वर्षों बाद जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग- इन तीन राशियों को मिलेगा लड्डू गोपाल का आशीर्वाद!

श्री कृष्ण जन्माष्टमी अर्थात हिंदू धर्म के सबसे लाडले और चंचल भगवान प्रभु श्री कृष्ण को समर्पित एक ऐसा दिन जिसे पूरे भारतवर्ष में बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी भी कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। 

Varta Astrologers

हालांकि कई बार इसकी तिथि को लेकर लोगों के मन में संशय हो जाता है। कई बार कृष्ण जन्माष्टमी की दो तिथियां सामने आ जाती हैं। ऐसे में लोग भ्रमित हो जाते हैं कि आखिर कृष्ण जन्माष्टमी किस दिन मनाई जाएगी। ऐसे में आपकी इसी दुविधा को ध्यान में रखते हुए एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग तैयार किया गया है जिसमें हम जानेंगे इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी किस दिन पड़ रही है, इसे मानने की सही विधि क्या है, इस दिन क्या कुछ उपाय करके आप लड्डू गोपाल का आशीर्वाद अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं। 

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें कॉल/चैट पर बात और जानें अपने जीवन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी

साथ ही जानेंगे इस कृष्ण जन्माष्टमी पर बनने वाले शुभ योगों की जानकारी और इस वर्ष की कृष्ण जन्माष्टमी किन राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगी इसकी जानकारी भी आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान की जाएगी। तो चलिये शुरू करते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं वर्ष 2023 में कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी। 

कृष्ण जन्माष्टमी वर्ष 2023 

सबसे पहले बात करें ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी की तो यह अगस्त या सितंबर के महीने में हर साल मनाई जाती है। आमतौर पर कृष्ण जन्माष्टमी दो दिनों तक या 2 दिन मनाते हैं। एक दिन स्मार्त समुदाय के लोग कृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं। 

इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर के दिन मनाई जाएगी। जिसमें ग्रहस्थ लोग 6 सितंबर 2023 को कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे और इस दिन व्रत रखेंगे। इसके बाद वैष्णव समुदाय के लोग 7 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे और व्रत रखेंगे। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कृष्ण जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त 

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष जन्माष्टमी तिथि 6 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से आरंभ होकर 7 सितंबर 2023 को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। 

रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर 2023 को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होकर 7 सितंबर 2023 को 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा।

इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा है शुभ संयोग 

इस वर्ष की श्री कृष्ण जन्माष्टमी और भी ज्यादा खास रहने वाली है क्योंकि इस साल एक ऐसा दुर्लभ योग बनने जा रहा है जो वर्षों बाद बन रहा है। दरअसल कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। यही वजह है की जन्माष्टमी का पर्व रात में मनाया जाता है इसलिए जन्माष्टमी 7 सितंबर 2023 गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। पुराणों के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रात 12:00 हुआ था तो इस वक्त रोहिणी नक्षत्र था। इस साल यानी वर्ष 2023 में भी कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र में ही पड़ रही है। ऐसे में यह संयोग बेहद ही दुर्लभ माना जा रहा है।

यह जानते हैं आप? श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अलग-अलग नाम: श्री कृष्ण जन्माष्टमी को भारत वर्ष में धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस त्यौहार को अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है। कहीं इसे कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं तो कहीं श्री जयंती। बहुत से लोग इसे ‘गोकुल अष्टमी’ कहते हैं तो कहीं इसे ‘श्री कृष्ण जयंती’ भी कहा जाता है। 

कृष्ण जन्माष्टमी महत्व और पूजा विधि 

कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के बालस्वरूप की पूजा की जाती है। कहते हैं ऐसा करने से भगवान कृष्ण व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और घर में सुख समृद्धि का वरदान देते हैं। इस दिन मंदिरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इस दिन कई जगहों पर झांकियां भी निकाली जाती हैं और देश के कई हिस्सों में इस दिन दही हांडी का भी आयोजन किया जाता है। 

बात करें इस दिन की सही पूजा विधि की इस दिन बाल गोपाल को लड्डू का भोग लगाया जाता है, उन्हें फल अर्पित किए जाते हैं, और उन्हें उनका पसंदीदा भोजन खिलाया जाता है। कहा जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति बाल गोपाल के इस रूप की पूजा, सेवा और इस दिन व्रत करता है उनके जीवन में संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है। 

  • जन्माष्टमी के दिन प्रभु श्री कृष्ण के बाल स्वरूप अर्थात लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। 
  • इस दिन बाल गोपाल का श्रृंगार करके विधि विधान से उनकी पूजा प्रारंभ करें। क्योंकि बाल गोपाल प्रभु श्री कृष्ण का बाल स्वरूप है ऐसे में इस दिन की पूजा में उनके लिए पालना सजाया जाता है और इसमें उन्हें झुलाया जाता है। 
  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान कराया जाता है और फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। उनके माथे पर मोर पंख का मुकुट लगाया जाता है और उन्हें नई बांसुरी दी जाती है। 
  • इसके अलावा श्रृंगार के लिए चंदन और वैजयंती माला का इस्तेमाल किया जाता है। 
  • श्री कृष्ण को इस दिन उनके पसंदीदा भोग अर्पित किए जाते हैं जिसमें तुलसी दल, फल, मखाने, मक्खन, मिश्री, मिठाई, मेवे, पंजीरी आदि शामिल होते हैं।  
  • इसके बाद धूप दीप किया जाता है। 
  • अंत में श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की आरती करते हैं और फिर पूजा में शामिल सभी लोग प्रसाद लेकर पूजा का समापन करते हैं। 

कृष्ण जन्माष्टमी पर इन मंत्रों से करें भगवान कृष्ण को प्रसन्न 

इस विशेष सेक्शन में हम आपको कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल आप विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए कर सकते कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, 

  • अगर आपके जीवन में दुख निरंतर बना हुआ है तो आप कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा के दौरान 21 बार अपने परिवार के साथ इस मंत्र का जाप करें: 

करारविंदे पदारविंद्म मुखारविंद विनिवेशयत्नम ।

वटस्य पत्रस्य पुटे शयानम बालं मुकुंद्म मनसा स्मरामि ।।

  • अगर आपके जीवन में कष्ट लगातार बना हुआ है और आप उससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें:  

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।

प्रणतक्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः ।। 

  • अगर आपकी कोई मनोकामना है जिसे आप पूरी करना चाहते हैं तो कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जप आपके लिए फलदायी रहेगा: 

मूंक करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम् ।

यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम् ।।

  • अगर आप संतान प्राप्ति की चाह रखते हैं और वह किन्हीं कारण वश पूरी नहीं हो पा रही है तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करें: 

ॐ देवकीसुतगोविंद वासुदेवजगत्पते ।

देहि में तनयं कृष्ण त्वामंह शरण गत: ।। 

  • अगर विद्या प्राप्ति में आपको कोई विघ्न आ रहा है या आपकी विद्या से संबंधित कोई मनोकामना है जो पूरी नहीं हो पा रही है तो श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कुछ समय निकालकर भगवान कृष्ण के समक्ष बैठें और इस मंत्र का जप करें: 

ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे।

रमारमण विद्देश विद्यामाशु प्रयच्छ मे।।

  • जीवन में समृद्धि और अपने घर परिवार में खुशियां और लड्डू गोपाल का असीम आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें: 

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी

हे नाथ नारायण वासुदेवा।।

पितु मातु स्वामी सखा हमारे

हे नाथ नारायण वासुदेवा।।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

क्या यह जानते हैं आप? कहा जाता है कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अर्धरात्रि के दिन ही भगवान विष्णु ने द्वापर युग में श्री कृष्ण अवतार लिया था। यह उनका आठवां अवतार है और इसी के उपलक्ष में प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। क्योंकि भगवान विष्णु ने अअर्धरात्रि में भगवान श्री कृष्ण का अवतार लिया था इसलिए इस दिन की पूजा भी अर्धरात्रि में ही की जाती है। अगर आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी का असली रंग देखना है तो इस दिन आपको मथुरा, वृंदावन, गोकुल, या बरसाना अवश्य जाना चाहिए।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के यह उपाय देंगे सुख समृद्धि का आशीर्वाद 

  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को केसर मिश्रित दूध से स्नान कराएं। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और धन्य धान बढ़ता है। 
  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अगर आप राधा कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान कृष्ण और राधा रानी को पीले रंग के फूलों की माला चढ़ाएं तो इससे जीवन में धन लाभ के योग बढ़ते हैं और आपके जीवन से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।  
  • इसके अलावा आप चाहें तो इस दिन मंदिर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीली मिठाई भी अर्पित कर सकते हैं। 
  • श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है और घर में मौजूद सभी को सफलता और तरक्की प्राप्त होती है।

दिलचस्प जानकारी: अगर आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अष्ट धातु से बनी लड्डू गोपाल की मूर्ति अपने घर लेकर आते हैं तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं लड्डू गोपाल की अष्ट धातु से बनी मूर्ति को घर में रखने से रोग और दोषों का नाश होता है। इसके अलावा कहा जाता है कि अष्टधातु की मूर्ति में स्वयं भगवान श्री कृष्ण वास करते हैं।

करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट

वर्ष 2023 की कृष्ण जन्माष्टमी इन राशियों के लिए साबित होगी बेहद ही शुभ

आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी किन राशियों के लिए बेहद ही शुभ रहने वाली है। 

  • वृषभ राशि: आमतौर पर माना जाता है की वृषभ राशि के जातकों पर भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा देखने को मिलती है। ऐसे में इस वर्ष की श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी आपके लिए बेहद ही खास रहने वाली है। आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जीवन में विजय की प्राप्ति होगी और आर्थिक संपन्नता आपके जीवन में बनी रहेगी।
  • कर्क राशि: दूसरी जिस राशि के लिए इस साल की कृष्ण जन्माष्टमी बेहद ही शुभ रहने वाली है वह है कर्क राशि। लड्डू गोपाल के आशीर्वाद से आपको सर्वोत्तम परिणाम मिलने के शुभ योग बनेंगे। आप जिस भी काम में हाथ डालेंगे उसमें आपको सफलता मिलेगी। आपके सभी बिगड़े हुए कार्य भी बनने लगेंगे। साथ ही इस राशि के जातकों के नौकरी में प्रमोशन के भी योग बन रहे हैं। कर्क राशि के जातकों के लिए एक दिलचस्प बात यह भी है कि कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद से इस राशि के जातकों को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • सिंह राशि: तीसरी जिस राशि के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी बेहद ही शुभ रहने वाली है वह है सिंह राशि। इस कृष्ण जन्माष्टमी पर आपके सभी कार्य सफल होंगे। आप मेहनत से कार्य करेंगे और आपको उसी के अनुरूप शुभ फल की प्राप्ति होगी। आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी जीवन में सफलता की योग बनेंगे और घर परिवार में सुख शांति का आगमन होगा।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

कृष्ण जन्माष्टमी: 2024 से 2029 तक कब-कब पड़ेगी

अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वर्ष 2024 से 2029 तक जन्माष्टमी किस-किस दिन पड़ने वाली है। इसकी जानकारी हम आपको नीचे सूची के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं। 

त्योहार तारीख दिन 
कृष्ण जन्माष्टमी26 अगस्त 2024 सोमवार
कृष्ण जन्माष्टमी15 अगस्त 2025शुक्रवार
कृष्ण जन्माष्टमी4 सितंबर 2026 शुक्रवार
कृष्ण जन्माष्टमी25 अगस्त 2027 बुधवार
कृष्ण जन्माष्टमी13 अगस्त 2028रविवार
कृष्ण जन्माष्टमी1 सितंबर 2029शनिवार

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

One comment

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.