हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर कामदा एकादशी का व्रत किया जाता है। यह हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है। इस एकादशी के दिन पूरे नियमों से व्रत करने वाले व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही उसे मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इस एकादशी को ‘फलदा एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। फलदा का अर्थ है फल की प्राप्ति जबकि कामदा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कामनाओं को पूरा करने वाली। धार्मिक मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
चैत्र माह की शुरुआत हो गई है और इसी महीने कामदा एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कामदा एकादशी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और प्रचलित पौराणिक कथा के बारे में।
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कामदा एकादशी 2023: तिथि व मुहूर्त
इस वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी 01 अप्रैल, 2023 शनिवार को पड़ेगी। कामदा एकादशी 01 अप्रैल 2023 दिन शनिवार की देर रात 02 बजकर 01 मिनट पर आरंभ होगी, जो कि अगले दिन 02 अप्रैल 2023 रविवार की सुबह 04 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी।
कामदा एकादशी 2023: व्रत पारण का समय
कामदा एकादशी पारण मुहूर्त: 02 अप्रैल 2023 की दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से 04 बजकर 09 मिनट तक।
अवधि : 2 घंटे 29 मिनट
हरि वासर समाप्त होने का समय: 02 अप्रैल 2023 की सुबह 10 बजकर 53 मिनट पर
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कामदा एकादशी 2023 का महत्व
कामदा एकादशी के बारे में भगवान कृष्ण ने स्वयं अर्जुन को बताया था। भगवान कृष्ण के अनुसार जो व्यक्ति कामदा एकादशी का व्रत रखता है। उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है। भगवान कृष्ण ने कहा था कि अपने पापों से मुक्ति पाने का इससे सरल उपाय इस संसार में कोई और नहीं है। कामदा एकादशी का व्रत न सिर्फ सभी पापों से मुक्ति दिलाता है बल्कि जीवन में धन के साथ-साथ सुख और समृद्धि भी देता है। इसका पुण्य फल इतना है कि जब तक मनुष्य धरती लोक पर होता है, वह जीवन के सभी सुखों का भोग करता है और मृत्यु के बाद उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है और साथ ही प्रेत योनी से भी मुक्ति मिलती है।
कामदा एकादशी 2023: पूजा विधि
- कामदा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और स्नान आदि करके पीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
- इसके बाद श्री हरि का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- फिर कलश की स्थापना करें। कलश पर आम के पत्ते, खरबूजा और लाल चुनरी बांध कर रखें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं और फिर चंदन का तिलक लगाकर फूल अर्पित करें और प्रसाद चढ़ाकर विधिवत पूजा करें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और रात भर भगवान विष्णु के भजन कीर्तन करें।
- कामदा एकादशी की पूजा के बाद भगवान विष्णु की कथा अवश्य पढ़ें क्योंकि कथा पढ़े बिना कोई भी व्रत पूरा नहीं माना जाता है और न ही व्रत का पुण्य फल प्राप्त होता है।
- एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी के दिन व्रत पारण करें।
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कामदा एकादशी 2023 व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार रत्नपुर नगर में पुंडरीक नाम का एक राजा रहता था और उस राजा के राज्य में कई अप्सराएं, किन्नर, गंर्धव रहते थे। उसी राज्य में ललिता और ललित नाम के पति-पत्नी रहते थे और दोनों के बीच अत्यंत गहरा प्रेम था। एक दिन ललित राज दरबार में गान कर रहे थे तभी वे अपनी पत्नी ललिता की याद में खो गए और इसके कारण उसके सुर, लय और ताल बिगड़ने लगे। उसकी यह गलती राजा ने पकड़ ली। ललित ने राजा को पूरी बात बता दी, जिससे राजा क्रोधित हो गए और ललित को राक्षस बनने का श्राप दे दिया। श्राप की वजह से वह मनुष्य से राक्षस बन गया था। पति की इस स्थिति को देखकर ललिता दुखी हो गई और वे पति की पीड़ा से मुक्ति का रास्ता खोजती रही। एक दिन वह दुखी होकर श्रृंगी ऋषि के पास पहुंची। तब ऋषि ने कामदा एकादशी व्रत करने की सलाह दी। ललिता ने चैत्र एकादशी का व्रत रखकर भगवान नारायण से प्रार्थना की थी कि ‘इस व्रत का फल मेरे पति को प्राप्त हो जाए।’ भगवान श्री हरि विष्णु ने पत्नी के व्रत का फल उसके राक्षस बन चुके पति ललित को दे दिया जिसके बाद ललित को राक्षस योनी से मुक्ति मिल गई और वह राक्षस से एक बार फिर से मनुष्य बन गया। तब से इस व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति ब्रह्म हत्या जैसे पापों से और पिशाच योनि से भी मुक्ति पा लेता है।
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भाग्य होता है बलवान
कामदा एकादशी के दिन पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति को सभी तरह की मुसीबतों से छुटकारा मिलता है। इससे व्यक्ति का भाग्य भी बलवान बनता है।
गेंदे के फूल करें अर्पित
विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए पूजन के समय पीले रंग के गेंदे के फूल जरूर अर्पित करें। साथ ही केवड़ा चढ़ाएं। ऐसा करने से व्यक्ति की हर क्षेत्र में तरक्की होती है।
मंत्र का करें जाप
जो लोग जीवन में तरक्की चाहते हैं उन्हें कामदा एकादशी के दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का कम से कम दो माला या 108 बार जाप करना चाहिए।
शादी में आ रही अड़चन को होगी दूर
इस दिन जरूरतमंदों को पीली दाल या पीले रंग की मिठाई दान करें। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। वहीं यदि विवाह में किसी भी प्रकार की दिक्कत आ रही है तो विष्णु जी को हल्दी की दो या सात साबुत गांठें अर्पित करें। साथ ही अपनी इच्छा मन में कहें। इससे आपकी सभी समस्याओं का निवारण हो जाएगा।
बिजनेस में बढ़ोतरी के लिए
बिजनेस में वृद्धि और करियर में प्रगति के लिए इस दिन पीपल का एक पत्ता लेकर उसमें हल्दी से स्वास्तिक व ॐ का चिह्न बना लें। इसके बाद विष्णु के मंदिर जाकर या फिर घर में ही भगवान विष्णु को अर्पित करें।
आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए
कठिन परिश्रम करने के बाद भी यदि आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है तो कामदा एकादशी के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके साथ ही पीले रंग के कपड़े में 7 या 11 गांठ हल्दी बांधकर केले या पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें।
घर की अशांति दूर करने के लिए
अगर प्रेम या पारिवारिक जीवन में किसी बात को लेकर कहासुनी होती रहती है या मतभेद पैदा हो रहे हैं तो इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर पानी भर लें और उसे भगवान विष्णु को अर्पित कर दें। इसके बाद विष्णु जी के मंत्र का मन ही मन जाप करें और फिर इसी जल को घर व घर के हर सदस्यों के ऊपर छिड़क दें।
भगवान विष्णु के मुख्य मंत्र
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- ॐ विष्णवे नम:
- ॐ हूं विष्णवे नम:
- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
पुराणों में भगवान विष्णु के ये सभी मंत्र चमत्कारी बताए गए हैं। इनका जाप करने से घर में मां लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं और कभी भी व्यक्ति को आर्थिक समस्या से नहीं जूझना पड़ता है।
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