गोवर्धन पूजा 2022: सालों बाद दीपावली के तीसरे दिन होगी गोवर्धन पूजा, जानें शुभ मुहूर्त व तिथि

हर साल कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा 2022 की जाती है। दिवाली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा करने का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा में गौ धन यानी गायों की पूजा की जाती है और गायों को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। मां लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गौमाता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही इस दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे ‘अन्नकूट’ के नाम से भी जाना जाता है। 

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गोवर्धन पूजा का संबंध भगवान कृष्ण से है और इसका प्रारंभ द्वापर युग में हुआ था। जबकि गोवर्धन के अगले दिन मनाये जाने वाला पर्व भाई दूज भाई-बहन का त्योहार है। इस साल खास बात यह है कि गोवर्धन पूजा के साथ-साथ भाई दूज का भी पर्व मनाया जाएगा। भाई दूज पर बहन भाई का तिलक करती है और भाई-बहन एक-दूसरे को सुख-दुख में साथ निभाने का वचन भी देते हैं। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। आइए अब जानते हैं गोवर्धन पूजा 2022 व भाई दूज की तिथि, इसका महत्व और पूजन विधि के बारे में।

जानिए गोवर्धन पूजा 2022 तिथि व मुहूर्त

दीपावली के अगले दिन बेहद जोश के साथ गोवर्धन पूजा की जाती है। इस पर्व का समापन भाई दूज के साथ होगा, लेकिन इस साल दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। ग्रहण के वक्त पूजा पाठ करने की भी मनाही होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार दीपावली का त्योहार इस साल 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वहीं, गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन की जाती है, लेकिन इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 20 मिनट पर शुरू हो रही है और ये तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। 

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गोवर्धन पूजा 2022 तिथि व शुभ मुहूर्त

दिनांक: 26 अक्टूबर, 2022

दिन: बुधवार

हिंदू माह: कार्तिक

पक्ष: शुक्ल पक्ष

तिथि:  प्रतिपदा

शुभ मुहूर्त: 26 अक्टूबर, 2022 की सुबह 06 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 43 मिनट तक।

अवधि: 2 घंटे 14 मिनट

सूर्य ग्रहण 2022 का समय व तिथि

सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को मंगलवार के दिन तुला राशि में लगने जा रहा है। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण है जो भारत में दिखने वाला पहला सूर्यग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण 01 घंटे17 मिनट तक रहेगा। 2022 में लगने वाला ये सूर्यग्रहण काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका सूतक दिवाली की रात से ही लग रहा है। 

सूर्य ग्रहण 2022 का समय 

सूर्य ग्रहण का प्रारंभ: दोपहर में 04 बजकर 49 मिनट।

सूर्य ग्रहण का अधिकतम काल: शाम 5 बजकर 42 मिनट।

ग्रहण समाप्त: शाम को 6 बजकर 06 मिनट पर।

अवधि- 1 घंटे 17 मिनट 

भाई दूज 2022 तिलक मुहूर्त

भाई दूज तिथि- 26 अक्टूबर, 2022 

दिन – बुधवार

भाई दूज तिलक का समय :02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 26 तक

अवधि :0 घंटे 42 मिनट

द्वितीया तिथि प्रारम्भ – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से

द्वितीया तिथि समाप्त – 27 अक्टूबर, दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक

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गोवर्धन पूजा का महत्व

सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा 2022 का विशेष महत्व है। यह त्योहार मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को याद करके मनाया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को भगवान इंद्र के गुस्से से बचाया था। साथ ही भगवान इंद्र को उनकी गलती का एहसास करवाया था। उस समय से ही भगवान कृष्ण के उपासक उन्हें गेहूं, चावल, बेसन से बनी सब्जी और पत्तेदार सब्जियां अर्पित करते हैं।

गोवर्धन पूजा 2022 पूजन विधि

  • गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें। 
  • इस दिन गाय के गोबर से भगवान गिरिराज यानी गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की भी आकृति बनाएं।
  • इसके बाद दीपक व धूप जलाकर विधि-विधान से पूजा करें। 
  • श्रीकृष्ण को दूध से नहलाकर उनका पूजन करें। 
  • इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं। 

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अन्नकूट का अर्थ

अन्नकूट का अर्थ है अन्न का ढेर। इस दिन श्रद्धालु तरह-तरह की मिठाइयों और पकवानों से भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। यही नहीं, इस दिन 56 भोग बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित किये जाते हैं और इन्हीं 56 तरह के पकवानों को ‘अन्नकूट’ बोला जाता है।

हर राज्य में गोवर्धन पूजा के अलग- अलग रूप 

गुजरात में कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुजराती नववर्ष के उत्सव के रूप में मनाते है जबकि महाराष्ट्र में गोवर्धन पूजा को ‘बाली पड़वा’ या ‘बाली प्रतिपदा’ के रूप में मनाया जाता है। किंवदंतियों के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार वामन ने बाली को हराकर उसे ‘पाताल लोक’ में भेज दिया था। ऐसी मान्यता है कि राजा बाली स्वयं इस पवित्र दिन धरती पर आते हैं।

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गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें और क्या न करें

  • गोवर्धन पूजा खुले स्थान में करनी चाहिए, कभी भी बंद कमरे में गोवर्धन पूजा न करें। ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है।
  • गोवर्धन पूजा करते समय गौ माता की पूजा भी अवश्य करें।
  • इस दिन साफ सुथरे कपड़े पहने।
  • परिवार के साथ मिलकर गोवर्धन पूजा करें।
  • इस पावन दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  • इसी के साथ गोवर्धन परिक्रमा हमेशा नंगे पैर करें। अगर स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है तो ऐसे में आप रबर या कपड़े के जूते पहन सकते हैं।
  • गोवर्धन परिक्रमा को अवश्य पूरा करें क्योंकि आधी परिक्रमा अशुभ मानी जाती है। 
  • इस दिन तामसिक भोजन व शराब जैसी नशीली चीजों के सेवन से बचें।

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