गुरुवार व्रत विशेष: जानें पूजन विधि और इस व्रत से मिलने वाला फल

गुरुवार का दिन और गुरुवार व्रत (Guruwar Vrat) भगवान विष्णु को समर्पित होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को निर्धारित किए गए हैं। ऐसे में जब जिक्र होता है बृहस्पतिवार या गुरुवार का तो लोगों के दिमाग में यही बात आती है कि यह दिन भगवान विष्णु से संबंधित है लेकिन, हकीक़त में गुरुवार के दिन पूजा अर्चना करने से केवल भगवान विष्णु ही नहीं बल्कि मां लक्ष्मी की भी प्रसन्नता हासिल होती है। 

जहां भगवान विष्णु जगत के पालन-हार हैं वहीं मां लक्ष्मी धन की देवी कही जाती हैं। तो आइए जानते हैं गुरुवार के दिन व्रत करने के कुछ अनोखे और बेहद खास फायदे और साथ ही गुरुवार व्रत का नियम (Guruwar Vrat Niyam)। 

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गुरुवार व्रत के फायदे 

सबसे पहली बात जैसा कि हमने बताया कि, गुरुवार व्रत (Guruwar Vrat) करने से न केवल भगवान विष्णु बल्कि मां लक्ष्मी की भी प्रसन्नता बेहद ही आसानी से हासिल की जाती है। ऐसे में स्वाभाविक सी बात है कि, इस दिन का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रसन्नता हासिल करने के लिए यह व्रत पुरुष, महिला, कुंवारी लड़कियाँ, लड़के कोई भी कर सकते हैं। इस व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा विश्वास और आस्था के साथ इस व्रत को और इस व्रत के उद्यापन को करता है, भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की कृपा से उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें जीवन में हर सुख-सुविधा अवश्य हासिल होती है। 

गुरुवार व्रत के फायदे 

हिंदू धर्म में कई तरह के व्रत और उपवास किए जाने की मान्यता है। व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है और साथ ही इससे व्यक्ति का शरीर अच्छा बना रहता है, स्वास्थ्य बेहतर होता है और नींद का चक्र भी सुधरता है। इसके अलावा कहा जाता है कि, व्रत करने से व्यक्ति के पाचन तंत्र को आराम मिलता है। इसके अलावा प्रत्येक व्रत से कुछ खास फायदे भी व्यक्ति के जीवन पर अवश्य पड़ते हैं। तो आइए जानते हैं गुरुवार व्रत रखने से व्यक्ति को क्या फल प्राप्त होता है। 

  • गुरुवार व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में अन्न और धन की कभी भी कमी नहीं रहती है। 
  • गुरुवार का व्रत करने वाले व्यक्तियों के जीवन में हमेशा धन की बरकत बनी रहती है। 
  • गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में ख़ुशियाँ, संपन्नता, सफलता मिलती है। 
  • इसके अलावा गुरुवार का व्रत करने वाले व्यक्तियों के जीवन में विद्या का सुख भी प्राप्त होता है। 

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गुरुवार व्रत से मिलती है नौकरी में सफलता 

गुरुवार व्रत फायदे (Guruwar Vrat Fayde) के बारे में बात करें तो, जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में मौजूद होता है जिसके कारण व्यक्ति को जीवन में लाख प्रयासों के बाद भी सफलता हासिल नहीं हो पाती है, ऐसे लोगों को गुरुवार का व्रत करने की सलाह दी जाती है। इससे व्यक्ति के बिगड़े काम भी बनने लगते हैं और कुंडली में मौजूद गुरु भी मजबूत होने लगता है। इसके साथ ही यदि आपको काम में तरक्की ना मिल रही हो, मनचाही नौकरी ना मिल पा रही हो और नौकरी में सफलता हासिल करने में दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा हो तो भी गुरुवार का व्रत आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। 

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घर में सुख समृद्धि के लिए गुरुवार व्रत (Guruwar Vrat) बेहद ही उत्तम माना गया है। जो कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ गुरुवार का व्रत करता है ऐसे जातकों के घर में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से सुख समृद्धि बनी रहती है। 

इसके अलावा जिन जातकों की विवाह में रुकावट आ रही हो, बार-बार बनते रिश्ते टूट जा रहे हों उन्हें भी गुरुवार का व्रत करने की सलाह दी जाती है। गुरुवार का व्रत लड़का या लड़की कोई भी कर सकता है। इससे उनके विवाह में आ रही किसी भी तरह की रूकावट या बाधा दूर होती है और जल्दी शादी होने की संभावना बढ़ जाती है। 

गुरुवार व्रत की विधि और नियम 

माना जाता है कि, कोई भी व्रत या पूजा तभी सफल होता है जब व्यक्ति उसे सही विधि और नियम के साथ करे। तो आइए जानते हैं गुरुवार व्रत (Guruwar Vrat Vidhi) विधि। 

महत्वपूर्ण जानकारी: पौष महीने (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिसंबर या जनवरी का महीना) को छोड़कर आप गुरुवार का व्रत कभी भी शुरू कर सकते हैं। 

  • गुरुवार के दिन सुबह स्नान के बाद मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने चावल और पीले रंग के फूल अर्पित करें। 
  • भगवान से 16 गुरुवार व्रत करने का संकल्प लें और उन्हें पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें। 
  • बहुत से लोग यह विधि केले के पेड़ के समक्ष भी करते हैं। 
  • इसके बाद एक लोटे में जल रखें और इसमें थोड़ी हल्दी डालकर भगवान विष्णु या केले के पेड़ की जड़ को जल अर्पित करें। 
  • लोटे में गुड़ और चने की दाल डालें। 
  • इसके बाद भगवान विष्णु को हल्दी, चंदन का तिलक लगाएं। उन्हें पीला चावल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। 
  • इस दिन से संबंधित व्रत कथा पढ़ें। 
  • इसके बाद हवन करें। 
  • हवन के बाद भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की आरती उतरें और अंत में अपने से अनजाने में भी हुई किसी भी गलती की क्षमा माँगें।

हम आशा  करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। यदि इस व्रत या अपने जीवन से जुड़ा कोई भी अन्य प्रश्न है तो आप हमारे जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।

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