हिंदी कैलेंडर का तीसरा महीना ज्येष्ठ का महीना होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह मई और जून में पड़ता है। ज्येष्ठ मास को जेठ माह भी कहते हैं, जिसका अर्थ होता है बड़ा। इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होती है और सूरज की किरणें लोगों के पसीने छुड़ाती है। इस महीने सूर्यदेव अपने रौद्र रूप में होते हैं इसलिए ज्येष्ठ का महीना सबसे ज्यादा गर्म होने की वजह से यह सबसे ज्यादा मुश्किल भरा होता है। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह में जल के बचाव पर अधिक ध्यान दिया जाता है इसलिए इस महीने में जल का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे व्रत रखे जाते हैं और यह व्रत प्रकृति में जल को बचाने का संदेश देते हैं। गंगा दशहरा में पवित्र नदियों की पूजा- अर्चना और निर्जला एकादशी में बिना पानी पिए रखा जाता है।
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शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने का खास धार्मिक महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की विशेष पूजा की जाती है। बता दें कि वरुण जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते हैं। इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ और दान-धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम ज्येष्ठ मास से जुड़ी तमाम रोचक जानकारी आपको विस्तार से बताएंगे, जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से तीज व त्योहार आएंगे? इस माह में किस तरह के उपाय लाभकारी होंगे? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को किन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए और किन चीज़ों का दान करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए? आदि ऐसी ही कई जानकारियां यहां हम आपको प्रदान करेंगे इसलिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
ज्येष्ठ माह 2024: तिथि
ज्येष्ठ माह का आरंभ बुधवार 22 मई 2024 से होगी और इसकी समाप्ति 21 जून 2024 शुक्रवार को हो जाएगी। ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मास है। इसके बाद आषाढ़ महीना प्रारंभ हो जाएगा। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ माह का महत्व
सनातन धर्म में ज्येष्ठ का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण और अहम बताया गया है और इस माह कई सारे व्रत व त्योहार पड़ते हैं। इस महीने जल का विशेष महत्व होता है इसलिए इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है। साथ ही, पितर प्रसन्न होते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु और उनके चरणों से निकलने वाली मां गंगा की पूजा की जाती है। इसके साथ ही ज्येष्ठ के महीने में जितने मंगलवार आते है, उन सभी का विशेष महत्व है और पड़ने वाले मंगलवार को हनुमान जी के नाम का व्रत करना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती है इसलिए हिंदू धर्म में ज्येष्ठ यानी जेठ के महीने को बहुत ही ख़ास माना गया है। कहते हैं कि इस माह में पड़ने वाले सभी व्रत व त्योहार से व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ होता है।
इसके अलावा, कहा जाता है कि ज्येष्ठ के महीने में ही मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था और इस दिन को गंगा दशहरे के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, ज्येष्ठ माह में ही भगवान शनिदेव का भी जन्म हुआ था। इन्हीं सब वजहों के चलते हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व बताया गया है।
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ज्येष्ठ मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार
ज्येष्ठ मास यानी कि 23 मई 2024 से 21 जून 2024 के दौरान सनातन धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि | दिन | व्रत व त्योहार |
23 मई, 2024 | गुरुवार | वैशाख पूर्णिमा व्रत |
26 मई, 2024 | रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
02 जून, 2024 | रविवार | अपरा एकादशी |
04 जून, 2024 | मंगलवार | मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
06 जून, 2024 | गुरुवार | ज्येष्ठ अमावस्या |
15 जून, 2024 | शनिवार | मिथुन संक्रांति |
18 जून, 2024 | मंगलवार | निर्जला एकादशी |
19 जून, 2024 | बुधवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
ज्येष्ठ मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
ज्येष्ठ के महीने में कई लोगों का जन्मदिन आता है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि ज्येष्ठ माह में जन्मे लोगों का स्वभाव कैसा होता है और उनके अंदर क्या खूबियां होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास तारीखों और महीनों में जन्मे लोगों की अलग-अलग खूबियां और विशेषताएं भी बताई गई हैं। व्यक्ति जिस महीने में जन्म लेता है उसके आधार पर भी उसके स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो हमारे जन्म का महीना हमारे जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है। ज्येष्ठ मास में जिन लोगों का जन्म होता है, उनमें कुछ विशेष प्रकार की खूबियां और कमियां पाई जाती हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
ज्येष्ठ महीने में जन्म लेने वाले व्यक्ति काफी ज्ञानी होते हैं और इनका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होता है, जिसके चलते ये धर्म-कर्म के कामों में बहुत अधिक लीन रहते हैं। इन जातकों को तीर्थ स्थलों पर घूमना पसंद होता है। ये जातक अपने जीवनसाथी का काफी ख्याल रखते हैं और बहुत अधिक प्रेम भी करते हैं। ज्येष्ठ माह में जन्में कुछ जातकों को विदेश में रहना पड़ता है। साथ ही, इन जातकों को विदेश से लाभ भी होता है। ये लोग ज्यादातर अपने घर से दूर रहने के लिए मजबूर रहते हैं। ये अपने मन में किसी के लिए किसी प्रकार का कोई बैर-भाव नहीं रहते हैं। इन व्यक्तियों के पास धन की कोई कमी नहीं होती है। इनकी आयु भी दीर्घ होती है और ये अपनी बुद्धि को अच्छे कार्यों में लगाना पसंद करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। यह नौकरी करें या व्यवसाय दोनों ही क्षेत्र में ये सफलता हासिल करते हैं क्योंकि ये बहुत अधिक फुर्तीले होते हैं और हर कार्य को समय पर खत्म करने की प्रवृत्ति रखते हैं। इस माह में जन्म लेने वाली लड़कियां फैशन में आगे होती हैं और इन्हें फैशन का अच्छा ज्ञान होता है इसलिए ये फैशन से जुड़े उद्योगों में सफल होती हैं। इस माह में जन्म लेने वाले जातकों की कल्पना शक्ति बहुत अधिक मजबूत होती है। इनका स्वभाव जोशीला होता है और ये आकर्षण का केंद्र होते हैं। इस माह में जन्म लेने वाले लोगों की बुद्धि भी बहुत तेज होती है। ये कठिन से कठिन कार्यों को भी अपने बुद्धि-बल के द्वारा आसानी से हल कर लेते हैं।
इन जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो ये लोग काफी रोमांटिक होते हैं और अपने पार्टनर के साथ मधुर संबंध स्थापित करने में सक्षम होते हैं। ये अपने रिश्ते को बहुत ही संभालकर रखते हैं और किसी अन्य की दखलअंदाजी पसंद नहीं करते हैं। ये छोटी छोटी बातों को नजरअंदाज करते हैं और बातों से अपना रिश्ता खराब नहीं करते। इनका स्वभाव मजाकिया होता है इसलिए इनका रिश्ता में खुशहाली से भरा रहता है। ये अपने पार्टनर के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। ज्येष्ठ महीने में जन्म लेने वाले लोगों के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं। जैसे कि यह बहुत जिद्दी होते हैं और बहुत जल्दी इनको गुस्सा आ जाता है, जिसके चलते इन्हें जीवन में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ सकता है। ये जितने दयालु होते हैं उतनी जल्दी इन जातकों को बातों का बुरा भी लग जाता है। ये लोग जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेते हैं और जिस वजह से इन्हें जीवन में कई बार धोखा भी मिल सकता है।
ज्येष्ठ मास में जल दान करने का महत्व
ज्येष्ठ मास में जल दान का विशेष महत्व है। हम सब जल के बिना जीवन जीने की सोच भी नहीं कर सकते हैं इसलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है। जल का दान करना हमेशा ही अच्छा माना गया है लेकिन ज्येष्ठ मास में जल दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस महीने आप पक्षियों के लिए घर की छत पर या बगीचे में जल भर कर रख सकते हैं। पशु-पक्षी भी प्रकृति की अनमोल देन है और साथ-साथ ज्योतिष की दृष्टि से भी पशु-पक्षियों को जल देना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल सनातन धर्म में हर देवी-देवता का कोई ना कोई वाहन होता है और यह वाहन पशु या पक्षी होते हैं। ऐसे में, ज्येष्ठ माह में पशु-पक्षियों को जल देना बहुत ही पुण्य का काम होता है, इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, ज्येष्ठ मास में जरूरतमंद लोगों को जल, गुड़, सत्तू, तिल आदि का दान करने से भी भगवान श्री हरि विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ ही, पितृ दोष और समस्त पाप से छुटकारा पाया जा सकता है।
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ज्येष्ठ माह में क्या करें
- ज्येष्ठ महीने में सूर्य की तेज किरणों से हर कोई परेशान रहता है और इस महीने से गर्मी भी बढ़ जाती है, जिसके चलते पानी का महत्व बढ़ जाता है। ऐसे में, पानी का दान करना चाहिए।
- ज्येष्ठ माह में घर की किसी भी खुली जगह या छत पर चिड़ियों के लिए दाना और पानी रखना चाहिए। गर्मी के कारण नदी-तालाब सूखने लगते हैं, जिसके चलते पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता, इसलिए घर के बाहर या छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी जरूर रखें।
- ज्येष्ठ के महीने में भगवान राम से पवन पुत्र हनुमान की मुलाकात हुई थी, जिसके चलते इस महीने हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसी महीने बड़े मंगलवार का पर्व मनाया जाता है, जिसमें हनुमान जी की खास पूजा होती है।
- इस महीने में सूर्य देव और वरुण देव की उपासना करना बेहद ही शुभ माना जाता है और सूर्यदेव को जल चढ़ाना भी फलदायी होता है।
- इसके अलावा, यदि इस महीने रोज पौधों में जल देना, लोगों को जल पिलाना, पानी बर्बाद ना करना, जरूरतमंद लोगों को घड़े सहित जल और पंखा का दान करना आदि शुभ भी माना जाता है।
- इस महीने तिल के ते का दान करना चाहिए। ऐसा करने से अकाल मृत्यु से बचा सकता है।
ज्येष्ठ मास में क्या नहीं करना चाहिए
- ज्येष्ठ मास के दौरान दिन के समय बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।
- इस महीने में शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए।
- इस माह में परिवार के बड़े पुत्र या पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए।
- इस मास में मसालेदार व गर्म खाने से बचना चाहिए।
- ज्येष्ठ मास में घर में आए किसी भी व्यक्ति को बिना पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए।
- कहा जाता है कि इस मास में बैंगन खाने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह संतान के लिए अच्छा नहीं होता है।
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ज्येष्ठ मास में जरूर करें ये ख़ास उपाय
इस माह में कुछ खास उपाय है जरूर करना चाहिए। मान्यता है इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और धन की कमी नहीं रहती है। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए
ज्येष्ठ मास के दौरान हर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि निवृत्त होकर हनुमान जी के मंदिर जाकर उन्हें तुलसी के पत्तों की माला पहनाएं। इसके साथ, हलवा-पूरी अथवा किसी अन्य मिष्ठान का भोग भी लगाएं। उनके स्वरूप के सामने आसन बिछाकर बैठ जाएं, फिर श्री हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और श्री सुन्दरकाण्ड का विधि-विधान से पाठ करें।
मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें ज्येष्ठ के महीने में मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए इससे संबंधित चीजें जैसे- तांबा, गुड का दान करना चाहिए।
नौकरी में पदोन्नति के लिए
ज्येष्ठ के महीने में सूर्य देवता का प्रकाश काफी तेज रहता है। ऐसे में, इस पूरे महीने सूर्यदेव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है और नौकरी में पदोन्नति भी प्राप्त होती है।
समस्त परेशानियों से छुटकारा के लिए
ग्रह दोषों से छुटकारा पाने के लिए ज्येष्ठ के महीने में पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था जरूर करें। इससे आपके जीवन में चल रहे उतार-चढ़ाव से छुटकारा पाया जा सकता है और आपको कभी भी धन की समस्या नहीं होगी।
सुख-समृद्धि के लिए
ज्येष्ठ महीने के दौरान प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल देना चाहिए। इसके साथ, ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। ध्यान रखें जल चढ़ाते समय सूर्य को सीधे न देखें। लोटे से जो जल की धार गिरती है, उसमें से सूर्य देव के दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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ज्येष्ठ मास 2024: ज्येष्ठ मास में राशि अनुसार इन चीजों का करें दान
इस खास महीने पर राशि अनुसार उपाय करने से साधक को दोगुना फल की प्राप्ति होती। साथ ही, धन-दौलत में वृद्धि के योग बनते हैं।
मेष राशि
मेष राशि वाले जातकों को ज्येष्ठ महीने के दौरान शुक्रवार के दिन लाल कपड़े में एक मुठ्ठी अलसी, हल्दी की गांठ के साथ बांधकर इसे तिजोरी में रख देना चाहिए। मान्यता है इससे धन प्राप्ति की राह आसान होती है। ध्यान रखें कि हर शुक्रवार को अलसी का बीज बदल दें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले ज्येष्ठ महीने के दौरान शंखपुष्पी पौधे की जड़ को गंगाजल से धोकर इस पर केसर का तिलक करें। इसके बाद तिजोरी में या जहां पैसा रखते हैं वहां रख दें। ऐसा करने से व्यापार दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगा और आर्थिक स्थिति में स्थिरता देखने को मिलेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को ज्येष्ठ माह में जल में गन्ने का रस मिलाकर स्नान करना चाहिए। फिर पीपल के पेड़ में कच्चा दूध और जल चढ़ाना चाहिए। इससे सौभाग्य प्राप्ति होती है। इसके अलावा, बच्चे की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है। यदि बच्चों को बोलने में दिक्कत है तो, उनकी वाणी में निखार आता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के लोग ज्येष्ठ महीने में घर में सत्यनारायण की पूजा करानी चाहिए और फिर हवन करके परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इससे बीमारियों से राहत मिलेगी और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
सिंह राशि
सिंह राशि लोग ज्येष्ठ माह की रात जल में केसर मिलाकर मां लक्ष्मी का अभिषेक करें। मान्यता है इससे बिगड़े काम बन जाते हैं और शत्रु व विरोधी आप पर हावी नहीं होंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को इस दिन इलायची को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए ये आपके लिए शुभ रहेगा। इसके अलावा, रात में देवी लक्ष्मी को सिंघाड़े और नारियल का भोग लगाएं। इससे कर्ज की समस्या दूर होती है।
तुला राशि
तुला राशि वाले जातकों को इस दिन घर में खीर का प्रसाद देवी लक्ष्मी को चढ़ाना चाहिए और फिर सात कन्याओं में इसे बांट देना चाहिए। ये उपाय नौकरी में चल रही परेशानियों को खत्म करने में कारगर होगा। साथ ही, इस उपाय से आय में वृद्धि के योग बनते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लोगों को ज्येष्ठ मास के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम या फिर रात में माता लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे यश, कीर्ति और ऐश्वर्य प्राप्ति होती है।
धनु राशि
धनु राशि के लोग इस महीने के दौरान कच्चे सूत के हल्दी में रंगकर बरगद के पेड़ पर लपेटें। 11 बार परिक्रमा करें और इस मंत्र का जाप करें- ब्रह्मणा सहिंतां देवीं सावित्रीं लोकमातरम्। सत्यव्रतं च सावित्रीं यमं चावाहयाम्यहम्।। इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां आएंगी और सुयोग्य वर प्राप्त होगा।
मकर राशि
मकर राशि वालों को ग्रहों की पीड़ा से राहत पाने के लिए ज्येष्ठ मास के दौरान छाता, खड़ाऊ, लोहा, उड़द की दाल का दान करना चाहिए। साथ ही, काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। ऐसा करने से शनि की महादशा से बचा जा सकता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों को इस दिन काले तिल को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए। बाद में तेल में सिकी पूड़ियां गरीबों में बांटना चाहिए। इससे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक संकट दूर होता है।
मीन राशि
मीन राशि वाले जातकों को ज्येष्ठ मास में आम के फल का दान करना चाहिए, साथ ही राहगीरों को पानी भी पिलाना चाहिए। इससे वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति व सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर 1. जेठ माह की शुरुआत 22 मई 2024 से होगी और 21 जून 2024 को समाप्त होगा।
उत्तर 2. अपरा एकादशी, प्रदोष व्रत (कृष्ण), मासिक शिवरात्रि, ज्येष्ठ अमावस्या, निर्जला एकादशी, प्रदोष व्रत (शुक्ल), ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, संकष्टी चतुर्थी, मिथुन संक्रांति, योगिनी एकादशी।
उत्तर 3. इस महीने जल का विशेष महत्व होता है इसलिए इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है।
उत्तर 4. ज्येष्ठ मास के दौरान दिन के समय बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि इससे व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हो सकता है।