क्या आप जानते हैं कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार आप यह कैसे जान सकते हैं कि बुध ग्रह आपकी कुंडली में कमजोर स्थिति में है या फिर मजबूत स्थिति में है? दरअसल इस बात का जवाब आप अपने जीवन के कुछ संकेतों के माध्यम से बेहद ही आसानी से पता लगा सकते हैं। जैसा कि यदि आप अपने जीवन में गणनात्मक हैं, ज्ञानी हैं, स्मार्ट, बुद्धिमान हैं, अनुसंधान उन्मुख, विश्लेषणात्मक, राजनयिक, त्वरित विचारक, और बातचीत करने में शानदार हैं तो इसका अर्थ यह हुआ कि बुध ग्रह आपकी कुंडली में बेहद शक्तिशाली अर्थात मजबूत स्थिति में स्थित है।
वहीं इन सब के विपरीत यदि आप में बात करने का भय बना हुआ रहता है या आपके अंदर विचारों की कमी रहती है, या बातचीत में आपको परेशानी उठानी पड़ती है या फिर आपकी गणितीय क्षमता कमजोर है तो मुमकिन है कि यह सभी बातें इस तरफ इशारा कर रही हैं कि बुध ग्रह आपकी कुंडली में कमजोर स्थिति में मौजूद है। सरल शब्दों में कहें तो बुध ग्रह व्यक्ति को व्यापार, वाणिज्य, विज्ञान और अनुसंधान में सफल बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाता है।
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सभी 12 राशियों में 2 राशियों मिथुन और कन्या राशि पर बुध ग्रह का शासन होता है। बुध ग्रह अपने द्विस्वभाव के लिए जाना जाता है यही वजह है कि जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह स्थित होता है ऐसे व्यक्ति दोहरे स्वभाव के हो सकते हैं। बुध ग्रह के प्रभाव से ही लोग एक ही समय में दो चीजों में संलग्न भी रहते हैं। जैसे कि एक साथ दो काम करना, बातों को दो तरह से पेश करना, दो वैवाहिक पार्टनर के साथ रहना, इत्यादि।
बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है और यही कारण है कि हमेशा गर्म रहता है। बुध ग्रह के राहु ग्रह, शुक्र ग्रह, और सूर्य ग्रह के साथ मित्रता वाले संबंध हैं जबकि चंद्रमा इसका शत्रु ग्रह माना गया है। इसके अलावा बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च का होता है और मीन राशि में यह दुर्बल होता है। बुध ग्रह एक राशि में तकरीबन 23 दिनों की अवधि के लिए रहता है और फिर अपना गोचर कर लेता है।
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बुध का तुला राशि में गोचर (2 नवंबर 2021): 22 दिनों तक अपनी राशि कन्या में रहने के बाद बुध 2 नवंबर को सुबह 9:43 बजे तुला राशि में गोचर करेगा और 22 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा।
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अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध ग्रह के गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या कुछ प्रभाव देखने को मिल सकता है।
मेष राशि
बुध का तुला राशि में गोचर 2 नवंबर से 22 नवंबर 2021 तक होने जा रहा है। पेशेवर रूप से इस अवधि में मेष राशि वालों के लिए ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
वृषभ राशि
वृषभ चंद्र राशि के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है, जो ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव में गोचर कर रहा है। व्यावसायिक रूप से ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए बुध पंचम भाव में गोचर करेगा जो पहले और चौथे भाव का स्वामी है। गोचर के दौरान बुध लग्न भाव से जुड़ा होने के कारण….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए बुध बारहवें और तीसरे भाव का स्वामी है और चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है। यह भाव जीवन में अचल संपत्ति, आराम और विलासिता ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए बुध दूसरे और 11वें भाव का स्वामी है और जातक के संचार और वाणी के तीसरे भाव में गोचर कर रहा है। इस अवधि में आपको ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए बुध पहले और दसवें भाव का स्वामी है और परिवार, धन और वाणी के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है। यह अवधि घरेलू वातावरण में….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
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तुला राशि
तुला चंद्र राशि के लिए बुध बारहवें और नौवें भाव का स्वामी है और तुला राशि के लिए लग्न में गोचर कर रहा है। यह अवधि आपको पीछे हटने और ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए बुध एकादश और आठवें भाव का स्वामी है और बारहवें भाव में व्यय, हानि और विदेशी लाभ के भाव में गोचर कर रहा है। आपको ….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
धनु राशि
धनु राशि के लिए बुध सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और धन, कामना और लाभ के एकादश भाव में गोचर कर रहा है। तुला राशि में गोचर करते….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
मकर राशि
मकर राशि के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और दशम भाव में गोचर कर रहा है। मकर राशि के जातकों के लिए यह समय….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए बुध पंचम और आठवें भाव का स्वामी है और भाग्य के नवम भाव में गोचर कर रहा है और यह आपके लिए अपने पेशेवर साम्राज्य का….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और अष्टम भाव में अचानक हानि/लाभ, उत्तराधिकार और गुप्त विद्या के भाव में….(विस्तार से पढ़ें अपना गोचरफल)
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