Diwali 2021: बन रहे हैं ग्रहों के दुर्लभ शुभ संयोग, इन राशियों पर बरसेगी माँ की विशेष कृपा

रोशनी से जगमगाता दिवाली का यह त्यौहार प्रभु श्री राम की 14 वर्षों बाद अयोध्या वापसी के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस वर्ष की बात करें तो दिवाली (Diwali 2021) का त्यौहार वर्ष 2021 में 4 नवंबर गुरुवार के दिन मनाया जायेगा। हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार होने के साथ-साथ दिवाली का यह त्योहार असत्य पर सत्य, अंधकार पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार के कई महत्व भी बताये गए हैं।

अपने इस विशेष आर्टिकल में आज हम जानेंगे दिवाली के त्योहार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी और महत्वपूर्ण जानने वाली बातें। सबसे पहले जान लेते हैं इस वर्ष दीवाली पूजा (Diwali Puja 2021) का शुभ मुहूर्त क्या बन रहा है। इसके अलावा आप इस दिवाली विधिवत ढंग से एस्ट्रोसेज के पुरोहितों की सहायता से महालक्ष्मी पूजा और शुभ लाभ पूजा करके माँ लक्ष्मी और भगवाण गणेश जी का आशीर्वाद कैसे प्राप्त कर सकते हैं, यह जानने के लिए यह आर्टिकल अंत तक पढ़ें।

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(Diwali 2021 Shubh Muhurat) दिवाली 2021 शुभ मुहूर्त

4 नवंबर, 2021 (गुरुवार)

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त :18:10:29 से 20:06:20 तक

अवधि :1 घंटे 55 मिनट

प्रदोष काल :17:34:09 से 20:10:27 तक

वृषभ काल :18:10:29 से 20:06:20 तक

दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त :23:38:51 से 24:30:56 तक

अवधि :0 घंटे 52 मिनट

महानिशीथ काल :23:38:51 से 24:30:56 तक

सिंह काल :24:42:02 से 26:59:42 तक

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त

प्रातःकाल मुहूर्त्त (शुभ):06:34:53 से 07:57:17 तक

प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत):10:42:06 से 14:49:20 तक

सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल):16:11:45 से 20:49:31 तक

रात्रि मुहूर्त्त (लाभ):24:04:53 से 25:42:34 तक

अधिक जानकारी: प्रदोष काल मुहूर्त स्थिर लग्न होने की वजह से पूजा का सबसे विशेष समय माना गया है वहीं, महानिशीथ काल तांत्रिक पूजा के लिए शुभ समय माना जाता है। साथ ही हम बता दें कि ऊपर दिया गया मुहूर्त दिल्ली के लिए मान्य है। यदि आप अपने शहर के अनुसार शुभ मुहूर्त जाना चाहते हैं तो यहां क्लिक कर सकते हैं।

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दिवाली त्योहार का महत्व

हिंदू धर्म में जितने भी त्यौहार और व्रत किए जाते हैं उनके पीछे कोई उद्देश, कोई महत्व अवश्य जुड़ा होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि, आखिर दिवाली के त्यौहार का महत्व क्या होता है या फिर हम दिवाली का यह त्यौहार क्यों मनाते हैं? हिंदू धर्म के अनेकों त्योहारों में से दिवाली का त्यौहार यकीनन सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है। यह रौशनी का उत्सव कई जगहों पर 5 दिनों तक चलता है। ऐसे में स्वाभाविक है इस त्यौहार को मनाने की वजह भी अवश्य होगी।

दिवाली के त्योहार से जुड़ी प्रभु श्री राम की कहानी: दिवाली की सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक है प्रभु श्री राम की अयोध्या वापस लौटने की कहानी। कहते हैं इसी दिन 14 वर्षों का वनवास काटकर प्रभु श्री राम अपनी पत्नी सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ वापस अपने राज्य लौटे थे। बताया जाता है त्रेता युग में प्रभु श्रीराम ने अश्विन माह की दशमी तिथि को शुक्ल पक्ष के दिन अहंकारी रावण का वध किया था और इस दिन को दशहरा या विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। अहंकारी रावण का वध करने के बाद प्रभु श्री राम अपनी पत्नी और अपने भाई के साथ अपने जन्म स्थान अयोध्या लौटे थे। यहां वापस आने में उन्हें तकरीबन 20 दिनों का समय लगा था। 

प्रभु श्रीराम के अयोध्या वापसी पर अयोध्या वासियों ने प्रभु श्री राम और उनके भाई और उनकी पत्नी के स्वागत में पूरे राज्य को दीयों से सजाया था। कहा जाता है तभी से प्रत्येक वर्ष दिवाली के त्योहार की परंपरा की शुरुआत हुई। इस वर्ष दशहरा 15 अक्टूबर को मनाया गया था और अब 4 नवंबर को दिवाली मनाई जा रही है।

इस दिवाली बन रहा है शुभ योग

इस वर्ष दिवाली पर दुर्लभ संयोग भी बन रहा है क्योंकि इस साल दिवाली पर सूर्य ग्रह, मंगल ग्रह, बुध ग्रह, और चंद्रमा ग्रह एक ही राशि में स्थित होने वाले हैं। तुला राशि में इन चारों ग्रहों का एक साथ स्थित होना व्यक्ति के जीवन में शुभ परिणाम लेकर आने की वजह बन सकता है। 

ग्रहों के दुर्लभ संयोग से व्यक्ति को मिल सकते हैं ये लाभ:

  • इससे व्यक्ति को धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • साथ ही व्यक्ति को अपनी नौकरी और व्यापार में तरक्की के योग भी प्रबल होने लगते हैं।

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दिवाली पर लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन विधि

हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि दिवाली की रात स्वयं भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आते हैं। ऐसे में लोग इस दिन विधिपूर्वक संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त देखकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं जिससे प्रसन्न होने पर देवी देवता व्यक्ति के जीवन में अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं। हालांकि कई बार या किन्ही कारण वश कुछ लोग सही तरीके से लक्ष्मी पूजा और गणेश पूजन नहीं कर पाते हैं। आपकी इसी दुविधा का हल एस्ट्रोसेज लक्ष्मी पूजा और शुभ लाभ पूजा के रूप में लेकर आया है। जिसके साथ आप घर बैठे विद्वान पुजारियों से लक्ष्मी पूजा और गणेश पूजा सही विधि के साथ करवा कर उसका पूर्ण लाभ उठा सकते हैं।

बहुत सी जगहों पर दिवाली के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का भी विधान होता है। मां लक्ष्मी को साफ सफाई बेहद ही प्रिय होती है और यही वजह है कि दिवाली से पहले घरों की साफ सफाई की जाती है ताकि, दीवाली की रात्रि मां लक्ष्मी हमारे घर आए और हमारे घर में हमेशा रहें।

बहुत से लोग इस दिन पुरानी गणेश और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा को बहते पानी में प्रवाहित कर देते हैं और पूजा वाली जगह पर नई प्रतिमा रख लेते हैं। हालांकि यदि आप चाहें तो पुरानी तस्वीर/मूर्ति को किसी पेड़ के नीचे भी रख सकते हैं।

  • दिवाली के दिन की पूजा से पहले घर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। वातावरण की शुद्धता के लिए पूजा से पहले पूरे घर में और विशेष तौर पर पूजा वाली जगह पर गंगाजल अवश्य छिडकें। इसके बाद रंगोली बनाएं।
  • पूजा प्रारंभ करें। इसके लिए सबसे पहले एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो रख दें। चौकी के पास एक कलश रख दें। इस कलश में जल भर लें।
  • मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष दीप जलाएं। 
  • इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन की पूजा में विशेष तौर पर जल, मौली, चावल, फल, गुड, हल्दी, अबीर, अवश्य देवी देवताओं को अर्पित करें। 
  • मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही मां सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु, और कुबेर देवता की भी पूजा करें। अपने पूरे परिवार के साथ इस पूजा में शामिल हों।
  • पूजा के बाद घर की तिजोरी और व्यापारिक उपकरणों, किताब, बहीखाता की पूजा अवश्य करें। 
  • दिवाली पूजा के बाद अपनी श्रद्धा अनुसार और अपनी यथाशक्ति अनुसार जरूरतमंद लोगों के बीच खाने की चीज़ें, कपड़े, और अन्य जरूरी सामान दान करें।

माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कैसे की जाएगी इस बारे में आप एकदम निश्चिंत रहें क्योंकि एस्ट्रोसेज की यह अनोखी पहल करेगी आपकी दुविधा दूर। ऐसे में यदि आप भी घर बैठे विद्वान पंडितों से लक्ष्मी पूजा और गणेश पूजा करना चाहते हैं तो अभी ऑनलाइन लक्ष्मी पूजा और शुभ लाभ पूजा के लिए यहां क्लिक करें।

दिवाली पूजा में अवश्य शामिल करें ये मंत्र 

“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥”

ॐ गं गणपतये नमः॥”

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दिवाली पूजा में अवश्य शामिल करें ये 6 चीजें 

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन की पूजा में यदि व्यक्ति इन 5 चीजों को शामिल कर ले तो इससे आपके जीवन पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद सदैव के लिए बना रहता है और साथ ही धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। क्या है वह पांच चीजें आइए जान लेते हैं: 

  1. शंख: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में शंख अवश्य शामिल करनी चाहिए। कहते हैं पूजा में शंख शामिल करने से जीवन से दुख और दरिद्रता दूर होती है। 
  2. गोमती चक्र: महालक्ष्मी पूजन में गोमती चक्र शामिल करने के बाद इसे तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से बरकत होती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। 
  3. जल सिंघाड़ा: महालक्ष्मी की पूजा में जल सिंघाड़ा का फल अवश्य शामिल करें। कहा जाता है यह मां लक्ष्मी के सबसे पसंदीदा फलों में एक होता है। ऐसे में इस फल से प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी व्यक्ति के जीवन से सभी संकट दूर करती हैं और व्यक्ति को खुशहाल जीवन का वरदान प्रदान करती हैं। 
  4. कमल के फूल: मां लक्ष्मी को कमल का फूल बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे में दिवाली पूजन में कमल का फूल शामिल करने से व्यक्ति के जीवन में धन वृद्धि होती है और आजीवन मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
  5. समुद्र का जल: दिवाली की पूजा में यदि आप समुद्र का जल शामिल कर लें तो इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। कहा जाता है देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति स्वयं समुद्र से ही हुई थी। इसी वजह के चलते समुद्र को देवी लक्ष्मी का पिता माना गया है। ऐसे में यदि आपको कहीं से समुद्र का जल मिल जाए तो पूजा में इसे अवश्य शामिल करें और पूजा के बाद पूरे घर में इसे अवश्य छिड़क दें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। 
  6. मोती: महालक्ष्मी की पूजा में यदि मोती शामिल किया जाए और इसे अगले दिन धारण किया जाए तो इससे व्यक्ति को फायदा मिलता है। साथ ही व्यक्ति के आर्थिक पक्ष में वृद्धि देखने को मिलती है।

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इन राशियों के लिए ख़ास होगी यह दिवाली 

दिवाली का यह त्यौहार विशेष रूप से इन राशियों के लिए शुभ और उत्तम रहने वाला है।

वृषभ राशि, कर्क राशि, तुला राशि, धनु राशि के लिए शुभ रहने वाला है। इन चार राशियों पर माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा रहने वाली है।

इस दिवाली अपनी राशिनुसार दान करें ये चीज़ें: घर में आएगी सुख-समृद्धि  

आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं इस दिवाली को और भी ज्यादा हैप्पी दिवाली बनाने के लिए आप अपनी राशि के अनुसार किन चीज़ों का दान कर सकते हैं। 

मेष राशि- गायों को गेंहू और गुड़ खिलाएं।

वृषभ राशि- अपनी माँ को कोई गहना उपहार में दें। 

मिथुन राशि- बंदरों को केले खिलाएं। 

कर्क राशि- चांदी का एक टुकड़ा खरीद लें और इसे हमेशा अपने पर्स/वॉलेट में रखें। 

सिंह राशि- अपने माथे पर कुमकुम का तिलक लगायें। 

कन्या राशि- एक छोटा लाल कपड़े का पीस किसी मंदिर में दान करें। 

तुला राशि- सफ़ेद चन्दन का तिलक अपने माथे पर लगायें। 

वृश्चिक राशि- किसी मंदिर में लाल दाल का दान करें।

धनु राशि- पीले कपड़े पहनें या एक छोटा पीला कपड़ा हमेशा अपनी पॉकेट में रखें।

मकर राशि- ऑफिस में अपने सहकर्मियों और दोस्तों के बीच सफ़ेद मिठाईयां वितरित करें। 

कुंभ राशि- अपने पिता को कोई उपहार दें। 

मीन राशि- काली मंदिर में नारियल का दान करें।

दिवाली पर दिख जायें इनमें से एक भी चीज़ तो बदल सकता है भाग्य!

पुरानी मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि, यदि दिवाली की रात किसी को उल्लू, छिपकली, छछूंदर आदि दिख जाये तो व्यक्ति का सोया भाग्य जाग जाता है और ऐसे व्यक्ति के जीवन पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रही है।

दिवाली के दिन क्या न करें?

तामसिक भोजन न करें। झूठ न बोलें। जुआ न खेलें। किसी से उधार न ही लें और न दें। गन्दगी में न रहें। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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