चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। एक तरह से इस विधान को पूजा का समापन माना जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में कन्या पूजन के बाद ही माता भगवती को विदा किया जाता है। नवरात्रि के अष्टमी या नवमी के दिन आठ से दस साल तक की बच्चियों को अपने गृह पर आमंत्रित कर, उनका पूजन और उन्हें दान स्वरूप यथा शक्ति कुछ दान देने की परंपरा है। इस दिन कन्याओं के साथ लांगूरा रूप में एक बालक को भी आमंत्रित कर पूजने की परंपरा है।
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मान्यता है कि कन्या पूजन करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि आती है। इस दिन कन्या पूजन के बाद दान-दक्षिणा का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि कन्या पूजन के बाद दान करने से दान का कई गुना ज्यादा फल मिलता है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में आपकी राशि अनुसार उन वस्तुओं के बारे में बताएँगे जिसका कन्या पूजन के बाद दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और सारे ग्रह दोष भी दूर होते हैं।
राशि अनुसार करें कन्या पूजन में दान
मेष और वृश्चिक राशि
मेष और वृश्चिक राशि के जातकों का स्वामी मंगल ग्रह को माना जाता है। ऐसे में इन दो राशियों के जातकों को कन्या पूजन के बाद उन्हें दान या उफार स्वरूप लाल रंग की वस्तुएं देनी चाहिए। जैसे कि कोई लाल खिलौना, लाल कलम, लाल चुड़ियाँ इत्यादि। इससे माता भगवती बहुत प्रसन्न होती हैं। इस दिन कन्या पूजन के बाद किसी गरीब को भोजन करवाने से इन राशि के जातकों का ग्रह दोष भी खत्म होता है।
वृषभ और तुला राशि
वृषभ और तुला राशि के जातकों के स्वामी ग्रह शुक्र माने जाते हैं और शुक्र ग्रह को भौतिक सुखों का दाता ग्रह माना गया है। ऐसे में आप दोनों राशि के जातक कन्या पूजन के बाद भौतिक सुखों में इजाफा करने वाली वस्तुएं दान करें जैसे कि वस्त्र, धन, खिलौने इत्यादि। इससे आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी। वृषभ और तुला राशि के जातक इस दिन कन्या पूजन के बाद शाम के समय अपने घर के सदस्यों की संख्या के अनुसार पौधा लगाएं। यह आपके ग्रह दोष दूर करेगा।
मिथुन और कन्या राशि
मिथुन और कन्या राशि के जातकों का स्वामी बुध ग्रह को माना गया है जो कि संचार और बुद्धि के कारक देवता हैं। चूंकि बुध देवता को हरा रंग बेहद प्रिय है इसलिए आप इस दिन कन्या पूजन के बाद हरे रंग की वस्तुओं का दान करें जैसे कि कोई हरा फल, चुड़ियाँ, खिलौने, वस्त्र, इत्यादि। ग्रह दोष करने के लिए इन दोनों राशि के जातकों को इस दिन कन्या पूजन के बाद घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। आप इस दिन गरीब बच्चों को भोजन करवा कर भी ग्रह दोष शांत कर सकते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों का स्वामी ग्रह चंद्रमा देवता को माना गया है जो कि सौम्यता और सुंदरता के कारक ग्रह माने जाते हैं। ऐसे में कर्क राशि के जातकों को इस दिन कन्या पूजन के बाद सभी कन्याओं को शृगार संबंधी वस्तु का दान करना चाहिए। जैसे कि बिंदी, चूड़ी, नेल पेन्ट, बालों में लगाने वाला क्लिप, शृंगार दानी इत्यादि। आप इस दिन दूध से निर्मित सफ़ेद मिठाई का भी दान कर सकते हैं। घर और मन में शांति के लिए कर्क राशि के जातक दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों का स्वामी सूर्य देवता को माना गया है और सूर्य देवता यश के कारक माने जाते हैं। ऐसे में सिंह राशि के जातकों को कन्या पूजन के बाद सभी कन्याओं को मेवा, मिठाई, पानी वाला नारियल या फिर किसी प्रकार की कोई धार्मिक किताब अवश्य दान में देना चाहिए। इससे भगवती आप पर अत्यंत प्रसन्न होंगी। सिंह राशि के जातक इस दिन ललित सहस्त्रनाम और सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करेंगे तो उनके ग्रह दोष की शांति होगी।
धनु और मीन राशि
धनु और मीन राशि के जातकों का स्वामी ग्रह बृहस्पति देवता को माना गया है और बृहस्पति देवता को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। ऐसे में आप दोनों राशि के जातकों को इस दिन किसी पीली रंग के वस्तु का दान इन कन्याओं को करना चाहिए। जैसे कि कोई पीला वस्त्र, मिठाई, खिलौना, चूड़ी इत्यादि। इससे आप पर भगवती माँ की विशेष कृपा होगी। धनु और मीन राशि के जातक इस दिन राम रक्षा स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। इससे उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
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मकर और कुम्भ राशि
मकर और कुम्भ राशि के जातकों का स्वामी ग्रह शनि देवता को माना गया है और शनि देवता को न्याय का देवता माना जाता है। जबकि उन्हें नीला रंग बेहद प्रिय है। ऐसे में आप दोनों राशि के जातकों को इस दिन कन्या पूजन के बाद इन बच्चों को नीले रंग की वस्तु का दान करना चाहिए जैसे कि नीला वस्त्र, नीली कलम, खिलौना, चूड़ी इत्यादि। इससे माता भगवती आपको शुभ फल देंगी। आप दोनों राशि के जातक इस दिन देवी कवच पाठ और नवार्ण मंत्र का पाठ जरूर करें। आपके सारे कष्ट दूर होंगे।
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