आज से पवित्र सावन माह की शुरुआत होने के साथ ही शिव भक्तों में एक विशेष उमंग और उल्लास देखने को मिलता है। आज से ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी हो रही है। शिव भक्त आज से कांवड़ लेकर सावन माह की चतुर्दशी के दिन शिव जी का जलाभिषेक करेंगे। इस दौरान विभिन शिव धामों पर विशेष आयोजन किये जाते हैं जिसमें से सबसे प्रमुख है झारखण्ड के देवघर स्थित शिव मंदिर जहाँ आज से श्रावणी मेले की शुरुआत हो चुकी है। आइये जानते हैं श्रावणी मेले की शिव भक्तों के लिए क्या है महत्ता और कैसी होगी इस मेले की तैयारी।
श्रावणी मेला 2019
आज सावन माह की शुरुआत के साथ ही देवघर में शिव श्रद्धालुओं के लिए भव्य श्रावणी मेले की शुरुआत हो रही है। इस बाबत प्रशासन की तरफ से भी यहाँ जलाभिषेक के लिए आने वाले भक्तों के लिए ख़ास इंतजाम किये जा रहे हैं। आपको बता दें कि हर साल विशेष तौर पर सावन के महीने में देवघर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लाखों हज़ारों में होती है। ऐसे में अफरा तफरी ना मचे और किसी प्रकार की कोई अनहोनी ना हो इसलिए भी विशेष इंतजाम किये जाते हैं। देवघर में हर साल आयोजित किये जाने वाले श्रावणी मेले की ख़ासियत ये है की यहाँ कांवर लेकर आने वाले भक्तों के लिए विशेष इंतजाम किये जाते हैं। साथ ही इस मेले का प्रभाव अर्थ बाजार पर भी पड़ता है, पूजा से जुड़े विभिन्न सामानों की बिक्री के साथ ही यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की दैनिक प्रयोग में आने वाली चीजों की बिक्री भी खूब होती है।
इस साल आने वाले लाखों हज़ारों भक्तों के लिए खासतौर से प्रशासन की तरफ से दो टेंट सिटी भी लगवाए जा रहे हैं। इसकी खासियत ये होगी की यहाँ कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालु इन टेंटों में आराम कर सकते हैं। इसके लिए आरामदेह बिस्तर, पंखे, मोबाइल रिचार्ज पॉइंट और पीने के लिए शुद्ध जल की व्यवस्था भी की गयी है। चूँकि यहाँ हर साल लगने वाले श्रावणी मेले का ऐतहासिक महत्व है इसलिए इसे भव्य बनाने का हर संभव प्रयास किया गया है। भव्यता के लिए शिव जी की विशाल प्रतिमा भी लगवाई जा रही है।
श्रावणी मेले का महत्व
श्रावणी मेले का महत्व विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए इसलिए ज्यादा है क्योंकि सावन के पवित्र महीने में वो शिव भक्ति में पूरी तरह से लीन रहते हैं। झारखण्ड के देवघर में हर साल इस महीने में लाखों की संख्या में शिव भक्त लगभग 105 किलोमीटर के पैदल यात्रा कर शिव जी के जलाभिषेक के लिए आते हैं। यहाँ स्थित बाबा बैधनाथ के मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की प्रथा है। पहले श्रद्धालु सुल्तानगंज से कांवड़ में गंगाजल भड़ते हैं फिर देवघर आकर शिव पर जल चढ़ाते हैं। ऐसे में शिव भक्तों में ख़ासा हर्षोउल्लास देखा जा सकता है। श्रावणी मेला उनके इस उल्लास को और भी बढ़ाने का काम करता है।
मुख्यमंत्री ने की विशेष आग्रह
बता दें कि श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहाँ आने वाले शिव भक्तों से विशेष आग्रह की है जिसमें उन्होनें कहा है कि “सभी शिव भक्तों से मेरी विशेष आग्रह है कि वो श्रावणी मेले के मौके पर देवघर पधारें और मनोकामना लिंग पर जलार्पण कर अपनी मनोकामना पूर्ण करें। “ शिव जी के सभी बारह शिवलिंगों में से देवघर स्थित मनोकामना शिवलिंग की ख़ास अहमियत है। यहाँ श्रद्धालु अपनी मनोकामना की पूर्ती के लिए भी हर साल शिवलिंग पर जल चढ़ाने आते हैं।