सौरमंडल के सभी ग्रहों का स्थान परिवर्तन प्रत्येक मनुष्य को किसी न किसी रूप से ज़रूर प्रभावित करता है। अगर कोई दो या दो से अधिक ग्रह किसी कुंडली या राशि में एक ही स्थान पर एक-साथ या कुछ अंशो को दूरी पर उपस्थित होते हैं, तो ये स्थिति उन ग्रहों की युति का निर्माण करती है। ग्रहों के स्थान परिवर्तन की तरह ही ग्रहों की युति का प्रभाव भी सभी जातकों के जीवन में काफी बदलाव आने के संकेत देता है।
ज्योतिष में गुरु और मंगल
कारक तत्व की बात करें तो गुरु बृहस्पति को समस्त सभी ग्रहों में से प्रमुख ग्रह माना गया है। जो एक शुभ ग्रह भी हैं और हमेशा जातकों को शुभ परिणाम ही देते हैं। ज्योतिष विज्ञान में गुरु बृहस्पति को शिक्षा, संतान, धार्मिक कार्य, धन, दान-पुण्य आदि का कारक तत्व प्राप्त होता है। जबकि लाल ग्रह मंगल की बात करें तो ये चमकदार ग्रह है, जिसे ऊर्जा, क्रोध, उग्रता, साहस, कठोरता, फुर्ती और आक्रामकता का कारक प्राप्त होता है।
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इसके अलावा गुरु बृहस्पति धनु व मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इनकी उच्च राशि होती है। वहीं मंगल को मेष व वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त होने के साथ-साथ मकर उनकी उच्च राशि मानी जाती है। ये भी देखा जाता है कि गुरु बृहस्पति के साथ जब भी किसी अन्य ग्रह की युति होती है तो उससे बनने वाले योग भी ज्यादातर शुभ ही सिद्ध होते हैं।
गुरु-मंगल की युति
एस्ट्रोसेज के ज्योतिषियों के मुताबिक 17 मई 2022 से मीन राशि में गुरु-मंगल की युति से गुरु-मंगल योग का निर्माण होगा। गुरु-मंगल की युति शुभ योगों की श्रेणी में आती है। ये युति तब बनेगी जब 17 मई 2022 की सुबह 8 बजकर 58 मिनट पर मंगल देव शनि की कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में अपना गोचर करेंगे। जहां उनका मिलन मीन में पहले से उपस्थित गुरु के साथ होगा। मंगल-गुरु की ये युति अगले माह 27 जून 2022 तक रहेगी। क्योंकि उसके बाद मंगल अपनी स्वराशि मेष में पुनः गोचर करते हुए मीन से निकल जाएंगे।
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इस युति पर क्या हैं ज्योतिषीय मत
विशेषज्ञों के मत अनुसार गुरु-मंगल योग बनने से यूँ तो करीब-करीब सभी 12 राशियां प्रभावित होने वाली हैं। परंतु इस युति का प्रभाव सबसे अधिक मीन राशि के जातकों पर दिखाई देगा। क्योंकि इस युति का मीन राशि में ही निर्माण होने वाला है। जिसके परिणामस्वरूप मीन जातक जीवन में उच्च पद प्राप्त करेंगे। साथ ही कई अन्य राशि के जातकों को भी इस शुभ योग से धन लाभ मिलने की संभावना रहेगी। चलिए अब विस्तार से जानें आखिर गुरु-मंगल की ये युति आपकी राशि में क्या बदलाव लेकर आ रही है।
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12 राशियों पर गुरु-मंगल की युति का प्रभाव
मेष राशि:
गुरु-मंगल की ये युति आपकी राशि के द्वादश भाव में बनेगी, जिसके परिणामस्वरूप आपको पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त हो सकेगी। आपके दोस्त-करीबी आपके आस-पास रहना पसंद करेंगे। साथ ही आपके सलाह-मशवरे को भी दूसरों से उचित मान-सम्मान मिल सकेगा।
वृषभ राशि:
ये युति आपके एकादश भाव में बनेगी और इसके कारण आप अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति करने में सफल रहने वाले हैं। आपको अपने पिता और बड़े भाई का सहयोग मिलने से जीवन की कई समस्याओं का हल ढूढ़ने में सफलता भी मिलेगी।
मिथुन राशि:
इस युति का निर्माण आपके कर्म यानी दशम भाव में होगा, जिससे आप जल्दी धन कमाने के लिए कुछ गलत कार्यों को करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। करियर में भी आपको सफलता तो मिलेगी, परंतु इसके लिए आपको सामान्य से अधिक मेहनत और प्रयास करने की ज़रूरत होगी।
कर्क राशि:
गुरु-मंगल आपके नवम भाव में युति बनाएंगे। इस कारण आपका भाग्योदय संभव है। साथ ही आप अलग-अलग माध्यमों से धन अर्जित करने में भी सफल रहने वाले हैं।
सिंह राशि:
इस युति का निर्माण आपके अष्टम भाव में होगा। जिससे यदि आपके पारिवारिक जीवन में किसी प्रकार का अशांत वातावरण चल रहा था तो ये योग उसमें सुधार करेगा और आप घर पर रहना पसंद करेंगे।
कन्या राशि:
गुरु-मंगल की युति आपके सप्तम भाव में बनेगी। इससे आपको थोड़ा सावधानी पूर्वक निर्णय लेने की ज़रूरत होगी। खासतौर से कोई भी ऋण या कर्ज लेते समय किसी बड़े या विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।
तुला राशि:
ये युति आपके षष्ठ भाव में बनेगी और इस कारण आपके अपने घर के बड़े सदस्यों के साथ संबंध बेहतर हो सकेंगे। साथ ही आप शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूपों से पहले से अधिक सेहतमंद दिखाई देंगे। करियर में भी आपके शत्रु चाहकर भी आपको हानि नहीं पहुंचा सकेंगे।
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वृश्चिक राशि:
गुरु-मंगल की युति आपके पंचम भाव में बनेगी। इससे आपके प्रेम संबंधों में अनुकूलता आएगी। हालांकि ये स्थिति कुछ जातकों के स्वभाव में क्रोध की वृद्धि भी कर सकती है। इसलिए किसी से भी बातचीत के समय सभ्य भाषा का प्रयोग करना ही आपके लिए अनुकूल रहेगा।
धनु राशि:
ये योग आपके चतुर्थ भाव में बनेगा, जिसकी वजह से यदि आप अपने घर, परिवार या मातृभूमि से कार्यक्षेत्र या शिक्षा के चलते दूर रह रहे हैं तो आपको घर लौटने का कोई अवसर मिल सकता है। सरकारी नौकरी में कार्यरत जातकों को इस युति से पदोन्नति मिलने की संभावना बनेगी।
मकर राशि:
गुरु-मंगल की ये युति आपके तृतीय भाव में बनेगी। जिससे आप अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक केंद्रित दिखाई देंगे। हालांकि कुछ जातक जुआ, शेयर बाज़ार, आदि जैसे कार्यों में भी लिप्त हो सकते हैं, इसलिए आपको हर तरह की गैरकानूनी गतिविधियों से खासतौर से दुरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।
कुंभ राशि:
दोनों ग्रहों की ये युति आपके द्वितीय भाव में बनेगी, इस कारण आपके अंदर कुछ अहंकार की वृद्धि संभव है। लेकिन अगर आप शादीशुदा हैं तो आपका जीवनसाथी आपके समर्थन में हमेशा आपके साथ खड़ा दिखाई देगा।
मीन राशि:
आपके ऊपर इस युति का ख़ास प्रभाव देखने को मिलेगा, क्योंकि गुरु-मंगल आपकी ही राशि में एक साथ उपस्थित होंगे। इसके फलस्वरूप आपकी ऊर्जा में बढ़ोतरी देखी जाएगी और आप हर कार्य को जल्दी व आक्रामक तरीके से पूरा करेंगे। दूसरों के बीच भी आपका आकर्षक व्यक्तित्व आपको लोकप्रिय बनने में मदद करेगा।
युति के दौरान ज़रूर करें दान-पुण्य
हमारे वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य गुरु-मंगल के इस शुभ योग को प्रभावशाली बनाने के लिए जातकों को समय-समय पर अपनी श्रद्धा अनुसार दान-पुण्य करने की भी खास सलाह देते हैं। जिन्हें अपनाकर जातक इस युति के न केवल नकारात्मक प्रभावों को शून्य करने में सक्षम हो सकेंगे, बल्कि उन्हें दान-पुण्य की मदद से अपनी कुंडली में गुरु और मंगल की स्थिति को बेहतर बनाने में भी सफलता मिलेगी।
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