मंदिर में क्यों बजाई जाती है घंटी? जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

मंदिरों को देव स्थान बोला जाता है। यानि कि वो स्थान जहाँ देवी देवता वास करते हैं। हिंदू धर्म में मंदिरों का विशेष महत्व भी होता है। ऐसे में यकीनन आप अपनी जिंदगी में मंदिर तो अवश्य गए होंगे। मंदिर जाना, भगवान से प्रार्थना करना और मंदिर में जाकर घंटी बजाना यकीनन हम सब ने जीवन में कभी ना कभी यह सब किया ही है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि, मंदिर में घंटी बजाने का क्या महत्व होता है? 

आपको सुनकर शायद थोड़ा ताज्जुब हो कि, मंदिर में बजाई जाने वाली घंटी का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी होता है। यह महत्व क्या है आइए जानने की कोशिश करते हैं। 

यह भी पढ़ें: अभी तुरंत मंदिर से निकाल दें ये चीज़ें, नहीं तो हो सकता है नुकसान

मंदिर में घंटी बजाने का वैज्ञानिक महत्व 

मंदिरों में बच्चों का घंटी बजाने का उत्साह देखा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं घंटी बजाये जाने का एक वैज्ञानिक महत्व भी होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि, जब भी मंदिर या पूजा स्थल पर घंटी बजाई जाती है तो इसकी वजह से वातावरण में एक कंपन होता है जो वायुमंडल यानी हवा के सहारे काफी दूर तक पहुँचता है। ऐसे में इस कंपन का सीधा असर वातावरण में फैली जीवाणु, विषाणु और छोटे-छोटे जीवों पर पड़ता है। जिससे यह नष्ट हो जाते हैं। 

ऐसे में स्वाभाविक है कि, हमारे आसपास का वातावरण बिल्कुल शुद्ध और पवित्र हो जाता है। यही वजह है कि, अक्सर देखा गया है कि, जहां पर नियमित और प्रतिदिन घंटी बजती है या घंटी बजने की आवाज़ आती है वहां का वातावरण शुद्ध और पवित्र बना रहता है। इसी से जुड़ा वास्तु में विंड चाइम का चलन देखने को मिलता है। 

यह भी पढ़ें: मां लक्ष्मी का अनोखा मंदिर, जहाँ दीवाली पर मिलता है गहनों का प्रसाद !

आज के समय में लगभग सभी के घरों में विंड चाइम (Wind Chimes) मौजूद होते हैं। जब हवा की वजह से विंड चाइम बजते हैं तो इससे हमारे आसपास की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और हमारे आसपास का वातावरण समृद्ध होता है। 

घंटी बजाने का धार्मिक और अन्य महत्व 

  • अक्सर बचपन में जब आपने भी अगर अपने माता पिता से पूछा होगा कि, हम मंदिरों में घंटी क्यों बजाते हैं तो यकीनन आपके माता पिता ने भी आपको यही बोला होगा कि यह एक तरह से भगवान के समक्ष अपनी हाजिरी लगाने जैसा होता है। 
  • जब मंदिर के प्रवेश में हम घंटी बजाते हैं तो ऐसे में देवी देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है। ऐसे में इसके बाद की जाने वाली हमारी कोई भी पूजा भगवान देवी देवता अवश्य स्वीकार करते हैं और उससे मिलने वाला फल और भी ज्यादा प्रभावशाली बन जाता है। 
  • इसके अलावा मंदिर में बजने वाली घंटी हमारे मन मस्तिष्क को अध्यात्म की तरफ ले जाने की मापदा रखती है। मंदिर की घंटी का सुर बेहद सुरीला होता है। ऐसे में जैसे हमारे हाथ मंदिर के घंटे पर पड़ते हैं और घंटे की आवाज़ हमारे कानों में आती है वैसे ही हमें शांति का अनुभव होने लगता है। 

यह भी पढ़ें: ये हैं देश के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर, जहाँ पूजा करने से होती हैं सारी मुरादें पूरी !

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है मंदिर के घंटे की पवित्र आवाज़ जैसे ही हमारे कानों में पड़ती है वैसे ही हमारे आप दिमाग में चल रही किसी भी तरह के बुरे विचार, तनाव, इत्यादि दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि आपने भी देखा होगा कि मंदिरों में सुबह शाम की आरती के समय विशेष तौर पर घंटी बजाई जाती है। ऐसा करने से हमें शांति का अनुभव होता है। 
  • इसके अलावा एक अन्य पौराणिक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि, जब सृष्टि का प्रारंभ हुआ था तो भी ऐसी ही ध्वनि बजी थी जैसा घंटी बजने पर आती है।
  • इसके अलावा बहुत से लोग ऐसा भी मानते हैं कि, मंदिर में देवी देवता सुप्त अवस्था में होते हैं। ऐसे में जब भी मंदिर में प्रवेश करें तो सबसे पहले घंटी बजाकर ही मंदिर में प्रवेश करना चाहिए। जिससे पहले भगवान जाग जाए और उसके बाद ही उनकी पूजा करनी चाहिए। 
  • इसके अलावा पुराणों में इस बात का उल्लेख है कि, मंदिर की घंटी बजाने से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि मंदिर के प्रवेश से पहले घंटी बजाएं और कुछ समय के लिए उसके नीचे खड़े होकर उसकी ध्वनि अपने कानों में जाने दें। जिससे आपके अंदर नई चेतना और शांति का आपको अनुभव अवश्य होगा।

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.