साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण और इसके प्रभाव

चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना है जिसे खगोल विज्ञान के साथ-साथ ज्योतिष विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। साल 2020 में चंद्र ग्रहण की घटना चार बार होगी। साल का पहला चंद्र ग्रहण 10-11 जनवरी को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत, एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कुछ भागों में देखा जा सकेगा। नीचे दी गई तालिका में चंद्र ग्रहण की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

chandra grahan 2020

साल 2020 के पहले चंद्र ग्रहण का समय

दिनांक चंद्र ग्रहण प्रारंभ चंद्र ग्रहण समाप्त दृश्यता ग्रहण का प्रकार
10-11 जनवरी 22:37 से 02:42 तक भारत, एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में उपच्छाया

क्या इस चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल प्रभावी होगा?

चंद्र ग्रहण से कुछ समय पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। हालांकि ज्योतिष के कुछ विद्वान मानते हैं कि उपच्छाया चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल प्रभावी नहीं होता। वहीं एक मत यह भी है कि उपच्छाया चंद्र ग्रहण में भी सूतक प्रभावी होगा। जो लोग उपच्छाया चंद्रग्रहण मेंं सूतक को मानते हैं, उनके लिये नीचे हम सूतक काल की जानकारी के साथ-साथ इस दौरान क्या काम करने चाहिये और क्या नहीं इसकी जानकारी दे रहे हैं।

सूतक काल

साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण लगने के कुछ समय पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। सूर्य ग्रहण से 4 पहर यानि 12 घंटे पहले सूतक शुरु हो जाता है जबकि चंद्रग्रहण से 3 पहर पहले यानि 9 घंटे पहले सूतक काल शुरु हो जाता है। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है और इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम को करने की मनाही होती है। माना जाता है कि इस दौरान शुरु किये गए काम का फल शुभ नहीं होता।

सूतक काल के दौरान करें यह काम

  • सूतक काल के दौरान आपको अपने इष्ट देव का ध्यान करना चाहिये।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिये और सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से।
  • आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रगति करना चाहते हैं तो ग्रहण के सूतक के दौरान योग-ध्यान करना चाहिये।

सूतक काल के दौरान न करें यह काम

  • ग्रहण से पहले शुरु होने वाले सूतक काल के दौरान आपको ना ही भोजन करना चाहिये और ना ही इससे पहले बने भोजन को ग्रहण के बाद खाना चाहिये।
  • इस दौरान शौच इत्यादि करने से भी बचें।
  • ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को भी न छुएं।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान आपको शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिये।
  • कोई नया काम भी सूतक काल के दौरान शुरु न करें।

ग्रहण क्या है?

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो ग्रहण उस खगोलीय घटना को कहा जाता है, जिसमें दो खगोलीय पिंडों के बीच में एक पिंड आ जाता है। चंद्र ग्रहण की घटना के दौरान सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है जबकि सूर्य ग्रहण की घटना में पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है। वैदिक ज्योतिष में भी ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है और छाया ग्रह राहु-केतु के कारण यह घटना होती है ऐसी मान्यता है। ग्रहण का हर किसी पर बुरा असर पड़ता है इसलिये कुछ उपाय बताये जाते हैं जिन्हें करने से बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। मंत्रों के जाप और कुछ अन्य उपायों को करने से ग्रहण के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।

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