कुंडली में बुध ग्रह से बनने वाले शुभ-अशुभ योग और बुध शांति के उपाय

बुध ग्रह को ज्योतिष में विशेष दर्जा प्राप्त है। बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना जाता है जिसका अर्थ हुआ कि, यदि कुंडली में बुध ग्रह शुभ ग्रहों के साथ स्थित होता है तो व्यक्ति को शुभ परिणाम मिलता है वहीं बुध ग्रह यदि अशुभ ग्रहों के साथ कुंडली में मौजूद हो इससे व्यक्ति को अशुभ परिणाम हासिल होता है। इसके अलावा बुध ग्रह के बारे में बात करें तो ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, गणित, संवाद, चतुरता और मित्र का कारक माना गया है।

व्यक्ति की कुंडली में कौन सा ग्रह किस भाव में स्थित है इसके आधार पर योगों का निर्माण होता है। यह योग भी शुभ और अशुभ दो तरह के होते हैं। अपने इस आर्टिकल में आज बात करेंगे की कुंडली में बुध ग्रह की मौजूदगी में और बुध ग्रह की अन्य ग्रहों की युति के साथ बनने वाले कुछ महत्वपूर्ण योगों के बारे में, इन योगों का हमारे आपके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में, और साथ ही बात करेंगे कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के कुछ उपायों के बारे में।

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बुध ग्रह का प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में बुध ग्रह लग्न भाव में स्थित होता है ऐसे व्यक्तियों का शारीरिक रूप बेहद ही सुंदर होता है, ऐसे व्यक्ति शानदार व्यक्तित्व वाले होते हैं और व्यवसाय में सफलता हासिल करते हैं। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है और शुभ स्थिति में मौजूद होता है ऐसे लोगों की बात करने की शैली बेहद ही शानदार होती है, ऐसे लोग हाज़िरजवाबी होते हैं और अपनी बातों से सबका मन मोह लेते हैं। वहीं कुंडली में यदि बुध पीड़ित अवस्था में मौजूद हो तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से तमाम समस्याएं उठानी पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार व्यक्ति को बुध ग्रह को मजबूत बनाने के कुछ सरल उपाय को अपनाने की सलाह देते हैं। क्या हैं ये उपाय यह जाने के लिए यह आर्टिकल अंत तक पढ़े।

धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व

सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता का दर्जा प्राप्त है। बुध देव को बुद्धि और समृद्धि देने वाला देवता माना गया है। इसके अलावा भगवान विष्णु बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं और सप्ताह में बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा उपासना किए जाने का विधान बताया गया है। ऐसे में अपने बुद्धि के विकास और बुद्धि को और प्रखर बनाने के लिए, कारोबार में सफलता प्राप्त करने के लिए, नौकरी में मनचाही ऊंचाई हासिल करने के लिए बुध ग्रह की पूजा करना बेहद फलदाई माना गया है।

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कुंडली में बुध ग्रह से बनने वाले योग और उनका प्रभाव

  • बुध और शुक्र की युति से बनने वाला लक्ष्मी नारायण योग: सबसे पहले बात करते हैं व्यक्ति की कुंडली में बुध और शुक्र ग्रह की युति से बनने वाले लक्ष्मीनारायण योग के बारे में। जहां एक तरफ ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, विवेक का कारक माना गया है वहीं शुक्र ग्रह सौंदर्य और विलासिता का कारक माना गया है। ऐसे में जब यह दोनों ही ग्रह मिलते हैं तो इससे लक्ष्मीनारायण योग का निर्माण होता है जिसे एक बेहद ही शुभ योग माना गया है। लक्ष्मीनारायण योग से व्यक्ति के जीवन में सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • सूर्य और बुध की युति से बनने वाला बुधादित्य योग: जब हम बात शुभ योगों की करते हैं तो कुंडली में सूर्य और बुध की युति से बनने वाले बुधादित्य योग की बात अवश्य होती है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा, पिता, सम्मान, आदि का कारक माना गया है वहीं, बुध को ज्ञान, बुद्धि, व्यापार का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में जब ये दोनों ग्रह मिलते हैं तो बुधादित्य योग का निर्माण होता है। जब व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह और बुध ग्रह एक साथ किसी एक घर में स्थित होते हैं तो ऐसी स्थिति में बुधादित्य योग बनता है। यह योग इतना शुभ है कि इसकी राजयोग से तुलना की जाती है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में बुधादित्य योग होता है ऐसे लोग समाज में मान, सम्मान, प्रतिष्ठा हासिल करते हैं और व्यापार में सफलता भी प्राप्त करते हैं।

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  • पंच महापुरुष योग: जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल, गुरु, शुक्र, बुध, और शनि में से कोई भी एक ग्रह या एक से ज्यादा ग्रह स्वयं की राशि में उच्च होकर केंद्र में होता है तब पंच महापुरुष योग का निर्माण होता है। इस योग को भी बेहद शुभ माना गया है और इसकी तुलना भी राजयोग से होती है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में पंच महापुरुष योग बनता है ऐसे व्यक्ति बेहद ही धनवान होते हैं और इन्हें कभी भी आर्थिक परेशानियां नहीं उठानी पड़ती है।
  • बुध राहु की युति से बनने वाला जड़त्व योग: बुद्धि और वाणी का कारक माने जाने वाला बुध ग्रह और छाया ग्रह राहु जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मिलकर किसी योग का निर्माण करते हैं तो इसे जड़त्व योग कहते हैं। इस योग को अशुभ योग माना जाता है और जिन व्यक्तियों की कुंडली में यह योग बनता है उन्हें जीवन में आर्थिक नुकसान, अचानक हानि, चिंता और मानसिक रोग जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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बुध ग्रह शांति के उपाय

यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह शुभ स्थिति में मौजूद है तो आपको जीवन में सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता हालांकि, यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद है जिसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है तो निम्नलिखित उपायों में से कोई भी उपाय अपने जीवन में अपनाएं इससे आपको शुभ परिणाम अवश्य हासिल होंगे।

  • भगवान विष्णु की पूजा करें और मुमकिन हो तो व्रत करें। बुधवार के दिन व्रत करें और विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करें।
  • अपने जीवन में हरा रंग ज्यादा से ज्यादा शामिल करें।
  • व्यापार में हमेशा ईमानदार रहें। किसी के साथ छल, कपट, धोखा ना करें।
  • बुधवार के दिन हरी घास, साबुत मूंग, पालक, हाथी के दांत से बनी हुई वस्तुएं आदि का अपनी यथाशक्ति के अनुसार जरूरतमंदों या गरीबों के बीच दान करें।
  • इसके अलावा बुध ग्रह के शुभ परिणाम हासिल करने के लिए पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है। हालांकि कोई भी रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषियों से सलाह मशवरा करने के बाद ही धारण करें। इसके लिए आप फोन या चैट के माध्यम से विद्वान ज्योतिषियों के साथ जुड़कर परामर्श हासिल कर सकते हैं।
  • इसके अलावा आप चार मुखी या 10 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए भी पहले किसी ज्योतिष के जानकार से सलाह मशवरा कर लें।

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