चैत्र पूर्णिमा 2021: जानें इस ख़ास दिन का महत्व और पूजन विधि

उत्तर भारत में इसी दिन हनुमान जयंती मनाये जाने का भी प्रावधान है।

चैत्र मास में मनाई जाने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। चैत्र पूर्णिमा का एक नाम चैती पूनम भी है। चैत्र पूर्णिमा का काफी महत्व बताया जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि चैत्र मास हिन्दू वर्ष का प्रथम मास माना गया है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा का विधान बताया गया है और साथ ही इस दिन कुछ लोग व्रत उपवास भी रखते हैं।

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हर महीने में एक पूर्णिमा आती है, यानि कि साल में कुल 12 पूर्णिमा होती हैं। हालाँकि इस वर्ष एक मास अधिक होने की वजह से वर्ष में 13 पूर्णिमा होगी। चैत्र पूर्णिमा के दिन रात को चंद्रमा की पूजा की जाती है। उत्तर भारत में इसी दिन हनुमान जयंती मनाये जाने का भी प्रावधान है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी या कुंड में स्नान और उसके बाद दान करने का बहुत पुण्य बताया गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को पुण्य की प्राप्ति होती है।

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जानिए कब है चैत्र पूर्णिमा

इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल, 2021 के दिन मनाई जाएगी। चैत्र पूर्णिमा का सही मुहूर्त इत्यादि जानने के लिए नीचे दिए गए चार्ट पर गौर करें। 

चैत्र पूर्णिमा आरंभ  26 अप्रैल 2021 दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से
चैत्र पूर्णिमा समाप्त  27 अप्रैल 2021 सुबह 09 बजकर 01 मिनट पर

चैत्र पूर्णिमा पूजन विधि 

चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान-दान, हवन, व्रत-पूजन इत्यादि का बहुत महत्व बताया गया है। जानें चैत्र पूर्णिमा की पूजन विधि। 

  • चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान करें।  
  • अगर मुमकिन हो तो किसी पवित्र नदी या बावड़ी में स्नान करें।  
  • इसके बाद सूर्य देव का ध्यान करें। ऐसा करते हुए सूर्य मंत्र का उच्चारण करें और ऐसा करने के दौरान  सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। 

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  • स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और भगवान सत्यनारायण की पूजा करें। 
  • रात में विधिपूर्वक चंद्र देव की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें। पूजा के बाद व्रत रखने वाले इंसान को एक घड़ा अन्न से भरकर किसी ज़रूरतमंद को दान देना चाहिए।

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चैत्र पूर्णिमा महत्व

  • चैत्र पूर्णिमा या जिसे चैती पूनम भी कहा जाता है उस व्रत को रखने से इंसान को सत्य नारायण भगवान की असीम कृपा प्राप्त होती है। 
  • इस दिन के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी इंसान चैत्र पूर्णिमा का व्रत उपवास रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं, सभी अधूरी ख्वाहिशें ज़रूर पूरी होती हैं और इस व्रत को रखने से इंसान के सभी कष्ट भी अवश्य दूर हो जाते हैं। 

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