वास्तु दोष को एक बेहद ही मुश्किल और बड़ा दोष माना गया है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में वास्तु दोष का साया पड़ जाता है तो उन्हें तमाम तरह की तकलीफ, कष्ट, परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बेहद आवश्यक हो जाता है कि आप जल्द से जल्द इन दोषों से मुक्ति पाने और इसके निवारण के लिए उपयुक्त उपाय करें।
कई बार सही ज्ञान ना होने की वजह से हम अपने घर और जीवन में वास्तु दोष को निमंत्रण दे बैठते हैं। ऐसे में यहाँ यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि वास्तु दोष निवारण के उपाय किए जाएं और उन से जल्द से जल्द मुक्ति पाई जाए। आज अपने इस वास्तु विशेष आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे जिनसे घर में मौजूद वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है और जीवन की परेशानियां भी दूर की जा सकती है।
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दिशा के अनुसार इन मंत्रों का करें जप
- उत्तर दिशा के लिए मंत्र: अगर आपके घर के उत्तर दिशा में वास्तु दोष मौजूद हैं तो यह तमाम तरह की परेशानियों की वजह बन सकता है क्योंकि उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की दशा मानी जाती है। ऐसे में यदि इस दिशा में दोष मौजूद होता है तो व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा को वास्तु दोष से मुक्त करने के लिए ॐ कुबेराय नमः मंत्र का जाप करें।
- उत्तर पश्चिम दिशा के लिए मंत्र: अगर आपके घर के उत्तर पश्चिम दिशा में वास्तु दोष है तो इस घर में रहने वाले लोगों को सर्दी, जुखाम और छाती से संबंधित रोग से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में इस दिशा के वास्तु दोष को दूर करने के लिए ॐ वायवै नमः मंत्र का जाप करें।
- दक्षिण दिशा के लिए मंत्र: दक्षिण दिशा को देवता यमराज की दिशा मानी गई है। ऐसे में यदि इस दिशा में वास्तु दोष है तो इस दिशा में कभी भी भोजन ना करें, और ना ही यहां डाइनिंग टेबल रखें। दक्षिण दिशा में किचन भी नहीं बनवाना चाहिए।
- दक्षिण पूर्व दिशा के लिए मंत्र: यदि आपके घर के दक्षिणी पूर्वी हिस्से में वास्तु दोष है तो इसके लिए ॐ अं अग्नेय नम: मंत्र का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें और कोशिश करें कि इस दिशा में पानी की टंकी, नल और शौचालय ना हो।
- पूर्व दिशा के लिए मंत्र: पूर्व दिशा को देवता इंद्र की दशा मानी गई है। ऐसे में इस दिशा में यदि वास्तु दोष है तो उसे दूर करने के लिए ॐ इन्द्राय नमः मंत्र का जप करें। यदि घर किस दिशा में वास्तु दोष होता है तो घर में सुख समृद्धि और ऐश्वर्य में कमी होने लगती है।
- उत्तर दिशा के लिए मंत्र: यह दिशा भगवान शिव से संबंधित मानी गई है। ऐसे में यदि इस दिशा में वास्तु दोष होता है तो व्यक्ति को संतान और परिवार से संबंधित परेशानियाँ उठानी पड़ सकते हैं। ऐसे में इस दिशा का वास्तु दोष दूर करने के लिए प्रतिदिन 108 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
- पश्चिम दिशा के लिए मंत्र: पश्चिम दिशा को देवता वरुण से संबंधित माना गया। ऐसे में यदि इस दिशा में वास्तु दोष हो तो इसके लिए ॐ अपां पतये वरुणाय नमः मंत्र का जप करना विशेष फलदाई रहता है।
- दक्षिण पश्चिम दिशा के लिए मंत्र: नैऋत्य दिशा के देवता नैऋत से संबंधित मानी गयी है। भगवान नैऋत के मंत्र ॐ नैऋताय नमः के जाप से इस दिशा का वास्तु दोष कम किया जा सकता है।
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