चंद्र ग्रहण 2023: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको चंद्र ग्रहण 2023 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें यह वर्ष 2023 का पहला व आखिरी चंद्र ग्रहण है जो अक्टूबर के महीने में लगने जा रहा है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम चंद्र ग्रहण के दौरान कौन सी राशियों को शुभ व कौन सी राशियों को अशुभ परिणाम मिलेंगे इस बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही, इसके अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय के बारे में भी जानेंगे।
चंद्र ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण घटना है और हम अपने पाठकों को रहस्यमय दुनिया में होने वाली हर छोटी-बड़ी ज्योतिषीय घटना के बारे में अपडेट रखने की पूरी कोशिश करते हैं। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण जैसी घटनाओं का अपना वैज्ञानिक महत्व होने के साथ-साथ आध्यात्मिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व भी है। आमतौर पर यह खगोलीय घटना है जिसे लोग ज्यादा खुशी से देखना पसंद करते हैं लेकिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम करना वर्जित होता है। एस्ट्रोसेज का यह ब्लॉग आपको चंद्र ग्रहण पर विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा, जैसे कि दिन, तारीख, समय सीमा आदि। इसके अलावा, धार्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण का क्या अर्थ है? इसके प्रभाव क्या है और सूतक काल के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कौन सी विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, किन चीज़ों से बचना चाहिए आदि। आइए सबसे पहले जान लेते हैं क्या है चंद्र ग्रहण।
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चंद्र ग्रहण क्या है?
ज्योतिष क्षेत्र में, ग्रहण का विशेष महत्व है। इस बार अक्टूबर 2023 के महीने में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं, जो 15 दिन के अंतराल में लगेंगे। इनमें से एक है चंद्र ग्रहण। चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है। ग्रहण हर जगह दिखाई नहीं देता है और पृथ्वी पर केवल कुछ विशिष्ट स्थानों पर ही दिखाई देता है। जिन स्थानों पर ग्रहण दिखाई देता है, वहां सूतक काल लगता है, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसका बहुत अधिक महत्व है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है और यह पृथ्वी का चक्कर लगाता है जबकि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और अपने अक्ष पर भी घूर्णन करती है। एक समय ऐसा जाता है कि जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक रेखा में आ जाते हैं और इस स्थिति में चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो कुछ विशेष समय अंतराल पर ऐसा घटित होता है कि सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है और पृथ्वी की छाया से चंद्रमा पूरी तरह से छिप जाता है और सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए चंद्रमा पर नहीं पहुंच पाता तथा अंधेरा प्रतीत होने लगता है। इस अवधि को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसको लेकर सभी लोग जिज्ञासा भरी निगाहों से इसका इंतजार करते हैं। वास्तव में यह एक बहुत ही खूबसूरत नजारा होता है जो हमें आकाश में दिखाई देता है। इसकी खूबसूरती को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि सारी दुनिया के लोग ऐसी जगह एकत्रित होकर चंद्रग्रहण देखना पसंद करते हैं, जहां से यह सबसे अच्छी तरह और सबसे ज्यादा लंबे समय के लिए दिखाई दे सके। चंद्र ग्रहण की भांति सूर्य ग्रहण का भी अपना एक अलग महत्व रखता है। चंद्रग्रहण का अपना वैज्ञानिक महत्व होने के साथ-साथ आध्यात्मिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व भी है। ज्योतिषीय रूप से भी यह महत्वपूर्ण होते हैं।
चंद्र ग्रहण, 2023: यह किस प्रकार का ग्रहण है?
चंद्रमा का स्वयं का कोई प्रकाश नहीं होता है फिर भी चंद्रमा चमकता है इसका कारण है सूर्य की किरणें जिसके कारण चंद्रमा चमकता है। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि चंद्रग्रहण किस प्रकार घटित होता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और सूर्य की किरणों को सीधे चंद्रमा तक पहुंचने से रोक देती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण।
जब पृथ्वी चंद्रमा से अधिक दूरी पर होती है और सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर पहुंचने से पूर्ण रूप से नहीं रुक पाता बल्कि थोड़ा पृथ्वी की छाया से रुक जाता है और थोड़ा नहीं रुक पाता तो इस स्थिति को आंशिक चंद्रग्रहण कहते हैं क्योंकि इसमें चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया कुछ हिस्सों पर पड़ती है और शेष जगह पर सूर्य का प्रकाश नज़र आता है। यह ग्रहण इसी कारण ज्यादा लंबी अवधि का भी नहीं होता है।
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चंद्र ग्रहण 2023: समय और दृश्यता
इस ब्लॉग में हम चंद्र ग्रहण के साथ-साथ चंद्र ग्रहण के सूतक काल के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि विज्ञान की दृष्टिकोण से देखें तो, चंद्रग्रहण महज एक खगोलीय घटना के रूप में जाना जाता है जो हर साल होने वाली एक आम घटना है जबकि इसकी संख्या में हर वर्ष बदलाव हो सकते हैं। वर्ष 2023 के बारे में बात करें तो इस वर्ष मुख्य रूप से एक चंद्र ग्रहण ही लगेगा जो कि 2023 का मुख्य चंद्रग्रहण होगा। इसके अतिरिक्त एक उपच्छाया चंद्रग्रहण भी होगा जिसको हम पूर्ण रूप से ग्रहण नहीं मानते हैं।
पहला चन्द्र ग्रहण 2023 – खंडग्रास चंद्रग्रहण | ||||
तिथि | दिन तथा दिनांक | चंद्र ग्रहण आरंभ समय | चन्द्र ग्रहण समाप्त समय | दृश्यता का क्षेत्र |
आश्विन मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा | शनिवार/ रविवार 28/29 अक्टूबर 2023 | मध्य रात्रि उपरांत 1:05 बजे | मध्य रात्रि उपरांत 2:24 बजे | भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इंडोनेशिया, कोरिया, ब्राजील का पूर्वी भाग |
नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया चंद्र ग्रहण 2023 का समय भारतीय समय अनुसार है। यह चन्द्र ग्रहण भारत में दृश्य मान होगा इसलिए भारत में इस चन्द्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव भी होगा और इसका सूतक काल भी प्रभावी होगा।
चंद्र ग्रहण 2023: सूतक काल
सनातन धर्म में सूतक एक डरावना शब्द है और इस ब्लॉग को पढ़ने वाले हर व्यक्ति को सूतक काल के बारे में अवश्य पता होगा। हालांकि हमें यकीन है कि आप में से कुछ लोग इस शब्द को पहली बार पढ़ रहे होंगे, तो आइए जान लेते हैं इसके बारे में। सूतक काल उस अवधि को कहा जाता है जो चंद्र ग्रहण के स्पर्श के समय से यानी कि चंद्रग्रहण के लगने से लगभग तीन प्रहर पूर्व अर्थात लगभग नौ घंटे पूर्व शुरू होती है और चंद्र ग्रहण के मोक्ष यानी कि चंद्र ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाती है। इस अवधि के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि इस अवधि में शुभ कार्य करना वर्जित होता है।
इस दौरान मूर्ति पूजा, मूर्ति स्पर्श, मंदिरों में जाना आदि कार्य तथा किसी भी प्रकार के शुभ कार्य जैसे कि विवाह, मुंडन संस्कार आदि भी नहीं किए जाते हैं। चंद्र ग्रहण 2023 का सूतक काल 28 अक्टूबर 2023 की दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगा और 29 अक्टूबर, 2023 की मध्य रात्रि 02 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
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चंद्र ग्रहण 2023 का इन तीन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए अक्टूबर के महीने का विशेष महत्व है। इस माह आप सभी प्रकार के तनाव से मुक्त रहेंगे और अच्छे पलों का आनंद लेंगे। साथ ही, आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से सावधान रहें। शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों में आपको सफलता मिलेगी और आप अनुशासन बनाए रखेंगे। साथ ही, आपको जीवन में कई अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे।
सिंह राशि
इस माह आपको बातचीत करने के तरीके में सुधार देखने को मिलेगा और आपकी कम्युनिकेशन मजबूत होगी। साथ ही, जो भी आपके अधूरे कार्य हैं उसे पूरा करने की ओर आगे बढ़ेंगे। जब चंद्र ग्रहण घटित होगा तो उस दौरान आपके पारिवारिक दायित्वों में वृद्धि होगी और वैवाहिक जीवन में आपको संतुष्टि महसूस होगी। साथ ही, करियर में आप तेजी से आगे बढ़ेंगे और अच्छे अवसर आपको प्राप्त होंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए अक्टूबर का माह अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आपको संतुष्टि महसूस होगी और आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी। हालांकि परिवार के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि बिज़नेस से संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती है। हालांकि, आपका आत्मविश्वास आपको जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों से निपटाने में मदद करेगा। अपने बड़े भाई-बहनों के साथ-साथ अपने सामाजिक दायरे पर भी ध्यान दें क्योंकि आपको अपने सामाजिक नेटवर्क के साथ कुछ उतार-चढ़ाव व टकराव का सामना करना पड़ सकता है।
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चंद्र ग्रहण 2023: मेष सहित इन तीन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
चंद्र ग्रहण मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र में लगेगा और इसके परिणामस्वरूप मेष राशि के जातकों पर इसका सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान आपको सिरदर्द, माइग्रेन, मतली, मूड में बदलाव, चिंता व तनाव आदि का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, आपके घर का माहौल भी खराब हो सकता है और अशांति का वातावरण छा सकता है। माता के साथ भी आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। आशंका है कि आपका उनसे मतभेद हो जाए। छात्रों को चंद्र ग्रहण से पहले, ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने के कुछ समय बाद तक अपनी पढ़ाई पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि आप ध्यान भटक सकता है। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान मेडिटेशन व योग करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए भी चंद्र ग्रहण की अवधि अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है। इस दौरान आप मानसिक रूप से बीमार हो सकते हैं और आपके व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिल सकता है क्योंकि चंद्रमा कर्क राशि के स्वामी हैं और कर्क राशि पर चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इस अवधि आपको कार्यक्षेत्र में कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है या संभावना है कि अपने वरिष्ठों से आपको कुछ परेशानी मिले। ऐसे में, आप काम में आने वाली तमाम समस्याओं से तनाव में आ सकते हैं। इस दौरान पेशा और पेशेवर मुद्दे आपकी चिंता का प्रमुख कारण बन सकता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को चंद्र ग्रहण 2023 के दौरान चोरी, किसी बीमारी, ऋण/कर्ज या छिपे हुए शत्रु/विरोधियों से खतरे का सामना करना पड़ सकता है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए चंद्रमा नौवें भाव के स्वामी हैं इसके परिणामस्वरूप चंद्र ग्रहण के दौरान आपको भाग्य का साथ मिलता नहीं दिख रहा है। आपके आर्थिक जीवन की बात करें तो, कर्ज व लोन जैसे कई समस्याएं आपके समझ आ सकती है। इसके अलावा, कार्यक्षेत्र में आपको अपने सहकर्मियों से धमकियां मिलने की भी आशंका है। साथ ही, आपको अपने पिता या शिक्षकों/गुरुओं के साथ भी संघर्ष झेलना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
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चंद्र ग्रहण 2023 के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए अपनाएं ये प्रभावशाली उपाय
चंद्रग्रहण के दौरान कुछ उपायों को अपनाने से आप इसके अशुभ व नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं। आइए जानते हैं इन आसान ज्योतिषीय उपायों के बारे में:
- चंद्र ग्रहण के बाद किसी गरीब व जरूरतमंद को काले तिल, काले कपड़े, साबुत उड़द, आटा, दाल, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, सतनाजा यानी सात प्रकार के अनाज आदि दान करें, लेकिन दान करने का निर्णय ग्रहण के दौरान ही ऐसा करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।
- चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा के अलावा, राहु और केतु के मंत्रों का जाप करें और उनके लिए दान करना भी सहायक रहेगा।
- चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और फिर भगवान की मूर्तियों को शुद्ध करें।
- चंद्र ग्रहण खत्म होते ही पूरे घर में गंगाजल छिड़काव करें।
- अगर आपको कोई लाइलाज बीमारी है तो चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव के श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- यदि आप किसी विपत्ति से परेशान हैं या कोई शत्रु आपको पीड़ित कर रहा है तो आप चंद्र ग्रहण की अवधि में हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं।
- यदि आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं तो उस मंत्र का मन लगाकर निरंतर जाप इस ग्रहण अवधि में आप कर सकते हैं।
- यदि आप शनि की ढैय्या या शनि की साढ़े साती से पीड़ित हैं तो ग्रहण के सूतक काल की समाप्ति तक शनि मंत्र का लगातार जाप करते रहें।
- यदि आप मांगलिक दोष से पीड़ित है तो चंद्र ग्रहण काल समाप्त होते ही सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
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