चैत्र नवरात्रि के दौरान देवी के नौ रूपों को लगाएं ये भोग, पूरी होगी हर मनोकामना

चैत्र नवरात्रि का पर्व बस मुहाने पर खड़ा है। देश भर में माता रानी के भक्तों के बीच इसको लेकर उत्साह देखा जा सकता है। इस साल यानी कि साल 2021 में चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रही है और 22 अप्रैल को इसका समापन होगा। इस पर्व में देवी के नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा की जाती है। नवरात्रि के पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में देवी के नौ रूपों को प्रसन्न करने के लिए उन्हें लगाए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के भोग की जानकारी देंगे। लेकिन उससे पहले चैत्र नवरात्रि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको दे देते हैं।

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना तिथि, दिन और शुभ मुहूर्त

घटस्थापना तिथि : 13 अप्रैल 2021 

घटस्थापना दिन : मंगलवार

शुभ मुहूर्त : 05:58:27 से 10:14:09 तक

माता शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है जो वृष की सवारी करती हैं। उनका एक और नाम हेमवती भी है। माता शैलपुत्री को घी बेहद प्रिय है। ख़ास कर के गाय का घी उन्हें बहुत प्रिय है। ऐसे में आप अगर माता को घी का भोग लगाएंगे तो माता रानी आप पर बेहद प्रसन्न होंगी।

माता ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से जातक की उम्र लम्बी होती है। माँ ब्रह्मचारिणी को चीनी या मिश्री बेहद प्रिय है। ऐसे में आप माता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें मिश्री या चीनी का भोग लगा सकते हैं। आप उन्हें चीनी या मिश्री से बनी किसी मिठाई का भी भोग लगा सकते हैं।

माता चंद्रघंटा 

नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। माता चंद्रघंटा के रूप को संकट व दुःख को हरने वाला माना जाता है। ऐसे में जो भक्त माता चंद्रघंटा को प्रसन्न करना चाहते हैं वे उन्हें दूध या फिर दूध की बनी मिठाई का भोग लगा सकते हैं। ऐसा करने से माता की आप पर विशेष कृपा होगी।

माता कुष्मांडा

वे जातक जो अपनी बुद्धि तीक्ष्ण करना चाहते हैं उन्हें माता कुष्मांडा की पूजा अवश्य करनी चाहिए। माता कुष्मांडा को मालपुआ बेहद प्रिय है। ऐसे में अगर कोई भक्त माता को इस दिन मालपुए का भोग लगाता है तो माँ कुष्मांडा उसे शुभ फल देती हैं।

माता स्कंदमाता 

माता स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाती है। माँ स्कंदमाता की कृपा से भक्तों को संतान सुख मिलता है। ऐसे में माता को प्रसन्न करने के लिए आप नवरात्रि के पांचवे दिन केले का भोग अवश्य लगाएं। भोग लगाने के बाद उस केले को किसी ब्राह्मण को दान कर दें। माँ स्कंदमाता प्रसन्न होंगी।

माता कात्यायनी

माँ कात्यायनी को रूप दान करने वाली देवी माना जाता है। नवरात्रि के छठे दिन पूजी जाने वालीं माता कात्यायनी को शहद बेहद प्रिय है। ऐसे में आप माँ कात्यायनी को इस दिन शहद का भोग अवश्य लगाएं।

माता कालरात्रि

माता कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है। माँ कालरात्रि की पूजा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती और दरिद्रता दूर होती है। माँ कालरात्रि को गुड़ बेहद प्रिय है। ऐसे में आप माँ कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए उन्हें गुड़ का भोग अवश्य लगावें। माता रानी की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहेगी।

माता महागौरी 

नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा होती है। मान्यता है कि माँ महागौरी भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ऐसे में अगर आप माँ महागौरी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें नारियल व हलवे का भोग अवश्य लगाएं। ये दोनों चीजें माता महागौरी को बेहद प्रिय हैं।

माता सिद्धिदात्री 

माता सिद्धिदात्री की पूजा से धन का लाभ होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। नवरात्रि के नौंवे दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा होती है। माँ सिद्धिदात्री को काला चना, खीर-पूरी और हलवा-पूरी बहुत पसंद है। ऐसे में आप माँ सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए उन्हें इन चीजों का भोग अवश्य लगाएं।

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