मंगल के गोचर से बनेगा दरिद्र योग; मिथुन सहित इन 4 राशि वालों को जुलाई तक रहना होगा सतर्क!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह समय-समय पर गोचर करते हैं और कई शुभ-अशुभ योग का निर्माण करते हैं। जिसका असर पृथ्वी और मानव जीवन पर सीधे तौर पर पड़ता है। इसी क्रम में मंगल 10 मई 2023 की दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर अपनी नीच राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं और इस गोचर के दौरान दरिद्र योग का निर्माण होगा। यह एक अशुभ योग माना जा रहा है। यह योग असफलता, कमजोर भाग्य और आर्थिक असफलता का कारण बनता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में दरिद्र योग बन जाए तो व्यक्ति को कई सारी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार ऐसे लोगों के बने बनाए काम बिगड़ भी जाते हैं। मंगल के गोचर से बनने वाले दरिद्र योग चार राशियों के लिए जुलाई माह तक परेशानी खड़ी कर सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं दरिद्र योग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां। साथ ही, जानेंगे इसका अशुभ प्रभाव किन राशियों पर पड़ने जा रहा है और इससे बचने के उपाय।

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क्या है दरिद्र योग?

दरिद्र योग के नाम से ही साफ है कि इस योग के बनने से जातक आर्थिक संकट से जूझने लगता है। दरिद्र योग को वैदिक ज्योतिष में एक अशुभ योग माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में दरिद्र योग बन जाए तो जीवन भर उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यदि किसी जातक का जन्म इस योग में होता है तो वह हमेशा से ही अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता पाने के लिए संघर्ष करता रहता है और न ही शांतिपूर्ण जीवन जीने में सक्षम होता है। भले ही जातक अच्छा कमाता हो लेकिन धन की बचत करने में असफल होता है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि इस योग से व्यक्ति को कंगाल की कगार पर ही खड़ा होना पड़े। यह केवल इशारा करता है कि व्यक्ति को धन कमाने में अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है।

कैसे बनता है दरिद्र योग?

दरिद्र योग का निर्माण तब होता है जब दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी अपनी नीच राशि में या छठे, आठवें और बारहवें भाव में स्थित हो। दूसरा भाव धन, संपत्ति और आय का भाव है और वहीं ग्यारहवां भाव समृद्धि, पैतृक संपत्ति, लाभ, आय, दोस्त, बड़े भाई या बहन और इच्छाओं की पूर्ति को दर्शाता है। वहीं ज्योतिष में छठे, आठवें या बारहवें भाव को त्रिक भाव कहते हैं। इन भावों में ग्रहों की मौजूदगी कमज़ोर मानी जाती है। ऐसे में जब दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी इन भावों में या अपनी नीच राशि में विराजमान होते हैं तो ये जातकों को आर्थिक जीवन में कई समस्याएं दे सकते हैं और जातक को पैसे कमाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है।

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दरिद्र योग के नकारात्मक प्रभाव

यह योग इंसान की बदहाली का कारण बनता है और व्यक्ति भयंकर आर्थिक तंगी के चपेट में आ जाता है। इस योग के कुंडली में बनते ही व्यक्ति पाई-पाई के लिए मोहताज हो जाता है और धन संचय करने के लिए संघर्ष करता है। साथ ही, इस योग के कारण मान-सम्मान में भी कमी आने लगती है और कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

  • इस योग के परिणामस्वरूप जातक को व्यापार में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है और जीवन भर आर्थिक संकट से जूझना पड़ सकता है।
  • इसके अलावा जातक पैसों से जुड़े किसी तरह के कानूनी विवाद में भी पड़ सकता है।
  • पैसों को लेकर आप धोखाधड़ी के शिकार भी हो सकते हैं। आपका कोई कीमती सामान चोरी या गुम हो सकता है। 
  • इसके अलावा कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं आपको या परिवार के किसी अन्य सदस्य को परेशान कर सकती है। ऐसे में आप अस्पतालों और मेडिकल बिलों के भुगतान में अपनी सेविंग खर्च कर सकते हैं।
  • यदि दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी दरिद्र योग बना रहे हो तो ऐसे जातकों की आर्थिक स्थिति कमजोर रहती है।

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दरिद्र योग से इन 4 राशियों को रहना होगा सावधान!

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। ग्यारहवें भाव के स्वामी दूसरे भाव में नीच के होने जा रहे हैं और यह सभी महत्वपूर्ण भावों को प्रभावित करेंगे। ऐसे में दरिद्र योग से सबसे ज्यादा मिथुन राशि के जातकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस दौरान आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और बचत कर पाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। आशंका है कि आपका पैसा या बिजनेस में कोई बड़ी डील किसी कारणवश अटक जाए। इस अवधि में आपके पैसों का लेन-देन अधिक हो सकता है और आप अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धो सकते हैं। हो सकता है कि पैतृक संपत्ति से जुड़ा कोई मुकदमा आपके पक्ष में न हो। इसके अलावा दोस्तों, बड़े भाई-बहनों से आपका विवाद हो सकता है जिससे आपके संबंध खराब हो सकते हैं और मन की शांति भंग हो सकती है।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे भाव और सातवें भाव के स्वामी हैं और दसवें भाव में यह नीच के होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपके बॉस या अन्य लोगों के साथ आपके संबंध बिगड़ सकते हैं। इस दौरान वेतन वृद्धि में और देरी होने की आशंका है या हो सकता है कि सैलरी में इंक्रीमेंट अपेक्षाओं के अनुरूप न हो।

दरिद्र योग के परिणामस्वरूप आपके खर्चे जरूरत से ज्यादा बढ़ सकते हैं। इसके अलावा आप कार्यक्षेत्र में होने वाले राजनीति का शिकार भी हो सकते हैं जो कि आपके लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा और इसके कारण आपको नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें इस समय अच्छे परिणाम मिलते नज़र नहीं आ रहे हैं जिसके कारण आप चिंतित हो सकते हैं। इस अवधि उधार पैसा देने से बचें क्योंकि संभव है कि वापस न मिले। इस दौरान आपका वैवाहिक जीवन भी अनुकूल प्रतीत होता नहीं दिख रहा है।

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में नीच के होंगे। खुद का व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह समय प्रतिकूल सिद्ध हो सकता है क्योंकि बिज़नेस में हानि होने की संभावना बन सकती है। यदि आपने हाल ही में एक नया व्यापार शुरू किया है तो हो सकता है कि इस दौरान आपको अपेक्षानुसार परिणाम न मिलें। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अपने व्यवसाय या निवेश करने में अधिक पैसा न लगाएं।

यदि आप जमीन, संपत्ति, या वाहन आदि खरीदने की सोच रहे हैं तो यह योजना अभी टाल दें क्योंकि इसमें आपको हानि होने प्रबल संभावना है। जितना हो सके इस दौरान बचत करें और सोच समझकर खर्च करें। वैवाहिक जीवन की बात करें तो इस अवधि में मधुर संबंध बनाए रखने में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। रिश्ते में आपसी तालमेल की कमी के कारण जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद होने की आशंका है।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके पांचवें भाव में नीच के होंगे। इस दौरान आप पैसों की बचत करने में असफल हो सकते हैं। आपको अपने निवेश से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना कम है। हो सकता है कि आप पैसों के मामले में सही फैसला लेने की स्थिति में न हों और ऐसे में आपको आर्थिक निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है।

कार्यक्षेत्र में आपको नया प्रोजेक्ट मिलने में देरी हो सकती है या हो सकता है कि वह प्रोजेक्ट आपसे छीन लिया जाए। इसके अलावा निजी जीवन के लिए भी यह समय अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस दौरान आपके बच्चों के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। प्रेम जीवन में कुछ तनाव और चुनौतियां बनी रह सकती हैं।

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दरिद्र योग से बचने के प्रभावशाली उपाय

  • शाम के समय अपने घर या ऑफिस में दीया जलाएं।
  • घर और अपने कार्यक्षेत्र में कुबेर यंत्र की स्थापना करें और विधि विधान से पूजा करें।
  • हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
  • हनुमान मंदिर जाएं और मिठाई का भोग लगाएं। फिर उन मिठाइयों को गरीब बच्चों में बांटे।
  • घर में पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का हवन करें।

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