16 मई वैशाख पूर्णिमा और चंद्रग्रहण एक साथ, राशिनुसार करें दान मिलेगा सर्वश्रेष्ठ लाभ!

हिंदू पंचांग अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 2022 का पहला चंद्र ग्रहण पड़ रहा हैं, जो कि 16 मई सोमवार को घटित होगा। यह ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण माना जा रहा है। इस बार चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। 

गौरतलब है कि इस (Lunar Eclipse 2022) चंद्र ग्रहण की दृश्यता भारत में नहीं होगी। इसके परिणामस्वरूप भारत में इस ग्रहण का सूतक माना नहीं जाएगा। बावजूद इसके चूंकि यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगेगा, इसलिए विशेषज्ञों के अनुसार इस चंद्र ग्रहण के दौरान हमें खासतौर से कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा। चलिए जानें इस ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा से संबंधित कुछ अन्य विशेष बातें। 

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पहले चंद्रग्रहण से संबंधित जानकारी

  • चंद्र ग्रहण की समय अवधि 

इस प्रथम चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 1 घंटे 24 मिनट की होगी। क्योंकि भारत के समय के अनुसार ये 16 मई के दिन सुबह 08:59 बजे से सुबह 10:23 तक लगेगा। 

  • कहां-कहा नज़र आएगा चंद्रग्रहण

16 मई को घटित होने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके अलावा इसकी दृश्यता दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में होगी।

  • भारत में चंद्रग्रहण का सूतक लगेगा या नहीं

भारत के समय के अनुसार, ये चंद्रग्रहण सुबह के समय लगने के कारण देशभर में दृश्य नहीं होगा। इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रग्रहण का सूतक काल चंद्रग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पूर्व से लगता है और इसकी समाप्ति ग्रहण काल के समाप्त होने के साथ ही होती है। यही मुख्य वजह है कि दृश्य देशों में इस ग्रहण का सूतक काल 15 मई की रात से ही आरंभ हो जाएगा, जो अगले दिन यानी 16 मई को ग्रहण समाप्त पर खत्म होगा। 

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बुद्ध व वैशाख पूर्णिमा से संबंधित जानकारी 

  • वैशाख पूर्णिमा का महत्व 

पूर्णिमा तिथि यूँ तो हर माह आती हैं और हर माह पड़ने वाली प्रत्येक पूर्णिमा का अपना एक अलग व विशेष महत्व होता है। परंतु हिन्दू धर्म में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा का महत्व सबसे अधिक देखा जाता है। इसके महत्व का उल्लेख स्वयं कई पौराणिक शास्त्रों में भी करते हुए ये बताया गया है कि वैशाख माह की पूर्णिमा सबसे सर्वश्रेष्ठ है और उसमें जो भी व्यक्ति व्रत, स्नान व दान-पुण्य करता हैं तो उसे अनंत गुना फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाने वाले भगवान बुद्ध ने भी पृथ्वी पर प्राकट्य होने के लिए इसी दिन का चयन किया था। इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाते हुए भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना करते हैं। 

  • बुद्ध पूर्णिमा व वैशाख पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त 

हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष 2022 में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 मई, रविवार 12:47 से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 16 मई, सोमवार को 09:45 बजे तक रहने वाली है। ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो वैशाख पूर्णिमा का व्रत 16 मई को रखा जाएगा और इसी दिन दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

जैसा हमने पहले ही बताया कि जिस दिन वर्ष 2022 का पहला चंद्रग्रहण घटित होगा, उसी दिन वैशाख पूर्णिमा पर्व भी मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा-अर्चना करने का विधान भी है। लेकिन पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण की स्थिति का बनना, लोगों को कुछ विशेष सावधानी बरतने की सलाह देता है। तो चलिए जानें इस वर्ष चंद्रग्रहण के दौरान किन बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए…. 

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16 मई के चंद्र ग्रहण के दौरान भूल से भी न करें ये काम

  1. ग्रहण के दौरान भोजन पकाने और खान-पान से बचें। 
  2. ग्रहण काल के समय पूजा करने व देवी-देवता की मूर्ति स्पर्श करना भी वर्जित होता है।
  3. चंद्रग्रहण के दौरान सोने व मल मूत्र त्याग करने से भी बचना चाहिए। 
  4. खासतौर से गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के समय घर से बाहर निकलने व धारदार वस्तुओं, जैसे: चाकू या कैंची का भी इस्तेमाल करने से बचने चाहिए। 
  5. चंद्र ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों का स्पर्श करना भी मना होता है। 

16 मई के चंद्र ग्रहण के दौरान ज़रूर करें ये काम

  1. ग्रहण काल व सूतक काल से पूर्व ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालें। 
  2. इस दौरान देवी-देवता की आराधना करनी चाहिए। 
  3. ग्रहण के समय चंद्र ग्रह की शान्ति हेतु मंत्र उच्चारण करें। 
  4. ग्रहण समाप्त होने के तुरंत बाद घर की साफ-सफाई कर, घर में गंगाजल का छिड़काव करें।  
  5. ग्रहण के बाद अन्न दान करें। 

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आइये अब जानें आखिर ग्रहण के दिन वैशाख पूर्णिमा का राशि अनुसार क्या दान करना रहेगा उचित। 

राशि अनुसार इन चीजों का करें दान 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जहाँ चंद्र ग्रहण पर दान-पुण्य करना उत्तम रहता है। वहीं वैशाख पूर्णिमा पर भी दान करने का अपना विशेष महत्व होता है। इसलिए इस दिन प्रत्येक जातक को दान संबंधित कुछ विशेष उपाय बताए जा रहे हैं। जिनकी मदद से न केवल वे अपने जीवन की समस्त परेशानियां से निजात पा सकेंगे, बल्कि ग्रहण के प्रभाव को भी खत्म करने में सक्षम होंगे। 

मेष राशि:

आपके लिए ग्रहण के बाद चावल का दान करना उचित रहेगा। 

वृषभ राशि:

चंद्रग्रहण के तुरंत बाद दूध और दही का दान करने से आपको अत्यधिक शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

मिथुन राशि:

आपके लिए ग्रहण के बाद गौ सेवा करना व गाय को हरा चारा खिलाना अनुकूल रहेगा। 

कर्क राशि:

कर्क जातकों को ग्रहण समाप्त होने के बाद ज़रूरतमंदों व गरीबों में चावल का दान करना चाहिए। 

सिंह राशि:

आपके लिए शक्कर का दान करना उचित रहेगा। क्योंकि इससे आप वैशाख पूर्णिमा का अधिक लाभ प्राप्त करते हुए, ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से अपना बचाव कर सकेंगे। 

कन्या राशि:

आपको ग्रहण काल के बाद गेहूं के आटे का दान करना चाहिए।  

चंद्रग्रहण की अधिक जानकारी के लिए पढ़ें: चंद्रग्रहण 2022 

तुला राशि:

चंद्रग्रहण के बाद किसी भी प्रकार से चांदी का दान करने से आपको करियर में आ रही सभी समस्याओं से निजात मिल सकेगी। 

वृश्चिक राशि:

आपके लिए ग्रहण के बाद चंद्र गायत्री मंत्र का पाठ करना व पाठ के पश्चात सफेद मिठाई का प्रसाद के रूप में दान करना उचित रहेगा। 

धनु राशि:

ग्रहण के बाद पूर्णिमा के दान में किसी आचार्य या पुरोहित को अन्न का दान और श्रद्धानुसार पैसे देना आपके लिए बेहतर रहेगा। 

मकर राशि:

ग्रहण के बाद आपको तिल का दान करना चाहिए। इसके साथ ही आप तिल से बनी कोई मिठाई का दान भी कर सकते हैं। 

कुंभ राशि:

कुंभ जातक ग्रहण काल के समापन के बाद बजरंग बाण का पाठ करेंगे तो उन्हें लाभ मिलेगा। 

मीन राशि:

चंद्र ग्रहण के बाद मछलियों को आटा खिलाना आपके लिए उत्तम रहेगा। 

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