंधी मामलों में भी फंसना पड़ जाता है।
स्वास्थ्य संबंधी परेशानी
किसी जातक की कुंडली में मंगल खराब हो, तो रक्त संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें रक्तचाप फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा व्यक्ति को गुर्दे में पथरी गठिया और आंखों से संबंधित परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
अति आत्मविश्वासी
ऐसे जातक कई बार अति आत्मविश्वासी हो जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप बड़े फैसले लेने में इनके असफल होने की आशंका होती है।
छल करना
इसके अलावा मंगल खराब होने पर अधिक गुस्सा करना, घमंड करना, मांस-मदिरा का सेवन करना, किसी सगे से छल करना भी शामिल है।
मंगल को मजबूत करने के लिए करें ये उपाय
अगर आपको कुंडली में मंगल ग्रह खराब होने की संकेत मिल रहे हैं तो नीचे दिए गए ज्योतिषीय उपायों को अपना सकते हैं।
- मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए भगवान कार्तिकेय और भगवान हनुमान की पूजा करनी चाहिए और साथ ही उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। हनुमान मंत्र- “ॐ हं हनुमते नमः” कार्तिकेय मंत्र- “ॐ सरवणभावाय नमः”।
- मंगल की कृपा पाने के लिए श्री कार्तिकेय स्तोत्रम् या हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- मंगल ग्रह के सकारात्मक प्रभावों को प्राप्त के लिए 3 मुखी, 11 मुखी या 13 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
- इसके अलावा मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मंगलवार का व्रत करना चाहिए और लाल मसूर की दाल, तांबे के बर्तन, गुड़, मूंगा रत्न, गेहूं और सौंफ का दान भी करना चाहिए।
- कुंडली में मंगल की स्थिति सही करने के लिए मूंगा रत्न धारण करना चाहिए लेकिन इसके लिए ज्योतिषी की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
- यदि आप मंगल ग्रह की कृपा चाहते हैं तो भगवान हनुमान को मीठे पान या केले का भोग लगाना चाहिए।
- इसके अलावा मंगल गृह की स्थिति को मजबूत बनाने हेतु मंगल यंत्र की स्थापना की जानी चाहिए और विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
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मंगल का कर्क राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल का कर्क राशि में गोचर चौथे भाव में होगा। इसके परिणामस्वरूप आपको… (विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
आपको कार्यक्षेत्र में बेवजह किसी विवाद में पड़ने से बचना होगा। जो सोचेंगे, उसे पूरा करने की कोशिश में लगे रहेंगे लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मंगल का कर्क राशि में गोचर मिथुन राशि के जातकों के दूसरे भाव में होगा। आपको शब्दों के चयन में सावधानी बरतनी होगी क्योंकि..(विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
मंगल कर्क राशि के लोगों के लिए योगकारक ग्रह के रूप में आपकी ही राशि यानी कि आपके प्रथम भाव में गोचर करेंगे। यह मंगल की नीच राशि होती है। इस गोचर के प्रभाव से…(विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
मंगल देव सिंह राशि में जन्म लेने वाले लोगों के लिए योगकारक ग्रह हैं और वर्तमान गोचर में आपके बारहवें भाव में प्रवेश करेंगे। आपका सपना यदि पढ़ाई के लिए विदेश जाने का है तो….(विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
मंगल का कर्क राशि में गोचर कन्या राशि के ग्यारहवें भाव में होने से आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होगी। आर्थिक परेशानियां दूर हो जाएंगी और आपकी इच्छाओं को बल मिलेगा। यह प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ाने वाला गोचर साबित होगा। हालांकि…(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
मंगल तुला राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए दशम भाव में गोचर करेंगे। यहां स्थित होकर मंगल आपको कार्यक्षेत्र में मजबूत बनाएंगे लेकिन…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
मंगल आपके नवम भाव में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के परिणामस्वरूप लंबी और थकान देने वाली यात्राएं हो सकती हैं। आप और आपके पिताजी के बीच कुछ तनाव बढ़ सकता है…(विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मंगल देव मकर राशि के लिए सातवें भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के प्रभाव से दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ना स्वाभाविक ही है। आपके जीवनसाथी के व्यवहार में कुछ उग्रता बढ़ेगी जो…(विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
मंगल धनु राशि के जातकों के लिए आठवें भाव में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के परिणामस्वरूप आपको वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी होगी नहीं तो किसी तरह की दुर्घटना हो सकती है…(विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल छठे भाव में प्रवेश करके शत्रु हंता बनेंगे और आपके विरोधियों को चारों खाने चित कर देंगे…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मंगल का कर्क राशि में गोचर मीन राशि के जातकों के पांचवे भाव में होगा। इस गोचर के परिणामस्वरूप प्रेम संबंधों में तनाव बढ़ेगा। आप और…(विस्तार से पढ़ें)
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