अशुभ नहीं शुभ होते हैं लेफ्ट हैंडर्स! बच्चन जैसी चमकती है किस्मत

आधुनिक दौर में कई लोग ऐसी मानसिकता के हैं जिनको लगता है कि बायें हाथ से काम करना या बायें हाथ का प्रयोग करना ग़लत है। भारतीय समाज में ऐसी धारणाएं आज भी देखने को मिलती हैं। भारतीय घरों में अक्सर आप देखेंगे कि लोग अपने बच्चों को दाएं हाथ का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं। हिंदू धर्म के रीति रिवाज जैसे तिलक लगाना, यज्ञ-हवन आदि में आहुति देने के लिए दाएं हाथ के प्रयोग को ही वरीयता दी जाती है। बायें हाथ को अक्सर अशुद्ध  माना जाता है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे शरीर के बायें हिस्से को शक्ति का स्वरूप माना जाता है जो कि भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं और भगवान शिव हमारे शरीर के दाएं भाग के प्रतीक हैं। हिन्दू संस्कृति में द्वंद्वात्मक सिद्धांतों को अंगीकार किया है। उदाहरण के लिए जैसे – शिव-शक्ति, पुरुष-स्त्री, सक्रीय-निष्क्रिय और दायां-बायां आदि। हालाँकि इन सिद्धांतों के बावजूद भी दुनिया की 12 प्रतिशत जनता को अशुभ या बदकिस्मत कहा जाता है क्योंकि वो बाएं हाथ का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या यह सच में उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण होता हैं या फिर यह महज़ एक अंध-विश्वास है? आइए ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानते हैं इसके पीछे का वास्तविक कारण आख़िर क्या है।

हस्तरेखा शास्त्र में बायां हाथ

ज्योतिष शास्त्र की एक शाखा हस्तरेखा शास्त्र मुख्य रूप से हमारे हाथों या हथेली की रेखाओं से संबंधित है। हस्तरेखा शास्त्र हमें बताता है कि किस हाथ का अध्ययन किया जाना चाहिए। एक सिद्धांत के अनुसार पुरुषों के दाएं और महिलाओं के बाएं हाथ का अध्ययन किया जाना चाहिए। वहीं एक सिद्धांत यह भी है कि जो हमारा सक्रिय हाथ है यानि जिस हाथ से हम कार्य करते हैं उसे देखकर ही जातक के संबंध में वर्तमान और भविष्य को लेकर गणनाएं करनी चाहिए, जबकि दूसरे हाथ से अतीत में हुई घटनाओं और हमारी पुरानी आदतों के बारे में आंकलन करना चाहिए।

यहां जानिए क्या हैं हस्त रेखा के सिद्धांत

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वाम हस्त

वैदिक ज्योतिष के अनुसार महिलाओं के वाम भाग को शुभ और पवित्र माना जाता है और इसीलिए शादी के दौरान वधु को वर के बायीं तरफ बिठाया जाता है।

  • यह देखा गया है कि कुंडली के तीसरे भाव पर यदि बुध और शनि ग्रह का प्रभाव हो तो ऐसा इंसान वाम हस्त होता है।
  • कुंडली का तृतीय भाव हमारे हाथों के बारे में बताता है। इसके साथ ही बुध का इस पर प्रभाव भी जातक को वाम हस्त बनाता है।
  • यदि बुध की स्थिति कुंडली में अच्छी है तो बाएं हाथ के ऐसे लोग संचार से जुड़े क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
  • ऐसे जातकों के छोटे भाई-बहन, पड़ोसी और रिश्तेदार इनके बहुत सहायक होते हैं और इनका भाग्य कहीं न कहीं छोटे भाई-बहनों और रिश्तेदारों को भी फायदा पहुंचाता है।
  • नौवें भाव को भाग्य स्थान कहा जाता है जो कि बुध के स्वाभाविक घर यानि की कुंडली के तीसरे भाव से सातवां है। इन दोनों के बीच का संबंध बाएं हाथ से काम करने वालों के लिए लाभकारी होता है।
  • जैसा कि हम जानते हैं हमारा हृदय भी बायीं ओर होता है इसलिए यह स्त्रैण या नरम भाग समझा जाता है इसलिए इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। स्त्रैण होने का अर्थ कमजोर होना नहीं है बल्कि यह अधिक संवेदनशील और ग्रहणशीलता को दर्शाता है।

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बाएं हाथ का प्रयोग करने वालों को लेकर वैज्ञानिक तथ्य

  • हमारी अनुवांशिकता यह तय करती है कि हम बाएं हाथ का उपयोग ज्यादा करेंगे या दाएं।
  • हमारे मस्तिष्क का दायां भाग रचनात्मकता से जुड़ा हुआ है, और यह पक्ष बाएं हाथ से काम करने वालों में प्रमुख है, जबकि दाहिने हाथ से काम करने वालों में मस्तिष्क का बायां भाग प्रमुख है।
  • बाएं हाथ का प्रयोग करने वाले वास्तुकला, कला और रचनात्मक कार्यों में बाकी लोगों से काफी बेहतर होते हैं।
  • बाएं हाथ का प्रयोग करने वाले लोग कई खेलों में प्रबल होते हैं, जैसे टेनिस, क्रिकेट, वॉलीबॉल, आदि।

ऊपर दिये गये तथ्यों की मदद से आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि बायें हाथ से काम करने वाले किस्मत वाले होते हैं या नहीं।

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