फेंगशुई: ज्योतिषीय महत्व एवं स्थापना विधि

Feng Shui Money Frog – तीन टांगों वाला मेंढक

तीन टांगों वाले मेंढक का फेंगशुई की दुनिया में विशेष महत्व है। इसे घर में रखने से पारिवारिक सुख समृद्धि और धन में बढ़ोत्तरी होती है। आम भाषा में इसे भाग्यशाली मेंढक भी कहा जाता है। अब सवाल ये उठता है की क्या वाकई में तीन टांगों वाले मेंढक होते हैं! जी हाँ, तीन टांगों वाले मेंढक की प्रजाति वास्तव में होती है लेकिन ये कम पायी जाती है। तीन टांगों वाले मेंढक मुख्य रूप से मादा होती है। फेंगशुई में तीन टांगो वाले मेंढक के मुँह में एक या उससे ज्यादा सिक्के होते हैं, जिसे भाग्य और धन का पर्याय माना जाता है। तीन टांग वाले मेंढक को लोग ‘मनी फ्रॉग’ के नाम से भी जानते हैं जिसके पैरों के नीचे सिक्कों का बिस्तर सा बिछा होता है। इसे परिवार में धन के साथ-साथ सुख लाने का भी कारक माना जाता है। ऑफिस में इसे अपनी टेबल पर रखने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहती है।

तीन टांगों वाले मेंढक को घर में स्थापित करने की विधि:

  • इसे घर में स्थापित करने से पूर्व उस जगह की भली भांति सफाई कर लें।
  • इसे घर के मुख्य द्वार के पास कहीं भी रखा जा सकता है।
  • ध्यान रहे, इसका मुख घर के बाहर की तरफ नहीं होना चाहिए।
  • इसे इस प्रकार से रखें, जैसे मानों यह धन लेकर घर के अंदर प्रवेश कर रहा हो।
  • तीन टांगों वाले मेंढक को कभी भी रसोईघर, शौचालय और बैडरूम में नहीं रखें।
  • इसे ऑफिस में अपनी टेबल पर भी रख सकते हैं।

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Feng Shui Pagoda Education Tower – एजुकेशन टॉवर या पगोड़ा

इसका प्रयोग मुख्य रूप से शिक्षा में आ रही बाधाओं और एकाग्रता बनाए रखने के लिए किया जाता है। जिन बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लगता या जिन्हें पढ़ी हुई चीजें याद नहीं रहती उनके लिए इस एजुकेशन टावर या पगोड़े की ख़ास अहमियत है। इसके अविश्वसनीय प्रभाव से बच्चों का ध्यान पढ़ने में तो लगता ही है, साथ ही उनमें एकाग्रता भी आती है और उनकी स्मरण शक्ति मजबूत होती है। इससे एक विशेष प्रकार की मेडिटेशन की ऊर्जा का संचार होता है जो बच्चों के मन को शांत कर उन्हें अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसित करती है। यह एजुकेशन टावर या पगोड़ा सामान्यतः बारह मंजिले का होता है। यह फेंगशुई उत्पाद काँच, रेजिन या मेटल का बना होता है। जो एकाग्रता और शिक्षा का प्रतीक होता है।

एजुकेशन टॉवर या पगोड़ा को स्थापित करने की विधि:

  • पगोड़े को स्थापित करने से पूर्व उस स्थान की साफ़ सफाई करें।
  • इसे लाल रंग के साफ़ कपड़े या पेपर के ऊपर ही रखें।
  • बच्चों के बेड रूम या स्टडी रूम में इसे उत्तर पूर्व की दिशा में स्थापित करें।

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Feng Shui Crystal Ball – क्रिस्टल बॉल

इसका उपयोग घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने और दीर्घकालिक रोगों से मुक्ति दिलाने में किया जाता है।  इसे आप घर के साथ-साथ ऑफिस में भी रख सकते हैं। इसका प्रयोग घर और ऑफिस में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है। वैवाहिक जीवन में आने वाले मतभेदों को दूर करने में भी क्रिस्टल बॉल काफी सहायक होती है। लंबी बीमारी से जूझ रहे लोगों के कमरों में इसे लगाने से उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलता है। फेंगशुई में क्रिस्टल बॉल को मन की मुरादों को पूरा करने वाला उत्पाद भी कहा गया है। इसका इस्तेमाल आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने में भी कर सकते हैं। घर परिवार में सुख शांति, बेटी की शादी, स्वास्थ्य लाभ और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इसका प्रयोग उत्तम फलदायी है।

क्रिस्टल बॉल को रखने की विधि:

  • स्वास्थ्य लाभ के लिए इसे बीमार व्यक्ति के कमरे में मुख्य दरवाज़े पर विंड चाइम के साथ लगाएं।
  • घर परिवार में सुख समृद्धि बनाएं रखने के लिए इसे लिविंग रूम के दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ लटकाएँ।
  • वैवाहिक जीवन की सुख शांति के लिए इसे बेड रूम के दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर टांगें।
  • हमेशा डायमंड कट वाले क्रिस्टल बॉल का ही इस्तेमाल करें।

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Feng Shui Bagua Mirror – बगुआ आईना

फेंगशुई बगुआ आईना एक अष्टकोण आकार का शीशा होता है। इसके सभी आठ किनारों पर तीन फेंगशुई की लकीरें बानी होती हैं। शीशे पर बनीं ये लकीरें विशेष रूप से आपके घर परिवार को नाकारात्मक शक्तियों से बचाने का काम करती हैं। इस अष्टकोण आकार वाले मिरर के बीचों-बीच लगे शीशे, घर में आने वाली हर प्रकार की नाकारत्मक शक्तियों को अवशोषित कर उसे वापिस घर के बाहर भेज देती हैं। अगर घर में प्रवेश से पहले ही शौचालय बना हो तो इस मिरर को वहां लगाकर घर में प्रवेश करने वाली नाकारत्मक शक्तियों से निजात पाया जा सकता है।

बगुआ आईना को लगाने की विधि:

  • इस आईने को कभी भी घर के बेड रूम, शौचालय या ऑफिस के कमरों में अंदर की तरफ ना लगाएँ।
  • बगुवा मिरर को शौचालय या बेडरूम के बाहर की तरफ मुख वाली दीवारों पर लगाएँ।
  • ध्यान रखें यह आईना बाहर के किसी शख्स को दिखाई ना दें।
  • इसे घर में बनी बालकनी में बाहर की तरफ मुख करके भी लगाया जा सकता है।

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Feng Shui Crystal Tortoise – क्रिस्टल कछुआ

सनातन हिन्दू धर्म में कछुए को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। भगवान विष्णु के दस अवतारों में से कछुआ उनका दूसरा अवतार था। इसी लिए कछुआ को बेहद शुभ माना जाता है। क्रिस्टल कछुए को फेंगशुई में धनलाभ, स्वास्थ्य लाभ, परिवार में सुख-समृद्धि और दीर्घायु का प्रतीक माना गया है। इसे घर में रखने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा आती है और शारीरिक रोगों एवं विकारों से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों को जी तोड़ मेहनत करने के बावजूद भी सफलता नहीं मिल पाती, उनके लिए भी क्रिस्टल कछुआ ख़ासा लाभदायक है।

क्रिस्टल कछुआ को स्थापित करने की विधि:

  • घर में क्रिस्टल कछुए की स्थापना के लिए सबसे सही जगह लिविंग रूम या ड्राइंग रूम है।
  • इसे घर या ऑफिस की उतर पूर्व दिशा में स्थापित करें।
  • क्रिस्टल कछुए को घर में इस तरह से स्थापित करें कि इसका मुख अंदर की तरफ हो।
  • धन लाभ हेतु इसे दुकान या तिजोरी में उत्तर दिशा की तरफ रखें।
  • इसे किसी बर्तन में पानी भरकर उसमें रखना चाहिए।

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Feng Shui Crystal Pyramid – क्रिस्टल पिरामिड

विश्व प्रख्यात मिश्र के पिरामिड के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। दुनिया भर में पिरामिड का इतिहास यहीं से शुरू हुआ था। मिश्र में पिरामिड का निर्माण विशेष तौर पर वहां के राजा महाराजाओं की शवों को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता था। फेंगुशई में क्रिस्टल पिरामिड को सकारात्मक ऊर्जा, सुख शांति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। यह वास्तु दोष दूर करने, अच्छी सेहत और मानसिक शांति के लिए बेहद लाभकारी है। स्वास्थ्य लाभ और घर के शुद्धिकरण के लिए भी यह कारगर है। क्रिस्टल पिरामिड में एक के नीचे नौ पिरामिड रखें जाते हैं। नौ अंक स्वयं में पूर्णतः और शक्ति का प्रतीक होते हैं, जिसका स्वामी मंगल ग्रह है। यही कारण है कि हमारे यहाँ सभी मंदिर और गिरिजाघर अमूमन पिरमिड आकार के ही होते हैं।

क्रिस्टल पिरामिड को स्थापित करने की विधि:

  • इसे रखने से पहले उपयुक्त जगह की साफ़ सफाई कर लें।
  • इसे उस कक्ष में रखना चाहिए जो दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ हो।
  • कमरों के चारों कोनों पर क्रिस्टल पिरामिड को स्थापित करें।
  • लाभ प्राप्ति के लिए इसे ऑफिस में भी रख सकते हैं।

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Feng Shui Laughing Buddha – फेंगशुई लाफिंग बुद्धा

जिस प्रकार से हिन्दू धर्म में कुबेर देव को धन संपत्ति और सुख का प्रतीक माना जाता है, ठीक उसी प्रकार से फेंगशुई में लाफिंग बुद्धा को घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि लाने का प्रतीक माना गया है। घर का पूर्वी हिस्सा सदैव धनलाभ और सुख समृद्धि का कारक माना जाता है और इसी हिस्से को शुद्ध रखने और परिवार के सदस्यों में प्रेम और तालमेल बनाए रखने के लिए लाफिंग बुद्धा को स्थापित किया जाता है। धन लाभ और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्ति के लिए इसे ऑफिस में भी रखना लाभकारी होता है। इसे सही दिशा और स्थान पर रखना काफी मायने रखता है।

फेंगशुई लाफिंग बुद्धा को स्थापित करने की विधि:

  • इसे रखने से पूर्व उस जगह की साफ़ सफाई अनिवार्य है।
  • लाफिंग बुद्धा को घर के लिविंग रूम में दक्षिण पूर्व की दिशा में स्थापित करें।
  • इसे ऑफिस या घर में कहीं भी स्थापित करते वक़्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह इतनी ऊंचाई पर रखा हो जहाँ से आप प्रत्यक्ष रूप से इसे देख पाएं।
  • लाफिंग बुद्धा का मुख हमेशा दरवाजे के बाहर होना चाहिए।

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Feng Shui Tortoise – फेंगशुई कछुआ

फेंगशुई कछुआ घर में रखने से यह आपको दीर्घायु बनाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह आपके आसपास नकारात्मक शक्ति को नष्ट करता है और जीवन में सुख समृद्धि के साथ ही अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त कराता है। जीवन में आने वाली विभिन्न समस्याओं के लिए अलग-अलग कछुओं को घर के विभिन्न दिशा में रखना शुभ माना जाता है। बिजनेस में हानि होनें पर अपनी तिजोरी में धातु से बना कछुआ रखें। यह बिजनेस में तरक्की दिलाता है। मूलतः कछुए को घर या ऑफिस में भाग्योदय के लिए रखा जाता है। हिन्दू धर्म में कछुए को भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है और इसी लिए इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।

फेंगशुई कछुए को घर में स्थापित करने की विधि:

  • परिवार की बुरी शक्तियों से बचाव के लिए घर के मुख्य द्वार पर पश्चिम दिशा की ओर फेंगशुई कछुए को रखें।
  • करियर में तरक्की पाने के लिए इसे ऑफिस में उत्तर दिशा की तरफ रखें।
  • इसे हमेशा सही दिशा में ही रखना चाहिए।
  • इसे घर के विभिन्न कमरों और बालकनी में भी रखा जा सकता है।

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Feng Shui Three Tortoise – कछुए पर कछुआ

फेंगशुई एवं वास्तु शास्त्र में कछुए की प्रतिमा का बड़ा महत्व है। इसे दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। घर में कछुए की उपस्थिति परिवार के सदस्यों को दीर्घायु प्रदान करती है। इसके प्रभाव से घर में नकारात्मक शक्तियाँ प्रवेश नहीं कर पाती हैं। साथ ही यह परिजनों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में भी कारगर है। इससे निकलने वाली दैवीय ऊर्जा से परिजनों की निरोगी काया रहती है। फेंगशुई के अनुसार कछुए के ऊपर बैठा कछुए का बच्चा वंश वृद्धि का कारक होता है। इसके आशीर्वाद से वंश वृद्धि होती है। इसलिए नि:संतान दंपत्तियों को अपने शयन कक्ष में उत्तर दिशा में कछुए पर कछुआ की मूर्ति रख अपने पितृों यानि बड़े बुज़ुर्गों की पूजा ज़रुर करनी चाहिए। चूकि कछुए की प्रतिमा को समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए इसे घर में स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन निर्बाध रूप से होता है।

फेंगशुई कछुए पर कछुआ की स्थापना विधि:

  • शयन अथवा बैठक कक्ष में इसे उत्तर दिशा की ओर रखें।
  • रखने से पूर्व उस स्थान की साफ़-सफाई अवश्य कर लें।
  • इसे घर के मुख्य द्वार पर रखने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती।
  • इसे हमेशा सही दिशा में ही रखें।
  • करियर या व्यापार में तरक्की पाने के लिए इसे कार्यस्थल पर उत्तर दिशा में रखें।

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