ये हैं भारत के पांच सबसे अमीर मंदिर, कमाई जान कर उड़ जाएंगे आपके होश

भारत एक आस्था प्रधान देश है। आस्था और दान का एक एक दूसरे से अटूट सम्बन्ध है। दान कर्म को सनातन धर्म में विशेष दर्जा प्राप्त है। यही वजह है कि भारत में लोग बढ़-चढ़ कर दान करते आ रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद दिलचस्प साबित होने वाला है कि भारत के पांच सबसे अमीर मंदिर कौन से हैं। इस लेख में इसी की बात होने वाली है।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर आता है केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना कलयुग के पहले दिन हुई थी। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी फिलहाल शाही त्रावणकोर परिवार के कन्धों पर है। हालांकि शाही परिवार को इस मंदिर के देखरेख की जिम्मेदारी लेने के लिए वर्षों कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के अंदर सात तहखाने मौजूद हैं। इनमें से छह साल 2011 में हाईकोर्ट के आदेश पर खोले गए थे जिसके अंदर से लगभग 1 लाख करोड़ मूल्य के हीरे-जवाहरात मिले थे। माना जाता है कि दरवाजों को खोलने की  प्रक्रिया में जब मजदूर सातवें दरवाजे तक पहुंचे तो वहां दरवाज़ों पर बने सांप की आकृति को देख कर उन्होंने इस दरवाज़े को खोलने से मन कर दिया। श्रद्धालुओं का मानना है कि अगर सातवां तहखाना खुला तो प्रलय आ जाएगा। 

एक अनुमान के मुताबिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पास लगभग  2 लाख करोड़ के आसपास के मूल्य का सोना मौजूद है लेकिन इतिहासकार बताते हैं कि यह मूल्य अनुमानित मूल्य से दस गुना ज्यादा हो सकता है। हर साल इस मंदिर में लगभग 500 करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। बस यही वजह है कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर हमारी लिस्ट में भारत का सबसे अमीर मंदिर है।

तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर

भारत के अमीर मंदिरों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर जो मंदिर आता है वह है आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा अर्चना होती है। आपको बता दें कि भगवान वेंकटेश्वर भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। 

एक आंकड़ा बताता है कि साल 2019 में इस मंदिर को हर मिनट 22,100 रुपये का चढ़ावा मिला था। इस मंदिर के पास लगभग 4 हजार करोड़ के मूल्य का सोना मौजूद है और लगभग 14 हजार करोड़ की रकम बैंक में फिक्सड डिपाजिट के तौर पर जमा है। मंदिर में हर रोज 80 हजार से 1 लाख तक भक्त दर्शन के लिए आते हैं और किसी ख़ास दिन पर यह आंकड़ा तो 5 लाख तक पहुँच जाता है। एक अनुमान के मुताबिक़ मंदिर की सालाना कमाई लगभग 600 करोड़ रुपये हैं। यही बात इस मंदिर को हमारी लिस्ट में दूसरे नंबर पर रखता है।

वैष्णो देवी मंदिर

माता वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू के कटरा में त्रिकुटा पर्वत की चोटी पर मौजूद है। माता वैष्णो देवी का मंदिर हमारे भारत के पांच सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर आता है। वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के द्वारा दिए गए हालिया आंकड़े के मुताबिक़ मंदिर में हर साल 90 किलो का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। इसके अलावा हर साल 200 किलो चांदी चढ़ावे में मंदिर को दान स्वरुप मिलती है।

साल 2011 और 2012 के दौरान वैष्णो देवी मंदिर में माता के दर्शन के लिए हर साल 1 करोड़ भक्त पहुंचे थे। साल 2018-2019 के आंकड़ों से अनुमान लगाया जाए तो माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए हर साल 80 लाख भक्त जम्मू का रूख करते हैं। मंदिर की अनुमानित सालाना कमाई 500 करोड़ बतायी जाती है। पूरे उत्तर भारत में सबसे ज्यादा चढ़ावा वैष्णो देवी मंदिर को ही दान में दिया जाता है। इसी वजह से यह मंदिर हमारी लिस्ट में तीसरी नंबर पर मौजूद है।

साईं बाबा मंदिर

शिरडी में स्थित साईं बाबा का मंदिर हमारी इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है। एक अनुमान के मुताबिक़ इस मंदिर की सालाना कमाई 630 करोड़ रुपये हैं। हर रोज औसतन मंदिर में 78.63 करोड़ रुपये का चढ़ावा दान में दिया जाता है।  मंदिर के द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक़ 23 दिसंबर 2019 से लेकर 02 जनवरी 2020 तक यानी कि महज 11 दिनों में 8. 83 लाख श्रद्धालु साईं बाबा के दर्शन के लिए शिरडी पहुंचे थे। साल 2018-19 के आंकड़ों के अनुसार शिरडी साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट के पास 2,237 करोड़ रुपये का निवेश है। ये सब बातें ही शिरडी में स्थित साईं बाबा मंदिर को भारत के अमीर मंदिरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर रखता है।

सिद्धिविनायक मंदिर

देश के सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर शुमार है मुंबई में स्थित भगवान श्री गणेश का सिद्धिविनायक मंदिर। आम हो या कोई ख़ास, हर कोई इस मंदिर में मत्था टेकने आता है। सिद्धिविनायक मंदिर की अनुमानित सालाना कमाई लगभग 125 करोड़ रुपये है। यहाँ हर दिन 25 हजार भक्त भगवान गणेश के दर्शन हेतु आते हैं। प्रत्येक दिन सिद्धिविनायक मंदिर को लगभग 25 हजार से लेकर 2 लाख का चढ़ाव दान में दिया जाता है।

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