गंगा सप्तमी 2021: जानें कोरोना महामारी के बीच कैसे करें गंगा स्नान, पूजन व दान

गंगा को पतितपावन कहा जाता है यानी कि सभी पापों को धो कर पवित्र कर देने वाली नदी। महत्व इतना है कि इस नदी को माता का दर्जा प्राप्त है। माँ गंगा भारत और भारतीयों के आस्था का प्रतीक हैं। गंगा का उद्भव ही मनुष्य जाति का उद्धार करने के लिए हुआ था। मान्यता है कि इस नदी में स्नान मात्र से इंसान के सारे पाप मिट जाते हैं। यही वजह है कि गंगा सप्तमी के पर्व का सनातन धर्म में महत्व काफी बढ़ जाता है। मान्यता है कि इसी दिन माँ गंगा धरती पर आई थी।

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गंगा सप्तमी इस साल यानी कि साल 2021 में 18 मई को पड़ रही है। इस विशेष दिन गंगा पूजन, स्नान एवं दान की सदियों पुरानी परंपरा रही है। मान्यता है कि इस दिन गंगा जल का दान करने से स्वर्ण दान और कई यज्ञ-हवनों से मिलने वाले पुण्य फलों जितना ही फल प्राप्त होता है। लेकिन इस पावन पर्व में इस साल एक विघ्न है। महामारी का विघ्न।

पूरे देश में इस वक़्त महामारी का प्रकोप है। जाहीर है कि देश के कई हिस्सों में लगे लॉकडाउन की वजह से इस वर्ष बहुत से जातकों के लिए गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान, पूजन व दान करना संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान, पूजन व दान का घर बैठे कैसे फल मिले, इसकी जानकारी देंगे लेकिन उससे पहले गंगा सप्तमी से जुड़ी खास जानकारी आपको दे देते हैं।

गंगा सप्तमी तिथि, दिन व शुभ मुहूर्त

गंगा सप्तमी तिथि : 18 मई 2021

गंगा सप्तमी दिन : मंगलवार

गंगा सप्तमी तिथि प्रारम्भ : 18 मई 2021 को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से

गंगा सप्तमी तिथि समापन : 19 मई 2021 को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर

आइये अब जानते हैं कि घर पर ही रहकर गंगा स्नान व दान का फल गंगा सप्तमी के दिन कैसे मिल सकता है।

गंगा सप्तमी के दिन करें ये उपाय

प्रत्येक वर्ष गंगा सप्तमी का पर्व वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। चूंकि इस वर्ष महामारी का प्रकोप है ऐसे में आप इस वर्ष घाट पर जाने से बचें। घर पर ही रहकर आप नहाने के पानी में गंगा जल मिला लें और फिर स्नान कर लें। यह विधि गंगा स्नान के समान ही फल देती है। इसके अलावा आप घर पर मौजूद गंगा जल का पूजन कर गंगा पूजन के समान फल पा सकते हैं। वहीं इस दिन पूजन के दौरान आप दान करने वाली चीजों का संकल्प ले लें और इन चीजों को कहीं साफ-सुथरी जगह पर रख दें। जब यह महामारी के दिन लद जाएंगे और आप अपने घर से दोबारा बाहर निकलने में सक्षम हो सकेंगे तब इन चीजों का जरूरतमंदों के बीच दान कर दें।

इन उपायों से आप घर बैठे-बैठे महामारी के प्रभाव के बीच गंगा सप्तमी के सभी पुण्य फलों के भागीदार बन सकेंगे। आइये अब हम आपको गंगा सप्तमी के दिन घर पर गंगा पूजन की विधि भी बतला देते हैं।

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गंगा सप्तमी पूजन विधि

  • इस दिन सुबह स्नान कर के साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद शुभ मुहूर्त में अपने घर के उत्तर दिशा में एक लाल रंग के कपड़े को बिछा दें। फिर इस पर एक कलश स्थापित करें। कलश में गंगाजल भर लें।
  • इसके बाद माँ गंगा का ध्यान करते हुए “ॐ गंगाय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • मंत्र का जाप करते हुए कलश में मौजूद गंगाजल में गाय का दूध, चावल, रोली, शक्कर, इत्र और शहद मिलाएं।
  • कलश में आम या अशोक के पांच या सात पत्ते डालें। इसके बाद कलश के ऊपर पानी से भरा नारियल रख दें।
  • तत्पश्चात पंचोपचार विधि से कलश का पूजन करें। 
  • शुद्ध घी का दीपक जलाएं। पवित्र कलश को धूप-दीप दिखाएं। पुष्पादि चढ़ाने के साथ-साथ भोग भी लगाएं। 

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