आज देशभर में महाशिवरात्रि का त्यौहार बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि के साथ-साथ आज बुध ग्रह भी अपना राशि परिवर्तन कर रहा है। बुध राशि परिवर्तन करते हुए आज यानी 11 मार्च को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर मकर राशि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसके बाद बुध ग्रह 31 मार्च तक कुंभ राशि में ही रहने वाला है। बात करें बुध की राशि परिवर्तन की तो यह मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए शुभ रहने वाला है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को एक बेहद महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। यह व्यक्ति की बोलने, सोचने और समझने की शक्ति, किसी बात को ग्रहण करने की क्षमता, व्यवहार कौशल, और गहन अध्ययन इत्यादि का प्रतीक माना जाता है।
ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद होता है उन्हें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। हालांकि जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में होता है उन्हें बुध ग्रह को शांत और शुभ बनाने के उपाय करने की सलाह दी जाती है।
बुध ग्रह का महत्व
बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। यह व्यक्ति की बुद्धि, एकाग्रता का कारक माना गया है। जिन व्यक्तियों का बुध ग्रह मजबूत होता है उनके बात करने की कला ही बेहद शानदार होती है और उन्हें जीवन में आर्थिक सफलता प्राप्त होती है। वहीं अशुभ बुध ग्रह से ग्रस्त लोगों को अपने जीवन में बहन, बेटी और बुआ का सुख नसीब नहीं होता और साथ ही ऐसे लोगों को व्यापार में लगाए हुए पैसे का नुकसान भी उठाना पड़ता है।
इसी सब के चलते वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह की शांति के कुछ बेहद ही सरल उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को यदि आप करते हैं तो आपके जीवन से बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को शुभ प्रभाव में तब्दील कर सकते हैं।
- सप्ताह में बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है और बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में यदि आप नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा अर्चना या व्रत इत्यादि करते हैं तो इससे कुंडली में मौजूद बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को काफी हद तक कम या खत्म किया जा सकता है।
- अशुभ बुध के प्रभाव से व्यक्ति के बोलने की शैली पर खासा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अशुभ बुध से पीड़ित जातकों को जितना हो सके लोगों से लड़ाई करने से बचने की सलाह दी जाती है।
- रोजाना विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भी पीड़ित बुध के प्रभाव को कम या दूर करने में मदद मिलती है।
- बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें बूंदी के लड्डू भोग के रूप में चढ़ाएं।
- बुध के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए आप पन्ना, हरा गोमेद धारण कर सकते हैं। हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी जानकार से सलाह मशवरा अवश्य करें।
- जितना मुमकिन हो अर्थात अपनी यथाशक्ति के अनुसार ज़रूरतमंद लोगों को बुध ग्रह से संबंधित चीजों और हरि वस्तुओं जैसे हरे चने की दाल, हरी चूड़ियां, हरे कपड़े, हरी पत्तेदार सब्जियों इत्यादि का दान करने की सलाह दी जाती है।
- इसके अलावा कुंडली में मौजूद कमज़ोर बुध को मजबूत करने के लिए आप किन्नरों को दवा, वस्त्र या अन्य जरूरी वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं।
हम आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए बेहद सहायक साबित हुआ होगा। ऐस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।