वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा बुध ग्रह को ‘ग्रहों का राजकुमार’ भी कहा जाता है। स्वाभाविक है कि इसका महत्व भी बहुत ज्यादा माना जाता है। ऐसे में जब यह महत्वपूर्ण ग्रह गोचर करेगा तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर निश्चित तौर पर पड़ने ही वाला है। जानकारी के लिए बता दें 26 मार्च 2024 को बुध का मेष राशि में गोचर होने वाला है।
अपने आज के इस खास ब्लॉग में आज हम जानेंगे बुध के मेष राशि में गोचर से क्या कुछ बदलाव आने की संभावना है, आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, साथ ही जानेंगे इस गोचर के दौरान किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी। लेकिन आगे बढ़ने से पहले सबसे पहले जान लेते हैं बुध का मेष राशि में गोचर आखिर कब होगा।
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बुध ग्रह के मेष राशि में गोचर का समय और दिनांक
सबसे पहले बात करें समय की तो बुध का यह गोचर 26 मार्च 2024 को सुबह 2:39 पर होने वाला है। इसके बाद बुध ग्रह मेष राशि में ही 2 अप्रैल 2024 तक बने रहेंगे। 2 अप्रैल 2024 को प्रातः 3:18 पर बुध की यहीं से अपनी वक्री चाल प्रारंभ होगी और यह 9 अप्रैल तक ही चलेगी। इसके बाद 9 अप्रैल को रात 22:06 पर बुध अपनी वक्री अवस्था में रहेंगे। 10 मई को शाम 18:39 पर फिर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
अपने खास ब्लॉग में हम जानेंगे बुध के मेष राशि में गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा लेकिन उसे जानने से पहले चलिए जान लेते हैं बुध ग्रह से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प और जानने योग्य बातें।
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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह
सबसे पहले बात करें बुध ग्रह की तो वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, संचार, तर्क, चतुराई और मित्रता का कारक ग्रह माना गया है। साथ ही इन्हें ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है। वहीं बात करें मेष राशि की तो मेष राशि का स्वामित्व मंगल ग्रह को प्राप्त है। मंगल को वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का सेनापति कहा गया है। बुध और मंगल एक दूसरे के शत्रु ग्रह माने गए हैं।
ऐसे में स्वाभाविक तौर पर जब मेष राशि में बुध का गोचर होगा तो इसका सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव निश्चित रूप से पड़ने वाला है। हालांकि कुछ ऐसी विशेष राशियाँ भी हैं जिन्हें इस गोचर से खूब लाभ भी मिलेगा। इन राशियों को शिक्षा और कार्यक्षेत्र में लाभ की संभावना बन रही है। साथ ही कुछ जातकों को कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों में सफलता मिलने की भी गुंजाइश नजर आ रही है।
खगोल विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह की बात करें तो यह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता है और यह सूर्य के सबसे ज्यादा नजदीक भी है। बुध ग्रह के अक्ष का झुकाव अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे कम माना जाता है। बुध ग्रह सूर्य की परिक्रमा 87 दोनों और 30 घंटे में पूरी भी कर लेता है। बुध ग्रह पर पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर एक दिन होता है। इसके अलावा आपको जानकर अचरज होगा कि बुध ग्रह को सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के ठीक पहले नग्न आंखों से देखा भी जा सकता है।
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बात करें धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह के महत्व के बारे में तो, सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुध हमारी प्रज्ञा के देवता माने गए हैं। यह ग्रह बुद्धि और कारोबार में सफलता पाने के लिए बेहद ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। यही वजह है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। इसके अलावा बुध ग्रह को वृद्धि और समृद्धि देने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है। इनका प्रतिनिधित्व स्वयं भगवान विष्णु करते हैं।
माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के ऊपर बुधदेव की कृपा हो जाए तो उसका जीवन कल्याण हो जाता है। इसके साथ ही उत्तर दिशा का स्वामित्व भी बुध ग्रह के पास होता है। उत्तर दिशा को कुबेर देव का स्थान माना गया है।
अपने इन्हीं सब महत्व के चलते बुध ग्रह का वैदिक ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। यही वजह है कि अगर किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में नहीं होते हैं तो ज्योतिष के जानकार उन्हें जल्द से जल्द बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय बताते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं।
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बुध ग्रह से संबंधित उपाय
- बुधवार के दिन बुध की होरा और अश्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र में बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें।
- आप अपनी यथाशक्ति के अनुसार हरी घास, साबुत मूंग, पालक, नीले रंग के फूल, भूरे और नीले रंग के कपड़े आदि का दान कर सकते हैं।
- मुमकिन हो तो बुधवार के दिन व्रत अवश्य प्रारंभ करें। इससे व्यापार में भी सफलता मिलती है, बुद्धि प्रखर होती है, साथ ही घर परिवार से कलह क्लेश भी दूर होता है।
- बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त करने के लिए बुध बीज मंत्र का जाप करें। बुध बीज मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!।
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बुध ग्रह और मेष राशि
वैदिक ज्योतिष में बुध को राजकुमार ग्रह का दर्जा दिया गया है। साथ ही बेहद ही सौम्य ग्रह भी कहलाता है। वहीं बात करें मेष राशि की तो यह राशि चक्र की पहली राशि है और इसका स्वामित्व मंगल को प्राप्त होता है। इसके अलावा मेष एक अग्नि तत्व की राशि भी है। ऐसे में स्वामी मंगल जो की अग्नि ग्रह है और अग्नि तत्व की राशि मेष होने का यह संयोग मेष राशि की अग्नि या ऊर्जा को कई गुना बढ़ा देता है। यही कारण है की मेष राशि के जातक ज़्यादातर अधिक ओजस्वी, दबंग, साथी और दृढ़ इच्छा शक्ति वाले होते हैं।
मेष राशि में बुध का प्रभाव
जहां एक तरफ बुध ग्रह जातक को स्थिर मन और स्पष्ट और निर्णायक होकर फैसले लेने की दृष्टिकोण प्रदान करता है वहीं मेष राशि में जन्मे जातक जल्दी निर्णय लेने वाले होते हैं जो कभी-कभी मंगल के प्रभाव के चलते आवेग पूर्ण होने के चलते गलत भी साबित हो सकते हैं। बुध की मेष राशि में स्थिति जातकों के अंदर नया जोश और उत्साह लेकर आएगी। मेष राशि में बुध से प्रभावित व्यक्ति स्वभाव में कठोर, झगड़ालू, संशय में रहने वाले, अविश्वसनीय होने के साथ-साथ चालक और सक्रिय मस्तिष्क वाले भी होते हैं।
आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध का मेष राशि में गोचर सभी 12 राशियों को कैसे और किस तरह से प्रभावित करने वाला है।
बुध का मेष राशि में गोचर राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध का मेष राशि में गोचरआपके लिए विशेष तौर पर महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध गृह मित्र ग्रह हैं क्योंकि यह वृषभ राशि के स्वामी शुक्र के मित्र ग्रह माने जाते हैं…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
बुध ग्रह आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के स्वामी भी हैं इसलिए बुध का गोचर आपके लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह द्वादश भाव और तृतीय भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह दूसरे भाव और एकादश भाव के स्वामी हैं।बुध का गोचर आपकी राशि …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
बुध का मेष राशि में गोचरकन्या राशि के जातकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र महाराज हैं और उनके परम मित्र हैं बुध ग्रह। यह आपकी राशि के लिए …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल महाराज हैं और आपकी राशि के लिए बुध महाराज अष्टम भाव और एकादश भाव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के स्वामी ग्रह गुरु बृहस्पति हैं और आपकी राशि के लिए बुध ग्रह सप्तम भाव और दशम भाव के स्वामी हैं…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे भाव और नवम भाव के स्वामी हैं और अपने इस गोचर की अवधि में वह…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुंभ राशि
बुध का मेष राशि में गोचरकुंभ राशि के जातकों के तीसरे भाव में होने वाला है। बुध आपकी कुंडली के लिए पंचम भाव …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। आपकी राशि के लिए बुध महाराज आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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