वैदिक ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह ज्ञान, धन, शिक्षा, सुख और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है और इसे बेहद ही लाभकारी ग्रह माना जाता है। गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, भाग्य, सफलता, उदारता और अच्छे नैतिक मूल्यों की वृद्धि होती है।
बृहस्पति अर्थात गुरु को हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है और भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसे “गुरु” का दर्ज़ा भी दिया गया है। गुरु ग्रह धनु राशि और मीन राशि का स्वामी है। जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह शुभ स्थिति में स्थित हो, तो यह ज्ञान, पुत्र, शिक्षा और समृद्धि लाता है और ऐसे व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। लेकिन इसके विपरीत यदि यह ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद हो, तो यह जातक के अभिमानी और खराब स्वाभाव की वजह भी बनता है।
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गुरु ग्रह एक राशि में लगभग 13 महीने तक रहता है और फिर राशि परिवर्तन कर जाता है। यह कर्क राशि में उच्च का होता है और मकर राशि में नीच का होता है। गुरु ग्रह किसी भी अन्य अशुभ ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को संतुलित करने की शक्ति भी रखता है।
जिन व्यक्तियों की की कुंडली के बारहवें भाव में गुरु हो तो उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वक्री गुरु गोचर का समय
वक्री गुरु का मकर राशि में गोचर (15 सितंबर 2021)
मकर राशि में वक्री गुरु का गोचर 15 सितंबर 2021 को सुबह 4:22 बजे होगा, यह ग्रह 20 नवंबर 2021 को सुबह 11:23 बजे तक मकर राशि में ही रहेगा और उसके बाद कुंभ राशि में गोचर कर जाएगा।
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वक्री गुरु गोचरफल
अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं गुरु गोचर का सभी बारह राशियों पर क्या शुभ अशुभ प्रभाव पड़ने वाला है।
यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
चंद्र राशि कैलकुलेटर
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए, गुरु नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है और करियर, नाम और प्रसिद्धि के आपके दशवें भाव में इस ग्रह का गोचर होगा। इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। यह ग्रह धर्म, अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं, भाग्य और पिता के साथ संबंध आपके नौवें भाव में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु भगवान सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और आपके गुप्त विज्ञान, वंशानुक्रम और अचानक लाभ / हानि के आठवें घर में इनका गोचर हो रहा है। पेशेवर रूप से…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु छठे और नौवें भाव का स्वामी है और यह आपके विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर करेगा। इस गौचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु पंचम और आठवें भाव का स्वामी है। वर्तमान गोचर में यह आपके शत्रु भाव यानि कि षष्ठम भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु चौथे और सातवें घर का स्वामी है और प्रेम, रोमांस और बच्चों के आपके पांचवें घर में यह गोचर कर रहा है। व्यावसायिक रूप से…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए गुरु तीसरे और छठे घर का स्वामी है और आराम, माता, संपत्ति और खुशी के आपके चौथे घर में यह ग्रह गोचर करेगा। इस गोचर के दौरान …..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है और साहस, भाई-बहन, संचार और छोटी यात्राओं के आपके तृतीय भाव में इसका गोचर हो रहा है। पेशेवर जीवन…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए, गुरु पहले और चौथे भाव का स्वामी है और आपके परिवार, संचार और वाणी के दूसरे घर में इस ग्रह का गोचर हो रहा है। वित्तीय मोर्चे पर…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए गुरु तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और आत्मा और व्यक्तित्व के आपके पहले घर में यह गोचर कर रहे हैं। इस गोचर के दौरान…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए गुरु द्वितीय और एकादश भाव का स्वामी है और आपके व्यय, हानि और मोक्ष के द्वादश भाव में यह गोचर कर रहा है। आर्थिक रूप से इस…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए गुरु दसवें और पहले भाव का स्वामी है और लाभ, आय और इच्छाओं के आपके एकादश भाव में इसका गोचर होगा। इस गोचर की शुरुआत…..(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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