बता दें कि बीते साल जनवरी में जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या का मामला सामने आया था। इस घिनौने कांड ने पूरे देश को चौंका दिया था, इंसानियत की परिभाषा बदलकर रख देने वाली इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया की वो किस तरह के समाज में रह रहे हैं। इस रेप हत्याकांड में कुल सात आरोपी थे जिनमें से एक को पठानकोट की अदालत ने बरी कर दिया और बाकी छह आरोपियों को सजा सुनाई है।
आरोपियों को सजा दिलाने में पीड़िता की वकील की रही मुख्य भूमिका
बता दें कि इस वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को सजा दिलाने में पीड़िता की वकील दीपिका सिंह राजावत की मुख्य भूमिका रही है। दीपिका ने कल खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर आरोपियों को सजा मिलने की खबर देशवासियों के साथ साझा की है। हालाँकि बीते साल इस मामले के सामने आने के कुछ दिनों के बाद पीड़ित बच्ची के परिवार ने उनसे केस वापस ले लिया था लेकिन वो इसके वाबजूद भी उनके साथ खड़ी रही और अंत में उन्हें आरोपियों को सजा दिलाने में जीत भी हासिल हुई।
दीपिका को लगातार मिल रही थी जान से मारने की धमकी
एक आठ साल की बच्ची के साथ छह लोगों ने मिलकर जिस प्रकार के अमानवता वाले काण्ड को अंजाम दिया उसके जवाब में देश के लोगों में तो गुस्सा था ही लेकिन दीपिका सिंह राजावत एक ऐसी शख़्स थी जिन्होनें उसे इंसाफ दिलाने की ठान ली थी। बहरहाल जम्मू बार एसोसिएशन से इस केस को छोड़ने के लिए उनपर लगातार दवाब बनाया गया यहाँ तक कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली लेकिन इसके बाद भी वो अपने मिशन पर डटी रहीं। आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने से पहले दीपिका ने खुद मीडिया में ये बयान दिया था कि संभव है आने वाले दिनों में उनकी भी हत्या कर दी जाए या उनके साथ भी बलात्कार जैसी घटना को अंजाम दिया जाए, शायद उन्हें वकालत करने से भी रोक दिया जाए लेकिन बावजूद इसके भी वो केस को किसी हालत में नहीं छोड़ना चाहती थीं।
छह में से तीन आरोपियों को मिली उम्रकैद
कठुआ रेप और हत्याकांड के मुख्य आरोपी सांझी राम को पठानकोट की अदालत ने कल दोषी क़रार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा इस वारदात में शामिल दो पुलिस कर्मचारियों को पांच साल कैद की सजा सुनाई गयी है। दो स्पेशल पुलिस अफसर दीपक खजुरिया और प्रवेश कुमार को भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई। इस वारदात में शामिल अन्य दो आरोपियों को पांच वर्ष की सजा सुनाई गयी। इस रेप केस में संलिप्त सांझीराम के बेटे विशाल को कोर्ट ने पुख्ता सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।