ग्रहों के सेनापति मंगल अक्टूबर महीने 22 तारीख को तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। गोचर का अर्थ हुआ एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने जा रहे हैं। ज्योतिष की दुनिया में ग्रहों का राशि परिवर्तन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों के गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन पर शुभ अशुभ प्रभाव अवश्य पड़ता है। तो आइए अपने इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं कि मंगल गोचर से देश-दुनिया और आपके जीवन में क्या कुछ बदलाव आने की संभावना है।
मंगल ग्रह को एक उग्र ग्रह और अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह माना गया है। सभी 12 राशियों में मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह को ही माना गया है। यूँ तो आमतौर पर मंगल को एक क्रूर ग्रह माना गया है लेकिन जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह अच्छी स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति स्वभाव में भावुक और बेहद ही नियंत्रित होते हैं। हालांकि कुंडली में मंगल यदि प्रतिकूल स्थिति में मौजूद है तो इससे व्यक्ति बेहद ही गुस्सैल स्वाभाव का होता है।
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मंगल गोचर समय और राशि
बात करें अक्टूबर महीने की 22 तारीख को होने वाले मंगल गोचर की तो, इस दौरान मंगल कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेगा और मंगल का यह गोचर 22 अक्टूबर 2021 को सुबह 1.13 बजे से 5 दिसंबर 2021 तक सुबह 5.01 बजे तक होगा।
वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह
ज्योतिष की दुनिया में मंगल ग्रह को सबसे लाल और उग्र ग्रह माना गया है। मंगल ग्रह सौरमंडल का चौथा ग्रह माना जाता है और कई वैज्ञानिक शोधों के बाद मंगल ग्रह पर जीवन होने की बात स्पष्ट रूप से कही जाती है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को पराक्रम का कारक माना गया है। यूं तो बहुत से लोग मानते हैं कि मंगल एक क्रूर ग्रह है ऐसे में उसके प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक पड़ते हैं हालांकि ऐसा सच नहीं है। ज्योतिष के अनुसार मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में किस भाव में विराजमान है और किस ग्रह के साथ स्थित है उसी के अनुरूप के व्यक्ति को शुभ और अशुभ दोनों ही तरह के फल प्रदान करता है।
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कुंडली में मंगल ग्रह से बनता है मंगल दोष
ग्रहों की वजह से व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों ही तरह के कई दोष बनते हैं। ऐसा ही एक अशुभ दोष होता है मांगलिक दोष। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में ना हो और पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में विराजमान हो ऐसे लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष बनता है।
मांगलिक दोष से पीड़ित व्यक्तियों को विवाह से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों के विवाह में किन्ही कारण वश देरी होती है। इसके अलावा माना ऐसा भी जाता है कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक दोष होता है उन्हें मांगलिक व्यक्ति के साथ ही विवाह करना चाहिए। अन्यथा विवाह के बाद उनके जीवन में तमाम तरह की परेशानियां आने लगती हैं और वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं रह पाता है।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मांगलिक दोष कुंडली में एक बड़ा दोष माना जाता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में मांगलिक दोष होता है तो उस व्यक्ति को ज्योतिष या पंडितों से सलाह मशवरा करके मांगलिक दोष निवारण करवाने की सलाह दी जाती है।
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मंगल ग्रह का जीवन पर प्रभाव
जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में होता है ऐसे व्यक्ति बेहद ही आकर्षक और सुंदर होते हैं, और बेहद ही ऊर्जावान होते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग विपरीत परिस्थिति में भी चुनौतियों को स्वीकार करते हैं और उनका डटकर सामना करते हैं।
वहीं इसके विपरीत बात करें पीड़ित मंगल की तो, जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होता है ऐसे व्यक्ति बेहद ही गुस्सैल स्वभाव के होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को दुर्घटना और परेशानियों का सामना करना पड़ता है और साथ ही ऐसे व्यक्तियों का पारिवारिक जीवन की समस्याओं से भरा रहता है। पीड़ित मंगल की वजह से व्यक्ति को रक्त से संबंधित परेशानियां, खुजली, अल्सर, ट्यूमर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने की आशंका भी बढ़ जाती है। यही वजह है कि जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है उन्हें मंगल ग्रह से संबंधित उपाय करने की सलाह दी जाती है।
कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत बनाने के कुछ ज्योतिषीय उपाय
- मंगलवार का उपवास करें।
- मंगलवार के दिन भगवान हनुमान को सिंदूर और लड्डू चढ़ाएं।
- जितना मुमकिन हो लाल वस्त्रों का दान करें।
- मंगल दोष निवारण की पूजा करने के लिए मंगलनाथ मंदिर जो उज्जैन में स्थित है यहां पूजा करना बेहद फलदाई माना गया है।
- इसके अलावा किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श करके आप मूंगा रत्न धारण कर सकते हैं। इससे भी मंगल ग्रह के सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- अपने घर में मंगल यंत्र की स्थापना करें।
- नरसिंह देव की पूजा करें।
- सुंदरकांड का पाठ करें।
- मंगलवार के दिन मंगल की होरा और मंगल के नक्षत्रों में लाल मसूर, गेहूं, लाल कनेर के फूल, तांबे के बर्तन का दान करें।
- प्रतिदिन सुबह 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- अपनी स्वेच्छा से रक्त दान करें।
- अपने भाई-बहन का सम्मान करें और उनके साथ अपने रिश्ते में सुधार करें।
मंगल ग्रह का धार्मिक और पौराणिक महत्व
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगल ग्रह मंगल देव का प्रतिनिधि करते हैं। मंगल देव को युद्ध का देवता माना गया है। मंगल देव के स्वरूप का वर्णन करें तो उनके चार भुजाएं बताई गई है। जिसमें उन्होंने अपने एक हाथ में त्रिशूल, एक में गदा, एक में कमल और चौथे हाथ में शूल लिया हुआ है। मंगल देव भेड़ पर सवारी करते हैं। इसके अलावा मंगल ग्रह से हनुमान जी का भी संबंध बताया जाता है और मंगलवार के दिन हनुमान भगवान की पूजा और उपासना करने, हनुमान भगवान का व्रत करने से, मंगल ग्रह के शुभ परिणाम हासिल होते हैं।
मंगल गोचर की बात करें तो सभी नौ ग्रहों के गोचर की ही तरह मंगल ग्रह का गोचर व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ दोनों तरह के परिणाम लेकर आने के लिए जाना जाता है। तो आइए एक नजर डालते हैं मंगल ग्रह के तुला राशि में होने वाले गोचर का सभी राशियों और देश और दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है।
मंगल ग्रह के गोचर का देश-दुनिया पर प्रभाव
- औद्योगिक वस्तुओं के स्टॉक में वृद्धि होने की प्रबल संभावना बनती नज़र आ रही है।
- इस समय अवधि के दौरान हथियारों और आयुध पर निवेश होने की भी प्रबल उम्मीद है।
- हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में सुधार देखने को मिलेगा और साथ ही इस दौरान यह इंडस्ट्री दोबारा उठने का प्रयास करती नज़र आएगी।
- यात्रा और पर्यटन से संबंधित नीतियों में कुछ लचीलापन देखने को मिल सकता है।
- विपक्ष एक दूसरे के साथ युद्ध जैसी स्थितियों में उतर सकता है और दोषारोपण की स्थिति भी बनती नजर आ रही है।
- इस दौरान अरब देशों के बीच शांति संधियों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- भारत को कुछ गणनात्मक चालों के जरिए अपना पराक्रम और साहस दिखाने का मौका प्राप्त होगा।
आम व्यक्ति के जीवन पर इस गोचर का प्रभाव
- आपसी रिश्तों और विशेषकर प्रेम संबंधों में इस दौरान कुछ उठापटक और तकरार होने की आशंका है क्योंकि इस दौरान आपके पार्टनर की मांग आपसे अनावश्यक ढंग से बढ़ सकती है। ऐसे में जितना हो सके आपको अपने रिश्ते में सामंजस्य और सौहार्द बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।
- इस समय अवधि में प्रेम की भावनाएं प्रबल हो सकती हैं। मुमकिन है कि सिंगल लोगों को इस वक़्त कोई ख़ास व्यक्ति मिल जाये और आप उनके साथ प्रेम संबंध स्थापित भी कर लें।
- यह गोचर मुख्यतौर पर शुक्र ग्रह द्वारा शासित वृषभ और तुला राशि के जातकों के जीवन में मज़बूती, मिठास और ताकत लेकर आने वाला साबित होगा।
मंगल गोचर का सभी बारह राशियों पर प्रभाव
- मेष राशि : वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियाँ आ सकती हैं।
- वृषभ राशि : इस समय अवधि में आपको कोई छोटी-मोटी चोट, दुर्घटना या परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- मिथुन राशि : इस राशि के छात्र जातक अपने पढ़ाई के संबंध में कुछ गतिशीलता की उम्मीद कर सकते हैं।
- कर्क राशि : पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव देखने को मिल सकता है क्योंकि इस दौरान आपके घर के लोगों में झगड़े आदि होने की आशंका है।
- सिंह राशि : आपकी ऊर्जा और शक्ति इस समय अवधि में शानदार रहने वाली है।
- कन्या राशि : आपको अपनी वाणी पर ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। अन्यथा इसकी वजह से आपके परिवार के लोगों के साथ कुछ तनाव होने की आशंका है।
- तुला राशि : इस दौरान आप ज्यादा गुस्सैल स्वाभाव के और चिडचिडे रहने वाले हैं।
- वृश्चिक राशि : इस समय में आपकी कामुकता शिखर पर रहने वाली है और आप अपने पार्टनर से भी ज्यादा रोमांटिक और अंतरंग होने की उम्मीद करेंगे।
- धनु राशि : इस दौरान आपको कहीं से अप्रत्याशित ढंग से धन लाभ होने की उम्मीद है।
- मकर राशि : कार्यक्षेत्र में और अपने काम को लेकर आप अति-उत्साहित रहने वाले हैं।
- कुंभ राशि : कोई छोटी यात्रा या ट्रिप आपके जीवन में रहत के कुछ पल लेकर अवश्य ही आएगी।
- मीन राशि : इस समय अवधि में आपको ज्यादा सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि दुर्घटना और चोट लगने की आशंका प्रबल है।
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