आने वाला है नौतपा, 9 दिनों तक सूरज की गर्मी से तपेगी धरती, सूर्य देव को प्रसन्‍न करने का मिला है मौका

आने वाला है नौतपा, 9 दिनों तक सूरज की गर्मी से तपेगी धरती, सूर्य देव को प्रसन्‍न करने का मिला है मौका

वैदिक ज्‍योतिष में ऐसी अनेक घटनाओं का उल्‍लेख किया गया है जो मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। इनमें से ही एक है नौतपा। इस बार 25 मई, 2024 से नौतपा की शुरुआत हो रही है। नौतपा से सूर्य की गर्मी बढ़ जाती है और इस बार इसकी शुरुआत 25 मई से होगी।

इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि नौतपा किस समय से शुरू हो रहा है और इसका मानव जीवन पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

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नौतपा का समय

25 मई को सुबह 03 बजकर 16 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और यहां पर 02 जून तक रहेंगे। इसके बाद सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। नौतपा के शुरू के 9 दिन बहुत ज्‍यादा गर्म रहने वाले हैं। इन नौ दिनों में आसमान से आग बरस सकती है।

क्‍यों कहते हैं नौतपा

हर साल ज्‍येष्‍ठ माह की शुरुआत में नौतपा का आरंभ हो जाता है। इसकी अवधि 15 दिनों की होती है लेकिन इसके शुरू के 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ती है। यही वजह है कि इसे नौतपा कहते हैं क्‍योंकि इसमें नौ दिनों तक धरती सूर्य की गर्मी से तपती है।

वैसे तो यह नक्षत्र 15 दिनों का होता है लेकिन इसमें शुरू के 9 दिन अधिक गर्म होते हैं इसलिए इसे नौतपा नाम दिया गया है।

विज्ञान की दृष्टि से देखें तो सूर्य और पृथ्‍वी के बीच की दूरी मई के आखिरी सप्‍ताह में सबसे कम होती है इसलिए इन दिनों में सूर्य की किरणें पृथ्‍वी पर सीधी पड़ती हैं जिससे गर्मी बढ़ जाती है। यही कारण है कि ज्‍येष्‍ठ माह के ये दिन बहुत गर्म रहते हैं।

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नौतपा में क्‍या करना चाहिए

स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज़ से नौतपा का समय बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। इस समय प्रकृति के कुछ तत्‍वों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

यदि आप इस समय सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के कुछ उपाय करते हैं, तो आपको उनकी कृपा प्राप्‍त हो सकती है और आपके आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही आपको सफलता और प्रतिष्‍ठा प्राप्‍त होती है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि नौतपा में किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए।

  • नौतपा में सूर्य देव की उपासना करने का बहुत महत्‍व है। सुबह जल्‍दी उठकर आप स्‍नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करें। यदि संभव हो तो आप आदित्‍य हृदय स्‍तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। इससे आप और आपका परिवार स्‍वस्‍थ रहेंगे।
  • सूर्य की पूजा करने से आपकी खुशियों और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी और आपका आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ जाएगा।
  • नौतपा में छाछ, पानी, दही, नारियल पानी और बेल का जूस पीना चाहिए। इन चीज़ों का दान करने से भी फायदा होता है।

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सभी ग्रह दोष होते हैं दूर

माना जाता है कि नौतपा के दौरान आग लगने की घटनाएं बहुत ज्‍यादा बढ़ जाती हैं लेकिन धरती पर उन विषाणुओं का शमन होने लगता है जो मानव जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार सूर्य देव की उपासना से व्‍यक्‍ति की कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर हो सकते हैं। केवल सूर्य और चंद्रमा में ही पूर्व के जन्‍मों के पापों को नष्‍ट करने की शक्‍ति होती है। नौतपा में सूर्य को अर्घ्‍य देने से आपको सभी पापों से मुक्‍ति मिल सकती है।

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बढ़ जाता है तापमान

नौतपा के दौरान तापमान 44 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से इस समय सूर्य धरती के अधिक नज़दीक आ जाता है जिससे उसकी गर्म और तेज किरणें धरती पर सीधी पड़ने लगती हैं और धरती पर गर्मी बढ़ जाती है।

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सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के उपाय

आप नौतपा के दौरान सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के लिए निम्‍न ज्‍योतिषीय उपाय कर सकते हैं:

  • आप लाल और केसरी रंग के कपड़े ज्‍यादा पहनें।
  • अपने पिता, सरकारी और उच्‍च अधिकारियों का सम्‍मान करें।
  • सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उगते हुए सूरज को देखें। इससे आपके अंदर सकारात्‍मकता का संचार होगा।
  • वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्‍ति पाने का सबसे सरल तरीका है दान करना। इस उपाय से आपको अपने पूर्व के जन्‍म के पापों से भी मुक्‍ति मिल जाती है। वैदिक ज्‍योतिष में बताया गया है कि जो ग्रह आपके लिए शुभ है, उसे और बल प्रदान करना चाहिए और जो ग्रह कमज़ोर है, उसका प्रभाव कम करने के लिए उससे संबंधित दान करना चाहिए।
  • सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के लिए रविवार के दिन और सूर्य के नक्षत्र में सुबह 8 बजे से पहले सूर्य से संबंधित चीज़ों का दान करना चाहिए।
  • सूर्य को मज़बूत करने के लिए गुड़, गेहूं, माणिक्‍य, लाल रंग के पुष्‍प आदि का दान करना चाहिए।
  • रोज़ या हर रविवार को तांबे के लोटे में पानी भरकर उसमें एक चुटकी सिंदूर डालें और इस जल से सूर्य देव को अर्घ्‍य दें।
  • रोज़ सूर्य नमस्‍कार करें और श्‍वेतार्क के पेड़ पर जल अर्पित करें।

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