जानें क्या कहती है भारत को ऐतिहासिक टेस्ट जीत दिलाने वाले कप्तान रहाणे की कुंडली

आजिंक्य राहणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में धूल चटा दी। भारत की जीत के बात सोशल मीडिया पर कई प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। सीरीज शुरू होने से पहले बातें चल रही थीं कि भारत 4-0 से यह श्रृंखला हार जाएगा। एडीलेड के पहले टेस्ट के बाद लग रहा था कि यह बात सच हो जाएगी। इस मैच की चौथी पारी में भारत की टीम अब तक के अपने सबसे कम स्कोर पर आउट हुई। हालांकि इसके बाद जो हुआ वह अब भारतीय क्रिकेट इतिहास का सुनहरा समय बन गया है। पहले टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी विराट कोहली ने की थी और उसके बाद भारत के उपकप्तान रहाणे ने कप्तानी की कमान संभाली। आज अपने इस लेख में हम अजिंक्य रहाणे की कुंडली का आकलन करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि ग्रह-नक्षत्रों का इनके जीवन पर क्या प्रभाव है। 

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रहाणे का जन्म 5 जून 1988 को महाराष्ट्र में हुआ था। इंटरनेट पर मिले डेटा के अनुसार नीचे उनकी कुंडली दी गई है। 

कुंडली का लग्न है खास

आजिंक्य रहाणे की कुंडली का लग्न सिंह राशि का है जिसका स्वामी ग्रह सूर्य है। सौर मंडल में सूर्य को राजा का दर्जा प्राप्त है इसलिए जिस व्यक्ति की कुंडली में यह मजबूत अवस्था में होता है उसके नेतृत्व करने की क्षमता अच्छी होती है। इनके लग्न का स्वामी सूर्य दशम भाव में विराजमान है जो बताता है कि करियर में यह यदि नेतृत्वकारी स्थान पर होंगे तो अच्छा प्रदर्शन करेंगे। सूर्य को इनकी कुंडली में दिशा बल प्राप्त है। 

इसके साथ ही सप्तम भाव में बैठा मंगल इनके लग्न को देख रहा है व्यक्तित्व का घर माना जाता है। इसके अनुसार इनमें खेल की अच्छी समझ होगी ये नेतृत्वकारी पद पर आने वाले समय हो सकते हैं। 

शुक्र है कुंडली में प्रबल

शुक्र केंद्र का स्वामी होकर लाभ स्थान में बैठा है और यह खेलकूद का कारक भी है जो पत्रिका में राजयोग कारक है। इससे पता चलता है कि रहाणे खेलकूद में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आगामी समय में रहाणे को कप्तानी मिलने की प्रबल संभावनाएं भी बनती हैं। शुक्र इनके कर्म और पराक्रम के घर के स्वामी हैं। शुक्र ही इनको खेलकूद में आगे ले जाएगा और खेलकूद से जुड़ा व्यापार भी रहाणे आने वाले समय में कर सकते हैं।  

भाग्य भाव में गुरु

रहाणे के भाग्य भाव में बृहस्पति ग्रह विराजमान है। बृहस्पति यहां मित्र राशि में है और त्रिकोण (पंचमेश) का स्वामी भी है। इस ग्रह की स्थिति से पता चलता है कि भाग्य का साथ रहाणे को आजीवन मिलेगा। इसके साथ ही वर्तमान में रहाणे की बृहस्पति की महादशा चल रही है जो सिंह लग्न में राजयोग कारक ग्रह होता है। इसलिए भाग्य इनका साथ इनके कार्यक्षेत्र (खेलकूद) में भी देगा और निजी जीवन में भी। इनके नवम भाव में बैठा गुरु पंचम दृष्टि से लग्न में बैठे केतु को देख रहा है और उसके बुरे प्रभावों को कम कर रहा है। वहीं पंचम भाव में बैठे शनि पर भी गुरु की दृष्टि है जो रहाणे के जीवन में आने वाली परेशानियों को भी कम कर रहा है। 

पंचम भाव में शनि 

शनि पंचम भाव में अपनी मित्र राशि में विराजमान है और इसपर गुरु की दृष्टि भी है। इस भाव में बैठा शनि व्यक्ति को कई मामलों में अच्छे फल देता है। ऐसा व्यक्ति अपने प्रतिद्वंदियों पर विजय प्राप्त करता है। यह गुण अजिंक्य रहाणे में भी देखने को मिलता है। ऐसे लोग अपने कर्मों से समाज में एक अलग स्थान बनाते हैं। 

एकादश भाव में शुक्र और बुध

शुक्र जब एकादश भाव में विराजमान होता है तो यह व्यक्ति को धनवान बनाता है। इसके साथ ही यह इनको ईमानदारी भी बनाता है, रहाणे में भी यह गुण अवश्य विराजमान है जो उन्हें देखकर पता चल जाता है। इसके साथ ही ऐसे लोग बहुत आलीशान जीवन जीते हैं। वहीं इस भाव में बैठे बुध व्यक्ति को समझदार और बुद्धिमान बनाता है। बुध यहां अपनी ही राशि में विराजमान है इसलिए यह रहाणे की बौद्धिक क्षमता को बल प्रदान कर रहा है।

रहाणे के नाम है यह खास रिकॉर्ड 

रहाणे ने अब तक जितने टेस्ट मैच में भारत का नेतृत्व किया है उनमें से एक में भी भारत हारा नहीं है। यह एक खास रिकॉर्ड है और उनके समर्थकों को उम्मीद है कि यह रिकॉर्ड बना रहेगा। 

क्या राहणे के सितारों ने भी किया आस्ट्रेलिया में भारत की जीत में योगदान 

जैसा कि रहाणे की कुंडली से पता चल रहा है कि ऐसे बहुत से योग हैं जो उन्हें एक अच्छा कप्तान सिद्ध करते हैं। सूर्य उनकी कुंडली के लग्न का स्वामी है और वर्तमान में कारक ग्रह बृहस्पति की दशा चल रही है इसलिए कहा जा सकता है कि रहाणे के सितारों ने भारत को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 


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